जयपुर. भरतपुर में सरकारी वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों को किराए पर देने के मामले में जारी सियासत के बीच सरकार की ओर से जारी किया गया नया फरमान विवादों में है. अब प्रदेश सरकारी अस्पतालों में जो उपकरण काम नहीं आ रहे, उन्हें निजी अस्पतालों को मदद के तौर पर इस्तेमाल के लिए दिए जा सकेंगे. लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पर आपत्ति जताई है और यह भी कहा है कि भरतपुर की गलती छुपाने के लिए सरकार नए फरमान का सहारा ले रही है जो शर्मनाक भी है.
कटारिया ने एक बयान जारी कर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव केस नए फरमान की मंशा पर भी सवाल खड़े किए. कटारिया ने कहा अप्रैल से लेकर आज 11 तारीख को ऐसी क्या आवश्यकता पड़ गई जो आदेश अब जारी करना पड़े. कटारिया ने कहा भरतपुर में जिस प्रकार सरकारी वेंटिलेटर किराए पर दिए गए और निजी अस्पतालों ने मरीजों से उसके लिए 40-40 हजार रुपये तक वसूले है.
कटारिया के अनुसार उस शर्मनाक घटना पर पर्दा डालने के लिए अब सरकार ने यह नया फरमान निकाल दिया, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग यह बता दें कि इस महामारी के दौर में अप्रैल से लेकर अब तक ऐसे कौन से सरकारी अस्पताल है और उनमें ऐसे कौन से उपकरण है जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. एसएस पताल और उपकरणों की सूची भी सार्वजनिक करें, लेकिन केवल अपनी पुरानी गलती छुपाने के लिए नए आदेश जारी कर दे वो अशोभनीय है.