जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने बसपा विधायकों के दल-बदल करने और मामले में स्पीकर की ओर से दल-बदल की शिकायत को आनन-फानन में खारिज करने को लेकर विधानसभा स्पीकर, सचिव और 6 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश बसपा और मदन दिलावर की याचिका पर दिए.
मदन दिलावर की ओर से जहां दल-बदल की शिकायत को विधानसभा स्पीकर की ओर से खारिज करने को चुनौती दी गई है, तो वहीं बसपा की ओर से विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के 18 सितंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी गई है.
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बसपा की ओर से कहा गया कि वह राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी है. ऐसे में यदि उसका विलय होना है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर ही हो सकता है. जबकि मामले में राज्य स्तर पर 6 बसपा विधायकों ने पहले पार्टी की सदस्यता त्यागी और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. इसलिए पार्टी विलय का स्पीकर का आदेश गलत है. ऐसे में स्पीकर के आदेश को रद्द करते हुए विधायकों पर बदल-बदल की कार्रवाई की जानी चाहिए.
वहीं, दूसरी और मदन दिलावर की ओर से कहा गया कि उन्होंने चार महीने पहले बसपा विधायकों की दल-बदल की शिकायत स्पीकर के समक्ष पेश की थी, लेकिन स्पीकर ने 4 महीने तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की. गत दिनों हाईकोर्ट में मामला आने के बाद आनन-फानन में शिकायत याचिका को रद्द कर दिया. यहां तक की स्पीकर की ओर से बागी विधायकों को नोटिस तक जारी नहीं किए गए. ऐसे में स्पीकर के आदेश को रद्द किया जाए.
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दोनों याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए अदालत ने विधानसभा स्पीकर, सचिव सहित 6 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.