जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को विधानसभा में पारित तीन विधेयकों को मंजूरी दे (Governor approves three bills passed in Assembly) दी. इनमें विधानसभा के सप्तम सत्र में 21 सितंबर, 2022 को पुनः पारित राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2020, 20 सितम्बर 2022 को पारित राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन) संशोधन विधेयक 2022 और इसी दिन पारित एक और विधेयक राजस्थान सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2022 को भी अनुमति दी गई है.
कल्याण निधि संशोधन विधेयक: राजस्थान विधान में 7 मार्च, 2022 को राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2020 पारित कर दिया गया. जिससे अधिवक्ताओं को वर्तमान प्रावधानों के स्थान पर तीन से चार गुणा अधिक लाभ होगा. लेकिन इसके कारण कल्याण कोष पर बढ़ने वाले वित्तीय भार को संतुलित करने के मद्देनजर वकालातनामा पर लगने वाले अधिवक्ता वेलफेयर टिकट की राशि में चार से आठ गुणा तक वृद्धि की गई है. नए प्रावधानों के अनुसार अब अधीनस्थ अदालत के लिए वेलफेयर टिकट 25 की जगह 100 रुपए लगेगा. हाईकोर्ट के लिए भी इतनी ही राशि के स्थान पर 200 रुपए कर दी गई है.
पढ़ें: राजस्थान जमीन नीलामी संशोधन विधेयक पर CMO और राजभवन में रार
ये होंगे सदस्य अधिवक्ताओं को लाभ: अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2020 के पारित होने के बाद राजस्थान कल्याण कोष अधिनियम 1987 के सदस्य अधिवक्ताओं के निधन के बाद उनके आश्रितों को न्यूनतम ढाई लाख के स्थान पर 8 लाख रुपए, बीमारी पर 40 हजार की जगह 1 लाख रुपए तथा गंभीर बीमारी पर 1 लाख के स्थान पर 3 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी. संशोधन से पूर्व सदस्यों को 5 वर्ष में एक बार अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रावधान था, जिसे घटा कर 3 वर्ष कर दिया गया है. 40 वर्ष की सदस्यता के बाद सेवानिवृति लेने वाले अधिवक्ताओं को अब 5 लाख 30 हजार के स्थान पर 15 लाख की राशि का भुगतान किया जाएगा.
सदस्यता शुल्क भी दुगना: नए संशोधित विधेयक के अनुसार अब कल्याण कोष में सदस्यता प्रवेश राशि 400 से बढ़ाकर 800 रुपए कर दी गई है. वहीं वार्षिक चंदा राशि पांच वर्ष तक के वकीलों के लिए 300 से बढा कर 500 रुपए कर दिया गया. 5 से 10 वर्ष तक के वकीलों के लिए 750 से बढ़ाकर 1500 रुपए. दस वर्ष व उससे अधिक की वकालात वालों के लिए 1250 से बढ़ाकर 2500 रुपए कर दी गई है. सबसे अधिक वृद्धि आजीवन चंदा राशि में की गई है. जिसे 17500 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है.
पढ़ें: हंगामे के बीच सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक पारित, भाजपा बोली-सहकारिता को कमजोर करने वाला है कानून
सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक-2022 : 20 सितम्बर, 2022 राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को पारित किया गया था. संशोधित विधेयक में सहकारी समितियों के दक्ष कार्य के लिए लंबी सेवा वाले एवं अनुभवी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 की उप धारा (7-क) को हटाया गया है. प्रदेश में सहकारी समितियों के सदस्यों को दो बार से ज्यादा लगातार चुने जाने का अधिकार मिल सकेगा. इसके बाद अब समिति के सदस्यों को दो बार चुने जाने के बाद 5 साल का अंतर रखना जरूरी नहीं होगा. क्योंकि संशोधन के जरिए कानून में से इस नियम को हटा दिया गया है. हालांकि मौजूदा संशोधन को भाजपा ने खोटा कानून करार दिया है.
पढ़ें: राज्यपाल मिश्र ने लौटाया राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2020, जानिए क्यों...
अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन (संशोधन) विधेयक-2022: राज्य विधानसभा ने राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2022 को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था. इस संशोधित विधेयक के अनुसार राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन) अधिनियम 1956 धारा 4-घ में नयी उप-धारा (2) जोड़ी गई है. इस संशोधन के बाद राजस्थान के भूतपूर्व सदस्य रेल, वायुयान, पोत या स्टीमर में किसी भी श्रेणी में विदेश यात्रा करने पर वास्तविक किराये की प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकेंगे, लेकिन ऐसी यात्रा के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमोदन आवश्यक होगा. पूर्व में यह सुविधा भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर यात्रा के लिए ही देय थी.