जयपुर. प्रदेश में बिश्नोई समाज की कई सालों से लंबित केंद्रीय में ओबीसी का दर्जा दिलाए जाने की मांग पर प्रदेश सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया है. उपचुनाव के शोरगुल के बीच प्रदेश के सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने केंद्र को पत्र लिखकर विश्नोई जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को सिफारिश पत्र भेज दिया है. मांग सालों पुरानी थी, लेकिन पत्र उपचुनाव के बीच भेजा गया. लिहाजा, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मसले पर प्रदेश की गहलोत सरकार पर तीखा कटाक्ष किया है.
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प्रदेश में अभी ओबीसी की राज्य सूची में 91 जातियां हैं. इनमें से कई जातियां केंद्रीय सूची में शामिल नहीं है, जिसमें विश्नोई जाति भी एक है. 1 जनवरी 2000 को विश्नोई जाति को राज्य ओबीसी की सूची में सातवें नंबर पर शामिल किया गया था. विश्नोई समाज को प्रदेश में तो ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन केंद्र में नहीं.
राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर साधा निशाना
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार की आधी उम्र गुजर जाने के बाद विशेषकर उपचुनाव के दौरान सीएम गहलोत को 23 वर्ष बाद बिश्नोई समाज की याद आई. उन्होंने सीएम गहलोत को धन्यवाद देते कहा, विश्नोई जाति वर्ग को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने को लेकर आपने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को सिफारिश कर दी है.
राठौड़ ने कहा कि संविधान के 102वें संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया था. कम से कम इस बहाने से ही सही आपने मोदी सरकार की ओर से लाए गए ऐतिहासिक ओबीसी आयोग की मान्यता को तो स्वीकार कर ही लिया. उम्मीद है जिसकी आलोचना आप करते रहे हैं अब उसकी आलोचना तो बंद कर देंगे.