जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच 14 जुलाई को सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन जिन हालातों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान गोविंद सिंह डोटासरा को मिली उसके चलते डोटासरा कांग्रेस बाड़ेबंदी में विधायकों के साथ होटल फेयरमाउंट में रुके हुए हैं.
ऐसे में अब तक उन्होंने पदभार भी ग्रहण नहीं किया था. लेकिन इसी बीच परसराम मदेरणा की जयंती पर डोटासरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में परसराम मदेरणा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. लेकिन औपचारिक तौर पर पदभार डोटासरा 29 जुलाई बुधवार को ही ग्रहण करेंगे. गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के वैसे तो 29वें अध्यक्ष होंगे. लेकिन अगर दो बार या ज्यादा बार अध्यक्ष बने नेताओं के नाम हटा दिए जाए तो डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के 24वें अध्यक्ष होंगे.
पदभार ग्रहण का कार्यक्रम
प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा 29 जुलाई को सुबह 10:30 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे. जहां उन्हें पदभार ग्रहण करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे के साथ ही दोनों पर्यवेक्षक रणदीप सिंह सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद रहेंगे.
सबसे पहले गोविंद सिंह डोटासरा को यह सभी नेता उनकी कुर्सी पर बैठाकर पदभार ग्रहण करवाएंगे. उसके बाद डोटासरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपना पहला सर्कुलर जारी करेंगे. जिसके बाद वह आधिकारिक तौर पर राजस्थान कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन जाएंगे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से कांग्रेस मुख्यालय पर एक कार्यक्रम भी रखा गया है.
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हालांकि कोविड-19 के असर के चलते और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई सवाल खड़े ना हो इसके चलते ज्यादा बड़ी संख्या में नेताओं को नहीं बुलाया गया है. बुधवार को जो कार्यक्रम आयोजित होगा उसमें इन नेताओं के साथ ही राजस्थान कांग्रेस के निवर्तमान उपाध्यक्ष और महासचिव मौजूद रहेंगे. इसके अलावा जयपुर शहर के सभी ब्लॉक अध्यक्षों और प्रदेश के निवर्तमान जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया है.
इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधानसभा और लोकसभा का पिछला चुनाव लड़े नेता भी मौजूद रहेंगे. हालांकि पहले सभी विधायकों को भी इस कार्यक्रम में शरीक होना था. लेकिन अब यह तय किया गया है कि विधायक होटल से ही डोटासरा को एक छोटा कार्यक्रम करके प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भेजेंगे, लेकिन इस कार्यक्रम में कुछ मंत्री जरूर मौजूद रह सकते हैं.
पदभार ग्रहण कार्यक्रम में नई परंपरा
गोविंद सिंह डोटासरा 29 जुलाई को अपना पदभार ग्रहण करेंगे और इस बार प्रदेश कांग्रेस में पदभार ग्रहण की नई परंपरा भी देखने को मिलेगी. इस बार नए प्रदेश अध्यक्ष खुद ही अपना पदभार ग्रहण करेंगे. जबकि कांग्रेस में यह परंपरा रही है कि निवर्तमान अध्यक्ष ही नए अध्यक्ष को पदभार ग्रहण कराकर अपनी जिम्मेदारियां नए अध्यक्ष को सौंपते हैं.
साथ ही जब तक नए अध्यक्ष पदभार ग्रहण नहीं करते हैं तब तक निवर्तमान अध्यक्ष पीसीसी का कामकाज देखते हैं. पदभार ग्रहण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल समेत बड़े नेता मौजूद रहेंगे. लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष के नए अध्यक्ष को पदभार ग्रहण कराने वाले परंपरा इस बार बदल जाएगी.
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चुनौती भरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद
तीन बार के विधायक और पेशे से वकील रहे गोविंद सिंह डोटासरा को शायद 15 दिन पहले कोई भी राजनीतिक पंडित अध्यक्ष पद का दावेदार नहीं बता रहा था. लेकिन एक बड़े चेहरे सचिन पायलट को हटाकर और कई बड़े चेहरों को पीछे छोड़ते हुए गोविंद डोटासरा पर कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताया है.
लेकिन वर्तमान में प्रदेश में जो कांग्रेस पार्टी आपसी अंतर्द्वंद से जूझ रही है और कांग्रेस पार्टी के ही विधायक बगावती तेवर दिखा रहे हैं. ऐसे में पार्टी की सरकार बचाए रखने के साथ ही गोविंद सिंह डोटासरा पर संगठन को दोबारा खड़े करने की भी बड़ी जिम्मेदारी होगी.
डोटासरा के अध्यक्ष बनने के साथ ही राजस्थान में कांग्रेस के संगठन के सभी चेहरों को बदल दिया गया है या फिर हटा दिया गया है. यूथ कांग्रेस हो एनएसयूआई हो या सेवादल हो सभी नए चेहरों को अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसे में डोटासरा के ऊपर संगठन को दोबारा खड़े करने की जिम्मेदारी भी होगी.
15 साल में बने पार्टी के अध्यक्ष
1 अक्टूबर 1964 को लक्ष्मणगढ़ के कृपाराम की ढाणी में जन्में गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से B.COM, B.ED और LLB की शिक्षा ग्रहण की. शिक्षा पूरी करने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर कोर्ट में ही वकालत शुरू की और करीब 20 साल तक उन्हें सीकर के बेहतरीन वकीलों में गिना जाता रहा.
साल 2005 में उन्होंने पंचायत इलेक्शन लड़ा और लक्ष्मणगढ़, सीकर के वह प्रधान बने. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा साल 2008 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर वह अपना पहला चुनाव महज 34 वोटों से जीते. इसके बाद साल 2013 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर ही सुभाष महरिया जैसे कद्दावर नेता को चुनाव हराया.
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कांग्रेस पार्टी जब विपक्ष में थी तो गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस पार्टी का सचेतक बनाया गया जिन्होंने 5 साल तक एक बेहतरीन विपक्षी नेता की भूमिका निभाते हुए सरकार को सदन में घेरने का काम किया. साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह डोटासरा ने तीसरी बार लक्ष्मणगढ़ सीट से विधानसभा का चुनाव जीता और एक अविवादित चेहरा होने के चलते उन्हें प्रदेश का शिक्षा मंत्री बनाया गया.
अब एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस पार्टी ने गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जो यह साबित करता है कि कांग्रेस पार्टी में एक कार्यकर्ता कैसे प्रधान के पद से महज 15 साल में ही प्रदेश अध्यक्ष के पद तक पहुंच सकता है.
29 वें अध्यक्ष बनेंगे गोविंद सिंह डोटासरा
1. गोकुलभाई भट्ट
2. जय नारायण व्यास
3. माणिक्य लाल वर्मा
4. मास्टर आदित्येंद्र
5. जय नारायण व्यास
6. शोभाराम
7. मथुरादास माथुर
8. सरदार हरलाल सिंह
9. मथुरादास माथुर
10. हरिदेव जोशी
11. राम किशोर व्यास
12. नाथूराम मिर्धा
13. लक्ष्मी कुमारी चुंडावत
14. गिरधारी लाल व्यास
15. नाथूराम मिर्धा
16. राम किशोर व्यास
17. रामनारायण चौधरी
18. नवल किशोर शर्मा
19. अशोक गहलोत
20. हीरालाल देवपुरा
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21. परसराम मदेरणा
22. अशोक गहलोत
23. गिरिजा व्यास
24. नारायण सिंह
25. डॉक्टर बी डी कल्ला
26. डॉक्टर सीपी जोशी
27. डॉ. चंद्रभान
28. सचिन पायलट
29. गोविंद सिंह डोटासरा