ETV Bharat / city

अवैध रूप से कोविड पेशेंट का इलाज करना पड़ा भारी, हॉस्पिटल 72 घंटे के लिए सीज - Remdesivir injection

अवैध रूप से कोरोना पेशेंट का इलाज कर रहे शहर के गिरी हॉस्पिटल पर श्रीगंगानगर सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा ने कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल को 72 घंटे के लिए सीज कर दिया है साथ ही संचालक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. शहर का गिरी हॉस्पिटल बच्चों के इलाज के लिए अधिकृत है लेकिन यहां अवैध रूप से कोविड के मरीजों का भी इलाज किया रहा था.

Rajasthan news
अवैध रूप से कोविड पेशेंट का इलाज कर रहे निजी हॉस्पिटल को 72 घंटे के लिए सीज किया गया
author img

By

Published : May 28, 2021, 10:46 AM IST

श्रीगंगानगर. शहर के एक निजी अस्पताल में सीएमएचओ के नेतृत्व चिकित्सा विभाग की टीम ने कार्रवाई की. इस दौरान पता चला था कि शहर में बच्चों के इलाज के लिए फेमस गिरी अस्पताल प्रबंधन अवैध रूप से कोरोना मरीजों का इलाज करने के साथ रेमडेसिवीर इंजेक्शन का उपयोग कर रहा है. जिस पर जिला कलक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल पर कार्रवाई के लिए सीएमएचओ को आदेश दिए. जिसके आधार पर गुरुवार को चिकित्सा विभाग की टीम ने गिरी हॉस्पिटल को 72 घंटे के लिए सीज कर दिया. इससे पहले हॉस्पिटल को सैनेटाइज कराया गया. टीम ने इस मामले में संचालक से दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला है.

दरअसल सोमवार को गिरी हॉस्पिटल में चिकित्सा विभाग की टीम की ओर से हुई कार्रवाई की रिपोर्ट सीएमएचओ व टीम द्वारा तैयार कर आपदा एवं महामारी अधिनियम के तहत हॉस्पिटल संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी. यह रिपोर्ट बुधवार को कलक्टर की ओर से वापस सीएमएचओ को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी गई थी. इस पर कानूनी सलाह आदि के बाद सीएमएचओ डॉ. गिरधारीलाल मेहरड़ा व टीम मौके पर पहुंची और गिरी हॉस्पिटल को सैनेटाइज्ड करवाकर 72 घंटे के लिए सील कर हॉस्पिटल संचालक से दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला किया गया.

पढ़ें- जयपुर में सीवरेज प्लांट से गैस रिसाव, पुलिस ने खाली कराया इलाका, बड़ा हादसा टला

सीएमएचओ ने बताया कि आपदा व महामारी अधिनियम के तहत किसी अधिकृत चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर नहीं हो सकती है. इसलिए सीज करने व जुर्माने की कार्रवाई की गई. इससे पहले दोपहर को आईएमए के चिकित्सक भी सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी.

दो मरीजों की हुई मौत

चिकित्साकर्मियों ने बताया कि गिरी हॉस्पिटल से दो दिन में दो मरीजों को गंभीर स्थिति में राजकीय चिकित्सालय में रैफर किया गया था. इनमें से राजकीय चिकित्सालय में एक मरीज की भर्ती करने के करीब एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई थी. वहीं दूसरे मरीज की भी इलाज के दौरान मौत हुई थी. गिरी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के सैंपल में कई कोरोना पॉजिटिव मिले थे इसके बाद यह कार्रवाई की गई है.

यह था मामला

चिकित्साकर्मियों के अनुसार सूचना के बाद चिकित्सा टीम ने गिरी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था. जहां अवैध रूप से कोविड मरीजों का इलाज चल रहा था जबकि यह बच्चों का हॉस्पिटल है लेकिन यहां पर कोरोना के सात मरीज भर्ती थे. मरीजों की फाइल देखी गई तो उसमें सीटी स्कोर 15 से 20 तक मिला जबकि उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं थी. यह अस्पताल कोविड मरीजों के लिए अधिकृत नहीं है. इसके बाद भी यहां कम सीटी स्कोर वालों का इलाज किया जा रहा था. यहां ऑक्सीजन सिलेण्डर भी लगे हुए थे.

टीम को वहां रेमडेसिविर के तीन खाली रैफर व एक इंजेक्शन भी मिला था. वहां मौजूद डॉक्टर व स्टाफ से बिल मांगे गए तो मौके पर बिल नहीं थे लेकिन जयपुर से खरीदना बताया था. साथ ही जिन मरीजों को ये इंजेक्शन दिए गए थे उनके कागजों में रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने की एंट्री थी. टीम मौके से तीन रैपर व एक इंजेक्शन लेकर आई है. अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान पाया की हॉस्पिटल में कोरोना गाइड लाइन की भी पालना नहीं की जा रही थी. टीम में सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा के साथ चिकित्साकर्मी संदीप जाखड़ व ईआईसी के विनोद बिश्नोई शामिल थे.

श्रीगंगानगर. शहर के एक निजी अस्पताल में सीएमएचओ के नेतृत्व चिकित्सा विभाग की टीम ने कार्रवाई की. इस दौरान पता चला था कि शहर में बच्चों के इलाज के लिए फेमस गिरी अस्पताल प्रबंधन अवैध रूप से कोरोना मरीजों का इलाज करने के साथ रेमडेसिवीर इंजेक्शन का उपयोग कर रहा है. जिस पर जिला कलक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल पर कार्रवाई के लिए सीएमएचओ को आदेश दिए. जिसके आधार पर गुरुवार को चिकित्सा विभाग की टीम ने गिरी हॉस्पिटल को 72 घंटे के लिए सीज कर दिया. इससे पहले हॉस्पिटल को सैनेटाइज कराया गया. टीम ने इस मामले में संचालक से दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला है.

दरअसल सोमवार को गिरी हॉस्पिटल में चिकित्सा विभाग की टीम की ओर से हुई कार्रवाई की रिपोर्ट सीएमएचओ व टीम द्वारा तैयार कर आपदा एवं महामारी अधिनियम के तहत हॉस्पिटल संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी. यह रिपोर्ट बुधवार को कलक्टर की ओर से वापस सीएमएचओ को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी गई थी. इस पर कानूनी सलाह आदि के बाद सीएमएचओ डॉ. गिरधारीलाल मेहरड़ा व टीम मौके पर पहुंची और गिरी हॉस्पिटल को सैनेटाइज्ड करवाकर 72 घंटे के लिए सील कर हॉस्पिटल संचालक से दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला किया गया.

पढ़ें- जयपुर में सीवरेज प्लांट से गैस रिसाव, पुलिस ने खाली कराया इलाका, बड़ा हादसा टला

सीएमएचओ ने बताया कि आपदा व महामारी अधिनियम के तहत किसी अधिकृत चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर नहीं हो सकती है. इसलिए सीज करने व जुर्माने की कार्रवाई की गई. इससे पहले दोपहर को आईएमए के चिकित्सक भी सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे और उनसे मुलाकात की थी.

दो मरीजों की हुई मौत

चिकित्साकर्मियों ने बताया कि गिरी हॉस्पिटल से दो दिन में दो मरीजों को गंभीर स्थिति में राजकीय चिकित्सालय में रैफर किया गया था. इनमें से राजकीय चिकित्सालय में एक मरीज की भर्ती करने के करीब एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई थी. वहीं दूसरे मरीज की भी इलाज के दौरान मौत हुई थी. गिरी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के सैंपल में कई कोरोना पॉजिटिव मिले थे इसके बाद यह कार्रवाई की गई है.

यह था मामला

चिकित्साकर्मियों के अनुसार सूचना के बाद चिकित्सा टीम ने गिरी हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था. जहां अवैध रूप से कोविड मरीजों का इलाज चल रहा था जबकि यह बच्चों का हॉस्पिटल है लेकिन यहां पर कोरोना के सात मरीज भर्ती थे. मरीजों की फाइल देखी गई तो उसमें सीटी स्कोर 15 से 20 तक मिला जबकि उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं थी. यह अस्पताल कोविड मरीजों के लिए अधिकृत नहीं है. इसके बाद भी यहां कम सीटी स्कोर वालों का इलाज किया जा रहा था. यहां ऑक्सीजन सिलेण्डर भी लगे हुए थे.

टीम को वहां रेमडेसिविर के तीन खाली रैफर व एक इंजेक्शन भी मिला था. वहां मौजूद डॉक्टर व स्टाफ से बिल मांगे गए तो मौके पर बिल नहीं थे लेकिन जयपुर से खरीदना बताया था. साथ ही जिन मरीजों को ये इंजेक्शन दिए गए थे उनके कागजों में रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जाने की एंट्री थी. टीम मौके से तीन रैपर व एक इंजेक्शन लेकर आई है. अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान पाया की हॉस्पिटल में कोरोना गाइड लाइन की भी पालना नहीं की जा रही थी. टीम में सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा के साथ चिकित्साकर्मी संदीप जाखड़ व ईआईसी के विनोद बिश्नोई शामिल थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.