जयपुर. प्रदेश भाजपा में पोस्टर पॉलिटिक्स को लेकर आए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान के बाद यह मामला थम गया था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की इस मसले में एंट्री हो गई है. कटारिया ने कहा कि पोस्टर के कारण हम नेता बन जाएं और भविष्य के मुख्यमंत्री बन जाएंगे, यह गलतफहमी भाजपा में किसी को भी नहीं पालनी चाहिए. गुलाबचंद कटारिया से जब भाजपा में चल रहे पोस्टर पॉलिटिक्स और उस पर हालही में आए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के 'पोस्टर में नहीं दिलों पर राज करने' से जुड़े बयान को लेकर सवाल पूछा गया तब कटारिया ने यह जवाब दिया.
कटारिया ने यह भी कहा कि मैं भी 40 साल से इसी काम को कर रहा हूं, कहीं मेरा पोस्टर छपा होगा और कहीं पर नहीं छपा होगा. लेकिन, मैं जनप्रतिनिधि बनकर आ रहा हूं. कटारिया ने कहा अब दिलों पर राज करना तो व्यक्ति की सेवा पर निर्भर करता है, जो जितनी सेवा करेगा उसके फोटो भले ही कहीं ना छपें, लेकिन लोगों के दिल और मन पर निश्चित रूप से रहेगा. लेकिन, यह छानबीन करना बहुत मुश्किल है कि फोटो कहां छपा है और कहां नहीं छपा है.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया का यह बयान प्रदेश भाजपा के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है, क्योंकि बुधवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने पत्रकारों के एक सवाल पर जवाब दिया था कि वो पोस्टर में नहीं बल्कि लोगों के दिल पर राज करती हैं. राजे के इस बयान पर गुरुवार को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी समर्थन करते हुए कहा था कि वसुंधरा राजे लोकप्रिय नेता हैं और राजस्थान की राजनीति में उनकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है.
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वहीं, प्रदेश की गहलोत सरकार पर हमला करते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि तुलनात्मक अध्ययन में यह साफ है कि प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस साल महज 7 माह में नकबजनी की घटनाओं में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, चोरी के प्रकरण में 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसी तरह बलात्कार के प्रकरण में 7 माह में 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अपहरण के मामलों में सर्वाधिक 31.62 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
कटारिया ने कहा कि सरकार हमारी भी थी और मैं भी गृहमंत्री था, उसमें भी अपराध हुए लेकिन हमने उसमें कमी का प्रयास किया और कमी हुई भी, लेकिन मौजूदा सरकार में गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के पास है, लेकिन इस विभाग की निरंतर मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए और विभाग की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए एक सहयोगी मंत्री रखने की भी मांग की. वहीं, भरतपुर डॉक्टर पर एसीबी की कार्रवाई के बाद वापस जमानत पर रिहा करने के प्रकरण को लेकर कटारिया ने सरकार को निशाना साधा.