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पब्लिसिटी के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए लोढ़ा, गलत निकला तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें : कटारिया - MLA Sanyam Lodha

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधायक संयम लोढ़ा पर निशाना साधा है. कटारिया ने कहा कि खुद की पब्लिसिटी के लिए बिना प्रक्रिया अपनाए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लोढ़ा आए हैं, लेकिन अगर वह गलत निकला तो वे खुद भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

Breach of privilege motion, Gulabchand Kataria latest statement
संयम लोढ़ा को लेकर गुलाबचंद कटारिया का बयान
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Published : Jul 2, 2020, 5:01 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से सरकार पर 23 विधायकों को खान और रीको में जमीन आवंटन से जुड़े आरोप पर लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सियासत जारी है. विधानसभा में हाल ही में अध्यक्ष सीपी जोशी ने विशेषाधिकार समिति का गठन भी कर दिया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि संयम लोढ़ा खुद की पब्लिसिटी के लिए बिना प्रक्रिया अपनाए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव आए, लेकिन यदि वह गलत निकला तो लोढ़ा खुद भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

संयम लोढ़ा पर कटारिया ने साधा निशाना

गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की पूरी एक प्रक्रिया होती है. इस प्रस्ताव के साथ एक निश्चित विधायकों का समर्थन भी चाहिए, लेकिन जो प्रस्ताव संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव को सौंपा है, उसमें केवल खुद के हस्ताक्षर हैं और यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष सत्र आहूत होने के बाद स्वीकार करेंगे. तभी समिति के पास कार्रवाई के लिए जाएगा.

पढ़ें- कांग्रेस की गोद में बैठकर सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे संयम लोढ़ा: सतीश पूनिया

कटारिया ने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र कब आहूत होगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब सत्र आहूत होगा, उस समय भी संयम लोढ़ा को ये प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को देने से पहले निश्चित विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चाहे तो उसे आगे समिति को सौपेंगे.

कटारिया ने कहा कई बार खुद की पब्लिसिटी और प्रचार प्रसार के लिए विधायक इस प्रकार के प्रस्ताव ले आते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर जांच में यह गलत पाया गया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पहले ही साफ कर चुके हैं कि आज उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है, तो खुद मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था, जो सीधे तौर पर विधायकों के लिहाज से विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है.

पढ़ें- विधायक संयम लोढ़ा ने सतीश पूनिया के खिलाफ लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा था और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में कमेटियों का गठन करते हुए विशेषाधिकार समिति भी बना दी. जिसमें कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत को सभापति मनोनीत किया गया है.

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सियासत जारी...

सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 158 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है. क्योंकि हाल ही में सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर 23 विधायकों को खान आवंटन और रीको में जमीन आवंटित पर गंभीर आरोप लगाए थे.

वहीं, सतीश पूनिया ने अपने खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाए जाने को लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि संयम लोढ़ा को पहले मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 35 करोड़ रुपये से जुड़े आरोप विधायकों को लेकर लगाए थे.

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से सरकार पर 23 विधायकों को खान और रीको में जमीन आवंटन से जुड़े आरोप पर लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सियासत जारी है. विधानसभा में हाल ही में अध्यक्ष सीपी जोशी ने विशेषाधिकार समिति का गठन भी कर दिया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि संयम लोढ़ा खुद की पब्लिसिटी के लिए बिना प्रक्रिया अपनाए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव आए, लेकिन यदि वह गलत निकला तो लोढ़ा खुद भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

संयम लोढ़ा पर कटारिया ने साधा निशाना

गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की पूरी एक प्रक्रिया होती है. इस प्रस्ताव के साथ एक निश्चित विधायकों का समर्थन भी चाहिए, लेकिन जो प्रस्ताव संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव को सौंपा है, उसमें केवल खुद के हस्ताक्षर हैं और यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष सत्र आहूत होने के बाद स्वीकार करेंगे. तभी समिति के पास कार्रवाई के लिए जाएगा.

पढ़ें- कांग्रेस की गोद में बैठकर सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे संयम लोढ़ा: सतीश पूनिया

कटारिया ने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र कब आहूत होगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब सत्र आहूत होगा, उस समय भी संयम लोढ़ा को ये प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को देने से पहले निश्चित विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चाहे तो उसे आगे समिति को सौपेंगे.

कटारिया ने कहा कई बार खुद की पब्लिसिटी और प्रचार प्रसार के लिए विधायक इस प्रकार के प्रस्ताव ले आते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर जांच में यह गलत पाया गया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पहले ही साफ कर चुके हैं कि आज उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है, तो खुद मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था, जो सीधे तौर पर विधायकों के लिहाज से विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है.

पढ़ें- विधायक संयम लोढ़ा ने सतीश पूनिया के खिलाफ लगाया विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा था और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में कमेटियों का गठन करते हुए विशेषाधिकार समिति भी बना दी. जिसमें कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत को सभापति मनोनीत किया गया है.

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सियासत जारी...

सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर विधानसभा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 158 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लगाया है. क्योंकि हाल ही में सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर 23 विधायकों को खान आवंटन और रीको में जमीन आवंटित पर गंभीर आरोप लगाए थे.

वहीं, सतीश पूनिया ने अपने खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लगाए जाने को लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि संयम लोढ़ा को पहले मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 35 करोड़ रुपये से जुड़े आरोप विधायकों को लेकर लगाए थे.

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