जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी टेबल बुक पर उपजे विवाद मामले में खुद राज्यपाल मिश्र ने संज्ञान लेते हुए घटना पर गहरी नाराजगी जताई. अपने सचिव को घटना से संबंधित लोगों का स्पष्टीकरण लेकर दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, पुस्तक विवाद में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अब राज्यपाल के समर्थन में आगे आए हैं.
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सोमवार को राजभवन की ओर से जारी बयान में पुस्तक 'कलराज मिश्र निमित मात्र हूं मैं' के विक्रय से जुड़े प्रकाशित समाचारों को लेकर राज्यपाल की नाराजगी और संज्ञान की जानकारी दी गई. पुस्तक का लोकार्पण 1 जुलाई को हुआ था, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्पीकर सीपी जोशी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. अब नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले में राज्यपाल कलराज मिश्र का समर्थन दिया है.
राज्यपाल की पुस्तक विवाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा की पुस्तक खरीदना या ना खरीदना विश्वविद्यालय के विवेक पर निर्भर करता है. कटारिया ने कहा कि पुस्तक खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा सकता और मुझको नहीं लगता कि इस प्रकार से कुछ हुआ होगा, लेकिन कुछ कमी है तो उसे ठीक किया जाना चाहिए.
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पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन करने से जुड़े फोटो को लेकर कटारिया ने कहा कि कलराज मिश्र आज राज्यपाल हैं, लेकिन उनके जीवन का पिछला समय बीजेपी वर्कर के रूप में बीता और उन्हीं अनुभवों को उन्होंने अपनी पुस्तक में समाहित किया क्योंकि पुस्तक बतौर राज्यपाल की ओर से नहीं लिखी गई बल्कि उनके जीवन पर आधारित थी. हालांकि, इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया था. पुस्तक में विवादित कुछ नहीं है.
गौरतलब है कि कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालयों को 19-19 किताबों के सेट उनके ड्राइवरों के जरिए थमा दिए गए और साथ में 68-68 हजार रुपये की बिल थमाए जाने की बात सामने आई. जिसके बाद ये पूरा बवाल हुआ.