जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड महामारी से मृत व्यक्तियों के विधिवत अंतिम संस्कार में होने वाला व्यय भी राज्य सरकार की ओर से वहन करने का निर्णय किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से पार्थिव देह के परिवहन की निशुल्क व्यवस्था भी राज्य सरकार की ओर से ही की जाएगी.
पढ़ें- मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए अब 31 मई तक होगा पंजीकरण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड मृतक व्यक्तियों के ससम्मान अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए जिला कलेक्टरों और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं. आदेशों के मुताबिक पार्थिव देह के अंतिम संस्कार में कोरोना प्रोटोकॉल की पूरी तरह पालना की जाएगी. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने नगरीय क्षेत्रों में कोविड जनित मृत्यु के मामलों में ससम्मान अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को चिकित्सालय से श्मशान अथवा कब्रिस्तान तक निशुल्क ले जाने और अंतिम संस्कार में होने वाला समस्त व्यय नगरीय निकायों की ओर से वहन किए जाने के निर्देश दिए थे.
कोरेाना रोकथाम में लगाई अफसरों की ड्यूटी
कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रशासनिक सेवा के अफसरों को जरूरत के हिसाब से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जिलों में लगाया जा रहा है. कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को 6 आरएएस अफसरों की सेवाएं आगामी आदेश तक के लिए अस्थाई रूप से चिकित्सा विभाग को सौंपने के आदेश जारी किए.
विभाग की ओर से जारी आदेश में आरएएस अधिकारी अजय सिंह राठौड़, राजेन्द्र सिंह, आकाश तोमर, मगनलाल योगी, विवेक कुमार और उम्मेद सिंह की सेवा चिकित्सा विभाग के सचिव को सौंपी है. वहीं, कार्मिक विभाग ने एक अन्य आदेश जारी कर आईएएस अधिकारी नारायण लाल मीणा और भंवरलाल को बांसवाड़ा जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के अवकाश पर लौटने तक नोडल अधिकारी संबद्ध किया है.