जयपुर. केंद्रीय बजट को लेकर कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. अब नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के जनरल सेक्रेटरी मुकेश माथुर ने बजट को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि इस बजट में कर्मचारी वर्ग और श्रमिक वर्ग के लिए ना ही कोई राहत दी गई है और ना ही कोई सुविधा की घोषणा की गई है. इससे श्रमिक वर्ग में काफी नाराजगी का माहौल है.
माथुर ने बताया कि उनका मानना था कि जो पिछले 7 वर्षों से आयकर के अंतर्गत राहत नहीं दी जा रही है, वह इस वर्ष बजट में आम जनता को दी जानी चाहिए थी. वह इस बजट के अंतर्गत भी केंद्र सरकार के द्वारा आमजन को राहत नहीं दी गई है और आयकर की सीमा 2.50 रखी गई है. माथुर ने बताया कि इसके साथ ही सेक्शन 80 के अंतर्गत इन्वेस्टमेंट जो डेढ़ लाख रुपए से बढ़ने की उम्मीद थी, वह भी बढ़ने का कार्य इस बजट में नहीं हुआ है. HRA पर भी छूट देने और बढ़ाने का कोई काम इस बजट में नहीं हुआ है.
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इसके अतिरिक्त जो MPS है, जिसमें 1-1-2004 के बाद जो भर्ती हुई है उन लोगों के लिए पेंशन की जो गारंटी है, उसको लेकर भी सरकार से काफी उम्मीद थी. लेकिन सरकार के द्वारा उस पर भी किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है. DA जो कर्मचारियों का रुका हुआ है, उसको लेकर भी सरकार के द्वारा किसी तरह की घोषणा नहीं की गई है. माथुर का कहना है कि यह बजट बिल्कुल ही निराशाजनक बजट है. वहीं, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरीके से यह बजट प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ता हुआ बजट है.
इस बजट के अंतर्गत रेलवे को प्राइवेटाइजेशन की ओर ले जाने का मन साफ तौर से केंद्र सरकार का दिखाई दे रहा है. जो सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग हैं, उन्हें भी खत्म करने की बात कही गई है. बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी विदेशी पूंजी निवेश करने की बात कही है, जिससे एलआईसी को भी खतरा होगा, साथ ही केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भी बचना चाहती है. माथुर ने कहा कि वे इस बजट का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं.