जयपुर. ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने बुधवार को अक्षय ऊर्जा निगम के सभागार में उद्योग, डिस्काम्स, अक्षय ऊर्जा सहित संबंधित विभागों की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि राजस्थान में ग्रीन हाइड्रो एनजी की विपुल संभावनाएं हैं.
पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर आदि जिलों के साथ ही कोटा, बारां, बांसवाड़ा सहित अनेक जिलों में इस तरह के प्लांट लगाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि ग्रीन हाइड्रो एनर्जी नीति के लिए राज्य सरकार स्तर पर अलग अलग विभागों द्वारा काम किया जा रहा है. अब इसे अमली जामा पहनाने के लिए एनर्जी विभाग द्वारा ठोस नीति तैयार की जाएगी.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ग्रीन हाइड्रो प्लांटों पानी से इलेक्ट्रोलाइसिस करके हाईड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जाता है. इसके साथ ही इस नई तकनीक से फयूल सेल के साथ ही ऑक्सीजन, अमोनिया, नेचुरल गैस, केमिकल यूज, पेट्रोकेमिकल सहित अनेक बायोप्रोडक्टस का उत्पादन हो सकेगा. इसके साथ ही सोलर ऊर्जा को स्टोरेज कर यूज करने की तकनीक भी विकसित हो सकेगी. उन्होंने बताया कि राजस्थान में इसकी विपुल संभावनाओं को देखते हुए ग्रीन हाईड्रो नीति में इस तरह के प्लांटों को बढ़ावा देने के प्रावधान किए जाएंगे.
आलोक रंजन की अध्यक्षता में कोर ग्रुप का गठन
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रस्तावित नीति पर आरंभिक मंथन उद्योग, डिस्काम्स आदि द्वारा अलग अलग स्तर पर किया गया है. उन्होंने बताया कि संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन की अध्यक्षता में एक कोर ग्रुप गठित करने का निर्णय किया गया है जिसमें अन्य के अतिरिक्त केपी वर्मा निदेशक तकनीकी जेवीवीएनएल, सीसीएओ जेवीवीएनएल एके जोशी, अक्षय ऊर्जा के निदेशक ऑपरेशन नरेन्द्र सुवालका, पवन तंवर, उद्योग विभाग के पीआर शर्मा, अक्षय ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक सुनित माथुर आदि को शामिल किया गया है.
उन्होंने बताया कि यह कोर ग्रुप निजी क्षेत्र की ग्रीनको, एक्नो,रिन्यू एनर्जी आदि के प्रतिनिधियों को भी विशेष आमंत्रित के रुप में बुलाकर चर्चा करेगा ताकि राज्य की यह नीति देश की अग्रणी नीति बन सके. उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि केन्द्र सरकार की इस संबंध में जारी होने वाली नीति के आने के बाद उनके प्रमुख बिंदुओं का भी अध्ययन कर दस से पन्द्रह दिन में राज्य की नीति जारी हो सके. कोर ग्रुप ओपन एक्सेस, एनर्जी बैकिंग और कॉन्ट्रेक्ट के संबंध में भी स्पष्ट और व्यावहारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा.