जयपुर. निकाय चुनाव को लेकर एआईसीसी कोऑर्डिनेटर और ऑब्जर्वर्स के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मंगलवार को पहली बैठक हुई. बैठक में निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनी.
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ कोऑर्डिनेटर काजी निजामुद्दीन, जयपुर के पर्यवेक्षक तरुण कुमार, कोटा की पर्यवेक्षक सोनम पटेल और जोधपुर के पर्यवेक्षक बीपी सिंह साथ बैठे. इस दौरान जोधपुर लोकसभा से प्रत्याशी रहे और आरसीए के अध्यक्ष वैभव गहलोत भी इस मीटिंग में शामिल हुए. करीब एक घंटे तक सभी नेताओं का निगम चुनाव को लेकर मंथन हुआ, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि काजी निजामुद्दीन को प्रदेश के निगम चुनाव के लिए कोऑर्डिनेटर लगाया गया है. बाकी तीन जगह एआईसीसी के तीन सेक्रेटरी लगाए गए हैं. मंगलवार रात को मुख्यमंत्री से भी सभी नेताओं की मुलाकात होगी, जिसके बाद चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तैयार होगी.
वहीं जिस तरीके से कहा जा रहा है कि केवल टिकट वितरण में क्षेत्रीय विधायक विधायक का चुनाव लड़े या सांसद का चुनाव लड़े नेताओं की चलने वाली है, उसे लेकर भी गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ कर दिया कि जो प्रत्याशी कांग्रेस के लिए लॉयल होगा, जनता के बीच रहता होगा और चुनाव जीतने की क्षमता रखता होगा. उसी को टिकट मिलेगी. इन खूबियों वाला नेता विधायक या सांसद का चहेता भी हो सकता है और अगर वह चहेता नहीं होगा और यह तमाम खूबियां रखता होगा तो उसे टिकट जरूर मिलेगा. डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए कांग्रेस की विचारधारा वाला लॉयल और जनता की पसंद का जिताऊ नेता होना ही एकमात्र क्राइटेरिया है.
बीजेपी के सवाल पर बोले- मेरे पास बहुमत की सेना है
वहीं प्रदेश बीजेपी की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि इन चुनावों में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा तो अपना संगठन ही नहीं बना पाए तो चुनाव में जीत कहां से मिलेगी. इस मामले पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि उनके पास बहुमत की सेना है. जबकि बीजेपी में तो गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया जब ज्ञापन देते हैं तो दीया कुमारी अलग से राज्यपाल के पास जाती हैं. बीजेपी एक टुकड़ों में बैठी हुई सेना है, जबकि कांग्रेस की सेना एक है.