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सभी धड़ों को साधते हुए बनानी होगी डोटासरा को नई कार्यकारिणी, कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला भी हो सकता है लागू

वर्तमान समय में राजस्थान कांग्रेस के इकलौते पदाधिकारी गोविंद सिंह डोटासरा हैं. सियासी महासंग्राम के बाद प्रदेश कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्ष को हटा दिया गया. जिसके बाद अब डोटासरा को अपनी नई कार्यकारिणी बनानी है, वो भी सभी कैंपों को साधते हुए.

Executive President in Rajasthan Congress,  New executive of Rajasthan Congress
राजस्थान कांग्रेस की नई कार्यकारिणी
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Published : Aug 25, 2020, 5:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान में करीब 1 महीने से ज्यादा चला सियासी महासंग्राम अब समाप्त हो चुका है. सभी कांग्रेस नेता अब एक साथ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन सियासी महासंग्राम का असर यह भी हुआ कि राजस्थान कांग्रेस के न सिर्फ अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बनाया गया, बल्कि प्रदेश कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्ष को भी हटा दिया गया.

सभी को साधते हुए बनानी होगी नई कार्यकारिणी

ऐसे में राजस्थान की बात की जाए तो आज गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बने 44 दिन हो जाने के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में अभी कोई पदाधिकारी है तो इकलौते डोटासरा ही हैं. यह तो 14 जुलाई को भी तय माना जा रहा था कि गोविंद सिंह डोटासरा के लिए प्रदेश अध्यक्ष पद कांटों का ताज साबित होगा.

पढ़ें- राजस्थान : अजय माकन कार्यकर्ताओं से लेंगे फीडबैक, तैयार किया जा रहा कार्यक्रम

लेकिन यह किसी को नहीं मलूम था कि उन्हें अपनी कार्यकारिणी के गठन में ही चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. जहां पहले कहा जा रहा था कि अब पायलट कैंप के किसी नेता को बगावत करने के चलते स्थान नहीं दिया जाएगा, तो अब जब पायलट कैंप की वापसी हो चुकी है. ऐसे में डोटासरा के सामने यह भी संकट है कि किस तरीके से वह सभी कैंप को साधते हुए अपनी नई कार्यकारिणी बनाएं.

PCC अध्यक्ष डोटासरा को अब यह काम जल्द ही करना होगा, क्योंकि अक्टूबर महीने में निकाय और पंचायती राज के चुनाव पेंडिंग हैं. ऐसे में उन चुनाव के जो भी नतीजे होंगे वह गोविंद डोटासरा की पहली परीक्षा के तौर पर देखे जाएंगे. ऐसे में बिना टीम के इन चुनावों में सफल होना मुश्किल हो सकता है. गोविंद सिंह डोटासरा के सामने समय और सबको साधना दोनों चुनौतियां बनी हुई हैं.

पढ़ें- विधानसभा सत्र समाप्त, अब गहलोत सरकार पर 'हल्ला-बोल' की तैयारी में भाजपा

कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला भी हो सकता है लागू...

राजस्थान कांग्रेस में एक ओर पदाधिकारियों के चयन को लेकर एक्सरसाइज चल रही है. वहीं, दूसरी ओर कहा जा रहा है कि अब प्रदेश कांग्रेस को अध्यक्ष के साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष भी मिल सकते हैं. इसके पीछे एक कारण तो यह है कि पायलट कैंप अपना अध्यक्ष पद जाने के बाद एक कार्यकारी अध्यक्ष की मांग कर रहा है. दूसरा ये कहा जा रहा है कि एक फार्मूला भी पार्टी में तैयार हो रहा है, जिसके तहत हर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के सहयोग के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे. इसी के तहत राजस्थान में भी गोविंद डोटासरा के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.

जयपुर. राजस्थान में करीब 1 महीने से ज्यादा चला सियासी महासंग्राम अब समाप्त हो चुका है. सभी कांग्रेस नेता अब एक साथ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन सियासी महासंग्राम का असर यह भी हुआ कि राजस्थान कांग्रेस के न सिर्फ अध्यक्ष पद से सचिन पायलट को हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बनाया गया, बल्कि प्रदेश कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्ष को भी हटा दिया गया.

सभी को साधते हुए बनानी होगी नई कार्यकारिणी

ऐसे में राजस्थान की बात की जाए तो आज गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बने 44 दिन हो जाने के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में अभी कोई पदाधिकारी है तो इकलौते डोटासरा ही हैं. यह तो 14 जुलाई को भी तय माना जा रहा था कि गोविंद सिंह डोटासरा के लिए प्रदेश अध्यक्ष पद कांटों का ताज साबित होगा.

पढ़ें- राजस्थान : अजय माकन कार्यकर्ताओं से लेंगे फीडबैक, तैयार किया जा रहा कार्यक्रम

लेकिन यह किसी को नहीं मलूम था कि उन्हें अपनी कार्यकारिणी के गठन में ही चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. जहां पहले कहा जा रहा था कि अब पायलट कैंप के किसी नेता को बगावत करने के चलते स्थान नहीं दिया जाएगा, तो अब जब पायलट कैंप की वापसी हो चुकी है. ऐसे में डोटासरा के सामने यह भी संकट है कि किस तरीके से वह सभी कैंप को साधते हुए अपनी नई कार्यकारिणी बनाएं.

PCC अध्यक्ष डोटासरा को अब यह काम जल्द ही करना होगा, क्योंकि अक्टूबर महीने में निकाय और पंचायती राज के चुनाव पेंडिंग हैं. ऐसे में उन चुनाव के जो भी नतीजे होंगे वह गोविंद डोटासरा की पहली परीक्षा के तौर पर देखे जाएंगे. ऐसे में बिना टीम के इन चुनावों में सफल होना मुश्किल हो सकता है. गोविंद सिंह डोटासरा के सामने समय और सबको साधना दोनों चुनौतियां बनी हुई हैं.

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कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला भी हो सकता है लागू...

राजस्थान कांग्रेस में एक ओर पदाधिकारियों के चयन को लेकर एक्सरसाइज चल रही है. वहीं, दूसरी ओर कहा जा रहा है कि अब प्रदेश कांग्रेस को अध्यक्ष के साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष भी मिल सकते हैं. इसके पीछे एक कारण तो यह है कि पायलट कैंप अपना अध्यक्ष पद जाने के बाद एक कार्यकारी अध्यक्ष की मांग कर रहा है. दूसरा ये कहा जा रहा है कि एक फार्मूला भी पार्टी में तैयार हो रहा है, जिसके तहत हर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के सहयोग के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे. इसी के तहत राजस्थान में भी गोविंद डोटासरा के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.

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