जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से सुप्रीम कोर्ट पदोन्नत हुए एस रविन्द्र भट्ट ने कहा कि उनके पद संभालने के बाद प्रदेश की न्यायपालिका में कुछ छोटी-मोटी सर्जरी करनी पड़ी, लेकिन अब हालात ठीक हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसके व्यवहार से जज करना मुश्किल होता है. सीजे रविन्द्र भट्ट ने यह विचार अपने रेफरेंस कार्यक्रम के दौरान रखे. जोधपुर मुख्यपीठ में न्यायाधीश भट्ट के सम्मान में हुए इस रेफरेंस में वीसी के जरिए जयपुर पीठ के न्यायाधीश और वकील शामिल हुए.
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इस मौके पर सीजे भट्ट ने भावुक होते हुए कहा कि अलविदा का अर्थ भूलजाना होता है. इसलिए वे किसी को गुड बाय नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे जल्दी से सबसे मिलेंगे. वीसी के दौरान आवाज को लेकर दो बार तकनीकी बाधा भी उत्पन्न हुई. जिसे तत्काल ठीक किया गया.
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गौरतलब है कि अपने करीब चार माह के कार्यकाल में सीजे भट्ट ने एक ओर जोधपुर और जयपुर पीठ को वीसी के जरिए जोड़कर मुकदमों की सुनवाई आरंभ की. वहीं दूसरी ओर दस साल से पुराने मुकदमों के जल्द निस्तारण की दिशा में कदम उठाए. अपने कार्यकाल के दौरान सीजे भट्ट बिना किसी प्रोटोकॉल कई जिलों की अदालतों में जाकर वहां के पीठासीन अधिकारियों के व्यवहार और उनकी मुश्किलों को भी जाना.