जयपुर. गहलोत सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आगामी 15 दिन के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस विषय में विस्तृत दिशा-निर्देश गृह विभाग की ओर से एक-दो दिन में जारी किए जाएंगे. गहलोत ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर से लोगों के जीवन की रक्षा करने के ध्येय की प्राप्ति के लिए सरकार संक्रमण को अधिक फैलने से रोकने के लिए हरसंभव कड़ा कदम उठाएगी.
सीएम गहलोत ने कहा, आमजन के संक्रमण के प्रति लापरवाह हो जाने के कारण ही कोरोना की दूसरी लहर तेज गति के साथ आई है. यदि हम सब मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखें और बार-बार हाथ धोने के हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना अनिवार्य रूप से नहीं करेंगे, तो कोरोना वायरस का संक्रमण भयावह रूप ले लेगा. प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग को प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए राजस्थानवासियों को सरकार का सहयोग करना होगा. साथ ही उन्हें टीकाकरण के लिए भी आगे आना चाहिए.
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गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना सक्रंमण और वैक्सीनेशन के स्थिति की उच्च अधिकारियों और विशेषज्ञ डाॅक्टरों के साथ समीक्षा कर रहे थे. लगभग दो घंटे तक चली बैठक में फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया चैनलों पर लाइव प्रसारित किया गया. कोरोना प्रबंधन के लिए भावी रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रसारण को करीब दो लाख लोगों ने देखा.
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सीएम ने कहा, राजस्थान में संक्रमण की गंभीरता इस आंकड़े से समझी जा सकती है कि कुछ सप्ताह पहले प्रदेश में सक्रंमण के दोगुने होने की दर लगभग 8 साल थी, जो वर्तमान में 243 दिन पर आ गई है. इस भयावह स्थिति को विस्फोटक होने से रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी सख्ती बरतते हुए लोगों से हेल्थ प्रोटोकाॅल की पालना करवाएगी. उन्होंने कहा, लोगों को विषय की गंभीरता मालूम हो और वे अपने व्यवहार में बदलाव लाएं. इसलिए बैठक का लाइव प्रसारण किया गया. गहलोत ने प्रशासन, पुलिस तथा स्वायत्त शासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पूर्व में जारी की गए दिशा-निर्देशों के अनुपालना करते हुए बाजारों में मास्क तथा उचित दूरी के नियम की पालना नहीं होने पर संबंधित दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान को 72 घंटे के लिए सील करने की सख्त कार्रवाई करें.
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गहलोत ने कोविड टीकाकरण की गति को भी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. हर प्रदेशवासी को 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण करवाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और एक-दूसरे को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए. टीकाकरण की शुरूआत से ही राजस्थान इस अभियान में देश का अग्रणी राज्य रहा है। चिकित्सा विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है कि टीके के लिए पात्र हर व्यक्ति को कोविड टीका लगाया जाए, ताकि कोरोना का संक्रमण होने पर भी शरीर पर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके.
क्या कहा अन्य लोगों ने?
- चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने भी आमजन से अपील किया, संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी हेल्थ प्रोटोकाॅल की अक्षरशः पालना करें. उन्होंने लोगों को घर से कम से कम बाहर निकलने तथा उन स्थानों की यात्रा करने से बचने का सुझाव दिया, जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा, यदि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति नियंत्रित नहीं हुई, तो वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार को और अधिक कदम उठाने पड़ेंगेय. सभी को यह बात समझनी चाहिए कि आंकड़ों की दृष्टि से दूसरी लहर के दौरान माहमारी तस्वीर अधिक भयावह है.
- चिकित्सा राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने होटल, रेस्टोरेन्ट तथा बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक सख्ती करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने आस पड़ोस में हेल्थ गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाए.
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया, संक्रमितों की संख्या का सटीक आकलन करने के उद्देश्य से प्रदेश में सैंपल की संख्या 38 हजार प्रतिदिन तक बढ़ा दी गई है, जो 15 दिन पहले के मुकाबले दोगुनी है. आने वाले एक सप्ताह में रोजाना 45 हजार सैंपल टेस्ट किए जाएंगे. साथ ही, पूरे प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता 70 हजार से बढ़ाकर 1 लाख प्रतिदिन की जाएगी. उन्होंने बताया, कोविड टीकाकरण की गति को भी बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में टीकाकरण के लिए पात्र लगभग एक तिहाई जनसंख्या को टीका लगाया जा चुका है.
- बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोरा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ वीरेन्द्र सिंह सहित एसएमएस मेडिकल काॅलेज के अन्य वरिष्ठ विशेषज्ञ, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी तथा अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे.