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गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

दीपोत्सव के तहत आज सोमवार को गोवर्धन पूजन किया जाता है. जिसे अन्नकूट उत्सव भी कहते हैं. इस दिन गृहिणियां गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा करती हैं तो वहीं मंदिरों में छप्पन भोग की झांकी सजती है. गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का क्या शुभ मुहूर्त रहेगा, जानिए पंडित जी से.

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Published : Oct 28, 2019, 8:01 AM IST

Updated : Oct 28, 2019, 9:13 AM IST

जयपुर. दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार को कार्तिक मास की शुक्ल को गोवर्धन पूजन किया जाता है. इस दिन गोवर्धन और गाय की विशेष पूजा की जाती है. जिसका अपना एक खास महत्व है. इसके साथ ही देवालयों में भगवान को भांति-भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. वहीं मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी. साथ ही बही खाता, चोपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना की जाएगी.

गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि छोटी काशी जयपुर में दीपोत्सव के बाद अलसुबह से ही महिलाएं घर के द्वार पर गौमाता के गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा करती है. शास्त्रों के अनुसार गाय के गोबर से बने गोवर्धन के शिखर प्रयुक्त, वृक्ष शाखादि से युक्त और पुष्पदि से सुशोभित करने का विधान है.

हालांकि, जयपुर में कई जगह पर गोवर्धन को मनुष्य के आकार का बनाया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है. वहीं इस दिन को अन्नकूट पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में प्रसाद बना कर भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है. साथ ही व्यापारी अपनी दुकानों और बही खातों की भी पूजा करते हैं. जयपुर के अक्षरधाम मंदिर में भी श्रद्धालु बही खातों, चोपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना के साथ प्रार्थना करेंगे.

यह भी पढ़ें- बूंदी में देश का पहला सिस्टिक हायग्रोमा का सफल ऑपरेशन, दुनियाभर में आठवां केस

बता दें कि सुबह 8 बजे से 10 बजे तक सामूहिक बही खाता पूजन और लक्ष्मी पूजन किया जाएगा तो वहीं दोपहर 1 बजे गोवर्धन पूजा और अन्नकूट दर्शन होंगे. जिसमें राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय सहित अन्य 801 व्यंजनों का भोग ठाकुरजी को लगाया जाएगा. उसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में इसे वितरित किया जाएगा.

जयपुर. दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार को कार्तिक मास की शुक्ल को गोवर्धन पूजन किया जाता है. इस दिन गोवर्धन और गाय की विशेष पूजा की जाती है. जिसका अपना एक खास महत्व है. इसके साथ ही देवालयों में भगवान को भांति-भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. वहीं मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी. साथ ही बही खाता, चोपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना की जाएगी.

गोवर्धन पूजन के लिए जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि छोटी काशी जयपुर में दीपोत्सव के बाद अलसुबह से ही महिलाएं घर के द्वार पर गौमाता के गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा करती है. शास्त्रों के अनुसार गाय के गोबर से बने गोवर्धन के शिखर प्रयुक्त, वृक्ष शाखादि से युक्त और पुष्पदि से सुशोभित करने का विधान है.

हालांकि, जयपुर में कई जगह पर गोवर्धन को मनुष्य के आकार का बनाया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है. वहीं इस दिन को अन्नकूट पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में प्रसाद बना कर भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है. साथ ही व्यापारी अपनी दुकानों और बही खातों की भी पूजा करते हैं. जयपुर के अक्षरधाम मंदिर में भी श्रद्धालु बही खातों, चोपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना के साथ प्रार्थना करेंगे.

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बता दें कि सुबह 8 बजे से 10 बजे तक सामूहिक बही खाता पूजन और लक्ष्मी पूजन किया जाएगा तो वहीं दोपहर 1 बजे गोवर्धन पूजा और अन्नकूट दर्शन होंगे. जिसमें राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय सहित अन्य 801 व्यंजनों का भोग ठाकुरजी को लगाया जाएगा. उसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में इसे वितरित किया जाएगा.

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दीपोत्सव के तहत आज गोवर्धन पर्व है जिसे अन्नकूट उत्सव भी कहते है. इस दिन गृहणिया गाय के गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा करती है तो वही मंदिरों में छप्पन भोग की झांकी सजती है. ऐसे में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का क्या शुभ मुहूर्त रहेगा जानिए पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा से.


Body:जयपुर : दिवाली के अगले दिन यानी आज कार्तिक मास की शुक्ल को गोवर्धन पर्व है. इस दिन गोवर्धन और गाय की विशेष पूजा की जाती है जिसका अपना एक खास महत्व है. इसके साथ ही देवालयो में भगवान को भांति भांति के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. वहीं मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का दौर चलेगा. साथ ही बही खाता, चोपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना करेंगे.

पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा के अनुसार छोटी कांशी जयपुर में दीपोत्सव के बाद अलसुबह से ही महिलाएं घर के द्वार पर गौ के गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा करती है. शास्त्रों के अनुसार गाय के गोबर से बने गोवर्धन के शिखर प्रयुक्त, वृक्ष शाखादि से युक्त और पुष्पदि से सुशोभित करने का विधान है. हालांकि जयपुर में कहीं जगह पर गोवर्धन को मनुष्य का आकार का बनाया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है. तो वही गोवर्धन पर्व को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है. इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना और परिक्रमा के कर छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस दिन मंदिरों में कई तरह के खाने पीने के प्रसाद बना कर भगवान को छप्पन भोग लगाए जाते हैं. तो वही व्यापारी अपनी दुकानों, ओचारों और बही खातों की भी पूजा करते हैं.

ऐसे में जयपुर के अक्षरधाम मंदिर में भी बही खातों, चौपड़ा का पूजन कर सभी उन्नति और प्रगति की कामना के साथ प्रार्थना करेंगे. सुबह 8 बजे से 10 बजे तक सामूहिक बहीखाता पूजन और लक्ष्मी पूजन किया जाएगा. तो वही दोपहर 1 बजे गोवर्धन पूजा और अन्नकूट दर्शन होंगे. जिसमें राजस्थानी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, दक्षिण भारतीय सहित अन्य 801 व्यंजनो का भोग ठाकुरजी को चढ़ाया जाएगा. उसके बाद भक्तो को प्रसाद के रूप में व्यंजन वितरित किया जाएगा.

बाइट- दामोदर प्रसाद शर्मा, पंडित


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Last Updated : Oct 28, 2019, 9:13 AM IST
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