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कांग्रेस नेता केंद्र सरकार को हर दिन चार्जशीट देना बंद करें, अभी आरोप लगाने का समय नहीं है: कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने कोई प्राथमिक व्यवस्था नहीं की. जब प्रदेश में लोग मर रहे हैं तो उसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के ऊपर थोप रहे हैं.

Gulabchand Kataria,  Jaipur News
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया
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Published : May 15, 2021, 11:06 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीन और ऑक्सीजन को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो रही गहलोत सरकार पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने तीखा हमला किया है. कटारिया ने कहा कि हर दिन उठकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके मंत्री, विधायक और कांग्रेस पार्टी के नेता केंद्र की मोदी सरकार को आरोपों की चार्जशीट थमा देते हैं. लेकिन, अगर सारी व्यवस्थाएं केंद्र सरकार को करनी है तो फिर राजस्थान में गहलोत सरकार क्या करेगी.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान

पढ़ें- रिश्तों को मिला बल: दोस्त की मां की तबीयत खराब हुई तो 420 किलोमीटर बाइक चलाकर पहुंचाया रेमडेसिविर इंजेक्शन

कटारिया ने कहा कि फरवरी से दूसरी लहर का खतरा लगातार दिख रहा था, उसके बाद भी गहलोत सरकार ने कोई प्राथमिक व्यवस्था नहीं की थी. जब प्रदेश में लोग मर रहे हैं तो उसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के ऊपर थोप रहे हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का असर फरवरी से दिखने लग गया था. महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दूसरी लहर की वजह से ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी सामने आ रही थी. उसके बावजूद भी प्रदेश की गहलोत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. प्राथमिक व्यवस्थाओं के नाम पर उन्होंने कुछ नहीं किया और जब अब चीजें उनके हाथ से निकल गई और लोगों की लगातार मौत हो रही है, तब सारे आरोप केंद्र सरकार पर थोपे जा रहे हैं.

कटारिया ने कहा कि जिन व्यवस्थाओं को करने के लिए गहलोत सरकार कदम उठा रही है क्या यह व्यवस्था पहले नहीं की जा सकती थी. सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक और पार्टी के नेता हर दिन केंद्र सरकार को आरोपों की चार्जशीट थमा रहे हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि अगर सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को उठानी है तो फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किस बात की सरकार चला रहे हैं.

पढ़ें- SPECIAL : मुख्यमंत्री के गृह जिले के गांव सिस्टम से हारे...अब 'महामृत्युंजय' के सहारे

उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात कर रहे हैं, यह फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर 14 मई को ही यह निर्णय लिया गया. क्या यह फैसला सरकार पहले नहीं कर सकती थी. इसका मतलब साफ है कि सरकार आने वाली विपदा को सही तरीके से आकलन नहीं कर पाई जिसकी वजह से आज प्रदेश में ये हालात बने हुए हैं.

कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी और उस वक्त उन्होंने साफ कर दिया था कि 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को वैक्सीन को निशुल्क उपलब्ध कराएगी और उससे कम उम्र के लोगों की वैक्सीन की व्यवस्था राज्य सरकार को अपने स्तर पर करनी है. राज्य सरकार ने खरीदने की व्यवस्थाएं क्यों नहीं की.

आज प्रदेश के कई जिलों में वैक्सीन का काम बंद पड़ा है इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाय सभी का सहयोग लें. सीएम गहलोत इस महामारी का मुकाबला किस तरह से कर सकते हैं उस पर काम करें. अभी वक्त आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीन और ऑक्सीजन को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो रही गहलोत सरकार पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने तीखा हमला किया है. कटारिया ने कहा कि हर दिन उठकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके मंत्री, विधायक और कांग्रेस पार्टी के नेता केंद्र की मोदी सरकार को आरोपों की चार्जशीट थमा देते हैं. लेकिन, अगर सारी व्यवस्थाएं केंद्र सरकार को करनी है तो फिर राजस्थान में गहलोत सरकार क्या करेगी.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान

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कटारिया ने कहा कि फरवरी से दूसरी लहर का खतरा लगातार दिख रहा था, उसके बाद भी गहलोत सरकार ने कोई प्राथमिक व्यवस्था नहीं की थी. जब प्रदेश में लोग मर रहे हैं तो उसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के ऊपर थोप रहे हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का असर फरवरी से दिखने लग गया था. महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दूसरी लहर की वजह से ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी सामने आ रही थी. उसके बावजूद भी प्रदेश की गहलोत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. प्राथमिक व्यवस्थाओं के नाम पर उन्होंने कुछ नहीं किया और जब अब चीजें उनके हाथ से निकल गई और लोगों की लगातार मौत हो रही है, तब सारे आरोप केंद्र सरकार पर थोपे जा रहे हैं.

कटारिया ने कहा कि जिन व्यवस्थाओं को करने के लिए गहलोत सरकार कदम उठा रही है क्या यह व्यवस्था पहले नहीं की जा सकती थी. सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक और पार्टी के नेता हर दिन केंद्र सरकार को आरोपों की चार्जशीट थमा रहे हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि अगर सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को उठानी है तो फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किस बात की सरकार चला रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात कर रहे हैं, यह फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर 14 मई को ही यह निर्णय लिया गया. क्या यह फैसला सरकार पहले नहीं कर सकती थी. इसका मतलब साफ है कि सरकार आने वाली विपदा को सही तरीके से आकलन नहीं कर पाई जिसकी वजह से आज प्रदेश में ये हालात बने हुए हैं.

कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी और उस वक्त उन्होंने साफ कर दिया था कि 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को वैक्सीन को निशुल्क उपलब्ध कराएगी और उससे कम उम्र के लोगों की वैक्सीन की व्यवस्था राज्य सरकार को अपने स्तर पर करनी है. राज्य सरकार ने खरीदने की व्यवस्थाएं क्यों नहीं की.

आज प्रदेश के कई जिलों में वैक्सीन का काम बंद पड़ा है इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाय सभी का सहयोग लें. सीएम गहलोत इस महामारी का मुकाबला किस तरह से कर सकते हैं उस पर काम करें. अभी वक्त आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है.

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