जयपुर. राजधानी के परकोटा क्षेत्र में अतिक्रमण रोकने में निगम पूरी तरह फेल साबित हुआ है. यहां चौकड़ी पुरानी बस्ती में फूटा कोट से चांदपोल, अजमेरी गेट, न्यू गेट, सांगानेरी गेट, घाट गेट, सूरजपोल, गंगापोल और जोरावर सिंह गेट तक परकोटा पूरी तरह अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है.
यही नहीं पुरानी बस्ती में हजारी बुर्ज, दरबार स्कूल और घाट गेट के रियासत कालीन सैन्य छावनी से जुड़े परकोटे और इसकी बुर्जों को भी अतिक्रमियों ने नहीं छोड़ा. जिस पर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने चिंता जताई है. साथ ही हेरिटेज को संरक्षित करने के लिए गंभीरता के साथ कोशिश करने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्टेट लेवल हेरिटेज कमेटी की हर 2 महीने में बैठक हो रही है. विरासत को संभालने और सुरक्षित रखने के लिए चिंतित हैं और अब जल्द से जल्द हेरिटेज बायलॉज जयपुर में लागू हो.
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वहीं इन बायलॉज में पुरानी हवेलियों को संरक्षित करने से जुड़े नियमों को भी जोड़ा गया है. शहर में 400 से ज्यादा पुरानी हवेलियां है. जिसमें हजारों लोग निवास करते हैं, लेकिन इनके हालात बदहाल हैं. और हेरिटेज होने के चलते इनमें नवनिर्माण भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में नए हेरिटेज बायलॉज में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की गई है. हेरिटेज बिल्डिंग के उपयोग को लेकर बनाए गए बायलॉज के अनुसार, हेरिटेज हवेलियों का उपयोग गेस्ट हाउस, हेरिटेज होटल, आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी, म्यूजिक एकेडमी आदि के रूप में किया जा सकता है, ताकि चारदीवारी के अंदर होने वाली आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहें.