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Pet Dog Rules In Jaipur: बढ़ रहे हैं डॉग बाइटिंग के मामले, जल्द शहर में बैन होंगे खतरनाक और कोल्ड क्लाइमेट ब्रीड

खतरनाक नस्ल के कुत्तों के हमले का शिकार ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं (brutal dog attacks In Jaipur). इस मामले में स्वायत्त शासन विभाग का लापरवाह रवैया भी एक हद तक जिम्मेदार है. ग्रेटर निगम का कहना है कि हाल ही में जो डॉग Attacks हुए हैं उन पर लगाम लग जाती अगर डीएलबी ने समय पर संज्ञान ले लिया होता. निगम की ओर से इस मामले में प्रस्ताव 1 साल पहले ही स्वायत्त शासन विभाग को भेजा गया था.

Pet Dog Rules In Jaipur
बैन होंगे खतरनाक कोल्ड क्लाइमेट ब्रीड
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Published : Jul 14, 2022, 8:38 AM IST

Updated : Jul 14, 2022, 5:40 PM IST

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम ने 5 खतरनाक और कोल्ड क्लाइमेट डॉग ब्रीड को बैन करने का प्रस्ताव स्वायत्त शासन विभाग (Directorate of Local Bodies) को भेजा था. 1 साल बाद फिर रिमाइंडर भेजा लेकिन इसका भी अब तक संज्ञान नहीं लिया गया है. इस बीच शहर में पेट डॉग मालिकों की सहूलियत के लिए ग्रेटर नगर निगम ने ऑनलाइन डॉग रजिस्ट्रेशन (Dog Breed Registration In Jaipur) शुरू करने का फैसला लिया है. बहुत जल्द ये सुविधा Pet Dog रखने वालों के लिए उपलब्ध होगी. सोच ये है कि इससे शहर में मौजूद पेट डॉग ब्रीड और उनके वैक्सीनेशन की डिटेल हासिल की जा सके और फिर नियमों के अनुसार पेट डॉग को नहीं पालने वालों पर कार्रवाई की जा सके.

समय रहते चेतते तो ऐसा नहीं होता: बीते साल वैशाली नगर में 11 वर्षीय मासूम पिटबुल नस्ल के पेट डॉग का शिकार हुआ था. इस घटना से सीख लेकर ग्रेटर नगर निगम ने 21 जुलाई 2021 को एक कदम उठाया. जिस पर यदि सही समय पर अप्रूवल मिल जाता, तो शायद रामगंज में 9 साल का बच्चा और झालाना में 7 साल की मासूम पिटबुल नस्ल के डॉग का शिकार न होते (brutal dog attacks In Jaipur). बजाज नगर में रहने वाली बुजुर्ग महिला भी सेंट बर्नार्ड नस्ल के डॉग से सुरक्षित रहतीं. दरअसल, ग्रेटर नगर निगम ने बीते साल 21 जुलाई को डीएलबी को पत्र लिखकर कुछ खतरनाक और कोल्ड क्लाइमेट में रहने वाले डॉग को पालने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. कोल्ड क्लाइमेट में रहने वालों में अलास्कान मेलमेट, सेंट बर्नार्ड और साइबेरियन हस्की, जबकि खतरनाक डॉग की श्रेणी में आने वाले अमेरिकन पिटबुल टेरियर और रोटविलर जैसे डॉग शामिल थे. जिस पर 1 साल बीत जाने के बाद भी अब तक संज्ञान नहीं लिया गया. यही वजह है कि ग्रेटर नगर निगम की ओर से एक बार फिर डीएलबी को रिमाइंडर लेटर भेजा गया है. ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर महेंद्र सोनी ने बताया कि डीएलबी को जो प्रस्ताव भेजा है, उस पर राज्य सरकार स्तर से प्रतिबंध लग जाता है, तो फिर बैन ब्रीड डॉग को शहर में नहीं रहने दिया जाएगा.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, एक पंथ दो काज: निगम ने जल्द डॉग रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन सुविधा (Jaipur Online pet dog Registration) शुरू करने का फैसला लिया है ताकि डॉग लवर्स अपने पेट का घर बैठे रजिस्ट्रेशन करा सकें. इसके साथ एक फायदा और होगा. निगम के पास भी ये जानकारी उपलब्ध होगी कि (Guidelines For pet Dog in Jaipur) शहर में कितने डॉग और किस नस्ल के हैं. उनका वैक्सीनेशन और बंध्याकरण हुआ है या नहीं.

पढ़ें-घरों में पाले जा रहे खूंखार डॉग्स अब करने लगे आम लोगों पर हमला, बढ़ते मामलों के बावजूद मूकदर्शक बना निगम

खतरनाक क्यों हैं कोल्ड क्लाइमेट ब्रीड: निगम पशु प्रबंधन शाखा के डॉ राजेंद्र छोलक ने बताया कि गर्मियों में डॉग बाइटिंग के मामले बढ़ जाते हैं. जिसका प्रमुख कारण डॉग्स की प्यास नहीं बुझना, उन्हें पर्याप्त भोजन और छायादार स्थान नहीं मिलना है. इसके अलावा कुछ डॉग नेचर से भी अग्रेसिव होते हैं. जिसकी वजह से डॉग बाइटिंग की घटनाएं होती हैं, जबकि पेट डॉग को समय से बाहर नहीं घुमाने से बाहरी वातावरण से उनका संपर्क नहीं होता और जब अचानक उन्हें बाहर लाया जाता है, तो वो अनजान व्यक्ति को बाइट कर लेता है. उन्होंने बताया कि निगम स्तर पर इन डॉग का रजिस्ट्रेशन किया जाता है साथ ही एक शपथ पत्र के माध्यम से डॉग मालिक को पाबंद किया जाता है कि वो डॉग को बाहर घुमाने से पहले डॉग लीश (पट्टा) और मज़ल का इस्तेमाल करेंगे. इन नियमों को तोड़ने वालों को पेनल्टी का प्रावधान भी तय किया जा रहा है.

अब तक महज 2 प्रतिशत रजिस्टर्ड: फिलहाल निगम की ओर से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. उपलब्ध आकंड़ों के मुताबिक अब तक शहर में पाले जाने वाले डॉग्स में 2% का ही रजिस्ट्रेशन किया जा सका है. रजिस्ट्रेशन में कई जानकारी मांगी जाती है इसलिए अगर ये दर बढ़ी होती तो संबंधित विभाग को सुविधा होती. अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से उम्मीद है कि आंकड़ों में सुधार होगा. इसमें पेट डॉग का नाम, डेट ऑफ बर्थ, ब्रीड, मेल/ फीमेल, कलर, मार्किंग, वैक्सीनेशन डिटेल और स्टरलाइजेशन की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी. जिससे खतरनाक डॉग्स की पुख्ता सूची बनाकर उन पर उपयुक्त कार्रवाई संभव होगी और राजधानी में डॉग बाइटिंग के केस पर लगाम लग सकेगी.

ये भी पढ़ें-Stray Dogs Bite Boy In Jaipur: 9 साल के मासूम को 5 आवारा कुत्तों ने 40 जगह से नोचा...सीसीटीवी फुटेज आया सामने

'ABC' जरूरी: जानवरों की बढ़ती तादाद से भी दिक्कत होती है, इसलिए निगम की ओर से एबीसी प्रोग्राम (ABC Campaign In Jaipur) चलाया जाता है. कुछ समय से ये ठप है. निगम की ओर से बंद पड़े एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को लेकर आयुक्त ने कहा कि इसका रीटेंडर किया जा रहा है (Pet Dog Rules In Jaipur). फिलहाल यहां की लोकल संस्था के माध्यम से एबीसी प्रोग्राम को संचालित किया जा रहा है.

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम ने 5 खतरनाक और कोल्ड क्लाइमेट डॉग ब्रीड को बैन करने का प्रस्ताव स्वायत्त शासन विभाग (Directorate of Local Bodies) को भेजा था. 1 साल बाद फिर रिमाइंडर भेजा लेकिन इसका भी अब तक संज्ञान नहीं लिया गया है. इस बीच शहर में पेट डॉग मालिकों की सहूलियत के लिए ग्रेटर नगर निगम ने ऑनलाइन डॉग रजिस्ट्रेशन (Dog Breed Registration In Jaipur) शुरू करने का फैसला लिया है. बहुत जल्द ये सुविधा Pet Dog रखने वालों के लिए उपलब्ध होगी. सोच ये है कि इससे शहर में मौजूद पेट डॉग ब्रीड और उनके वैक्सीनेशन की डिटेल हासिल की जा सके और फिर नियमों के अनुसार पेट डॉग को नहीं पालने वालों पर कार्रवाई की जा सके.

समय रहते चेतते तो ऐसा नहीं होता: बीते साल वैशाली नगर में 11 वर्षीय मासूम पिटबुल नस्ल के पेट डॉग का शिकार हुआ था. इस घटना से सीख लेकर ग्रेटर नगर निगम ने 21 जुलाई 2021 को एक कदम उठाया. जिस पर यदि सही समय पर अप्रूवल मिल जाता, तो शायद रामगंज में 9 साल का बच्चा और झालाना में 7 साल की मासूम पिटबुल नस्ल के डॉग का शिकार न होते (brutal dog attacks In Jaipur). बजाज नगर में रहने वाली बुजुर्ग महिला भी सेंट बर्नार्ड नस्ल के डॉग से सुरक्षित रहतीं. दरअसल, ग्रेटर नगर निगम ने बीते साल 21 जुलाई को डीएलबी को पत्र लिखकर कुछ खतरनाक और कोल्ड क्लाइमेट में रहने वाले डॉग को पालने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. कोल्ड क्लाइमेट में रहने वालों में अलास्कान मेलमेट, सेंट बर्नार्ड और साइबेरियन हस्की, जबकि खतरनाक डॉग की श्रेणी में आने वाले अमेरिकन पिटबुल टेरियर और रोटविलर जैसे डॉग शामिल थे. जिस पर 1 साल बीत जाने के बाद भी अब तक संज्ञान नहीं लिया गया. यही वजह है कि ग्रेटर नगर निगम की ओर से एक बार फिर डीएलबी को रिमाइंडर लेटर भेजा गया है. ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर महेंद्र सोनी ने बताया कि डीएलबी को जो प्रस्ताव भेजा है, उस पर राज्य सरकार स्तर से प्रतिबंध लग जाता है, तो फिर बैन ब्रीड डॉग को शहर में नहीं रहने दिया जाएगा.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, एक पंथ दो काज: निगम ने जल्द डॉग रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन सुविधा (Jaipur Online pet dog Registration) शुरू करने का फैसला लिया है ताकि डॉग लवर्स अपने पेट का घर बैठे रजिस्ट्रेशन करा सकें. इसके साथ एक फायदा और होगा. निगम के पास भी ये जानकारी उपलब्ध होगी कि (Guidelines For pet Dog in Jaipur) शहर में कितने डॉग और किस नस्ल के हैं. उनका वैक्सीनेशन और बंध्याकरण हुआ है या नहीं.

पढ़ें-घरों में पाले जा रहे खूंखार डॉग्स अब करने लगे आम लोगों पर हमला, बढ़ते मामलों के बावजूद मूकदर्शक बना निगम

खतरनाक क्यों हैं कोल्ड क्लाइमेट ब्रीड: निगम पशु प्रबंधन शाखा के डॉ राजेंद्र छोलक ने बताया कि गर्मियों में डॉग बाइटिंग के मामले बढ़ जाते हैं. जिसका प्रमुख कारण डॉग्स की प्यास नहीं बुझना, उन्हें पर्याप्त भोजन और छायादार स्थान नहीं मिलना है. इसके अलावा कुछ डॉग नेचर से भी अग्रेसिव होते हैं. जिसकी वजह से डॉग बाइटिंग की घटनाएं होती हैं, जबकि पेट डॉग को समय से बाहर नहीं घुमाने से बाहरी वातावरण से उनका संपर्क नहीं होता और जब अचानक उन्हें बाहर लाया जाता है, तो वो अनजान व्यक्ति को बाइट कर लेता है. उन्होंने बताया कि निगम स्तर पर इन डॉग का रजिस्ट्रेशन किया जाता है साथ ही एक शपथ पत्र के माध्यम से डॉग मालिक को पाबंद किया जाता है कि वो डॉग को बाहर घुमाने से पहले डॉग लीश (पट्टा) और मज़ल का इस्तेमाल करेंगे. इन नियमों को तोड़ने वालों को पेनल्टी का प्रावधान भी तय किया जा रहा है.

अब तक महज 2 प्रतिशत रजिस्टर्ड: फिलहाल निगम की ओर से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. उपलब्ध आकंड़ों के मुताबिक अब तक शहर में पाले जाने वाले डॉग्स में 2% का ही रजिस्ट्रेशन किया जा सका है. रजिस्ट्रेशन में कई जानकारी मांगी जाती है इसलिए अगर ये दर बढ़ी होती तो संबंधित विभाग को सुविधा होती. अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से उम्मीद है कि आंकड़ों में सुधार होगा. इसमें पेट डॉग का नाम, डेट ऑफ बर्थ, ब्रीड, मेल/ फीमेल, कलर, मार्किंग, वैक्सीनेशन डिटेल और स्टरलाइजेशन की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी. जिससे खतरनाक डॉग्स की पुख्ता सूची बनाकर उन पर उपयुक्त कार्रवाई संभव होगी और राजधानी में डॉग बाइटिंग के केस पर लगाम लग सकेगी.

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'ABC' जरूरी: जानवरों की बढ़ती तादाद से भी दिक्कत होती है, इसलिए निगम की ओर से एबीसी प्रोग्राम (ABC Campaign In Jaipur) चलाया जाता है. कुछ समय से ये ठप है. निगम की ओर से बंद पड़े एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को लेकर आयुक्त ने कहा कि इसका रीटेंडर किया जा रहा है (Pet Dog Rules In Jaipur). फिलहाल यहां की लोकल संस्था के माध्यम से एबीसी प्रोग्राम को संचालित किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 14, 2022, 5:40 PM IST
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