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Gehlot Government Third Anniversary: चिकित्सा विभाग के 3 साल का लेखा जोखा: चिकित्सा मंत्री बोले, कोरोना मैनेजमेंट की हुई विश्व भर में तारीफ - etv bharat rajasthan news

गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के 3 वर्ष (Gehlot Government Third Anniversary) पूरे किए हैं। बीते 21 महीने में कोरोना महामारी विश्व भर के लिए एक चुनौतीपूर्ण रही इस महामारी से कोई भी अछूता नहीं रहा. ऐसे में प्रदेश में जब महामारी फैली तब चिकित्सा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी देखने को मिली.

Gehlot Government Third Anniversary
ईटीवी भारत की चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से साथ खास बातचीत
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Published : Dec 17, 2021, 10:28 PM IST

जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के 3 वर्ष (Gehlot Government Third Anniversary) पूरे किए हैं। बीते 21 महीने में कोरोना महामारी विश्व भर के लिए एक चुनौतीपूर्ण रही इस महामारी से कोई भी अछूता नहीं रहा. ऐसे में प्रदेश में जब महामारी फैली तब चिकित्सा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी देखने को मिली. जब महामारी प्रदेश में फैली तो ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों और आईसीयू, वेंटिलेटर, अस्पतालों में सामान्य बेड कम पड़ने लगे थे.

कोविड-19 संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में तकरीबन 8 हजार से अधिक लोगों ने दम तोड़ा तो वही 9 लाख से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आए. हालात दूसरी लहर में सबसे अधिक बिगड़े. दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पड़ी। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि मार्च 2020 में जब कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला प्रदेश में देखने को मिला तो हमारे पास इलाज और जांच से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं थे.

ईटीवी भारत की चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से साथ खास बातचीत

पढ़ें- Exclusive interview: गहलोत सरकार के 3 साल में कैसी रही सहकारिता की चाल, मंत्री आंजना ने बताया क्या रही उपलब्धि, कौन से अधूरे रहे काम?

कोरोना की जांच के लिए पहले सैंपल पुणे भेजे गए. मंत्री ने कहा कि इसके बाद सरकार हरकत में आई और हर जिले में जांच की सुविधा विकसित की गई और मौजूदा समय की बात करें तो अब हर दिन एक लाख से अधिक जांच की सुविधा प्रदेश में विकसित हो चुकी है. इसके अलावा मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ विश्व भर में हुई.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद तीसरे लहर का अंदेशा भी जताया जा रहा है. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार डेवलप किया जा रहा है. मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना हेतु विशेष पैकेज की घोषणा की गई और एक करोड़ से अधिक के निवेश पर अधिकतम 50 लाख की सब्सिडी का प्रावधान किया. 40,000 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक उपलब्ध कराए गए. अब तक 18 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाए गए.
चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 60 हजार करने का लक्ष्य. 194 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने का लक्ष्य. 202 नए उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना. 30 नए ट्रामा सेंटर स्वीकृत किए गए. बीते 3 साल में 2737 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती. 11,000 से अधिक नर्सिंग कर्मियों 1,000 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति. 450 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट विभिन्न अस्पतालों में तैयार किए गए.

पढ़ें- रिपोर्ट कार्डः 2 साल...गहलोत सरकार...कैसे हाल?...कितने वादे पूरे...कितने अधूरे

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की है, जिसमें अब तक 6 लाख से अधिक मरीजों ने अपना इलाज करवाया है. प्रदेश में 1 मई 2021 से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की गई. योजना के सम्बद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की गई. योजना में बीमारियों के निःशुल्क उपचार हेतु कुल 1597 पैकेजज शामिल है। वर्तमान में राज्य के 788 सरकारी तथा 590 निजी अस्पताल योजना से जुड चुके हैं. योजना से 1 करोड 33 लाख के अधिक परिवार जुडे.

निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ा

बीते 3 वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजना निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है. निशुल्क दवा योजना के तहत कैंसर और ह्रदय रोग से जुड़ी महंगी दवाइयों को भी अब शामिल किया गया है जबकि कुछ ऐसी जांचें जिनके लिए मरीजों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता था उसे भी निशुल्क जांच योजना में शामिल किया गया है. वर्तमान में आवश्यक दवा सूची में 711 प्रकार की दवाएं, 181 सर्जिकल एवं 77 सूचर्स कुल 969 दवाईयां सूचीबद्ध है. दवा वितरण करने के लिये 33 जिला मुख्यालयों,40 जिला औषधि भंडार गृह स्थापित. योजना के तहत अब तक 95 करोड़ 75 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है. मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों पर 90, जिला-उपजिला, सैटेलाइट अस्पतालों पर 56, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 37, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 15 प्रकार की जांचे निःशुल्क उपलब्ध. वरिष्ठ नागरिकों एवं बीपीएल परिवारों के लिए सीटी स्कैन एवं एमआरआई की निशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध.

पढ़ें- सरकार के 2 साल: ऋण ग्रसिता से ग्रसित है डिस्कॉम, सरकार के पास क्या है इससे उबरने के उपाय, सुनिए ऊर्जा मंत्री की जुबानी...

कोरोना महामारी के दौरान जनवरी वर्ष 2021 से प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की भी शुरुआत हुई और अब तक सात करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. जबकि 85 फ़ीसदी से अधिक प्रदेश में लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, हालांकि बीते कुछ समय से वैक्सीनेशन कार्यक्रम कमजोर पड़ा जिसके बाद सरकार वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने के कदम भी उठा रही है. इसके अलावा बीते 3 साल में प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज निर्माण भी किए गए और मौजूदा समय में 15 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पूरा करके इन्हें शुरू किया जाएगा जिसके बाद सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 230 एमबीबीएस की सीटें बढ़ेगी और मौजूदा समय में सरकारी क्षेत्र में 2830 कुल एमबीबीएस की सीटें मौजूद है.

जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के 3 वर्ष (Gehlot Government Third Anniversary) पूरे किए हैं। बीते 21 महीने में कोरोना महामारी विश्व भर के लिए एक चुनौतीपूर्ण रही इस महामारी से कोई भी अछूता नहीं रहा. ऐसे में प्रदेश में जब महामारी फैली तब चिकित्सा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी देखने को मिली. जब महामारी प्रदेश में फैली तो ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों और आईसीयू, वेंटिलेटर, अस्पतालों में सामान्य बेड कम पड़ने लगे थे.

कोविड-19 संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में तकरीबन 8 हजार से अधिक लोगों ने दम तोड़ा तो वही 9 लाख से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आए. हालात दूसरी लहर में सबसे अधिक बिगड़े. दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पड़ी। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि मार्च 2020 में जब कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला प्रदेश में देखने को मिला तो हमारे पास इलाज और जांच से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं थे.

ईटीवी भारत की चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा से साथ खास बातचीत

पढ़ें- Exclusive interview: गहलोत सरकार के 3 साल में कैसी रही सहकारिता की चाल, मंत्री आंजना ने बताया क्या रही उपलब्धि, कौन से अधूरे रहे काम?

कोरोना की जांच के लिए पहले सैंपल पुणे भेजे गए. मंत्री ने कहा कि इसके बाद सरकार हरकत में आई और हर जिले में जांच की सुविधा विकसित की गई और मौजूदा समय की बात करें तो अब हर दिन एक लाख से अधिक जांच की सुविधा प्रदेश में विकसित हो चुकी है. इसके अलावा मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ विश्व भर में हुई.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद तीसरे लहर का अंदेशा भी जताया जा रहा है. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार डेवलप किया जा रहा है. मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि सरकार की ओर से ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना हेतु विशेष पैकेज की घोषणा की गई और एक करोड़ से अधिक के निवेश पर अधिकतम 50 लाख की सब्सिडी का प्रावधान किया. 40,000 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक उपलब्ध कराए गए. अब तक 18 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाए गए.
चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 60 हजार करने का लक्ष्य. 194 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने का लक्ष्य. 202 नए उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना. 30 नए ट्रामा सेंटर स्वीकृत किए गए. बीते 3 साल में 2737 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती. 11,000 से अधिक नर्सिंग कर्मियों 1,000 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति. 450 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट विभिन्न अस्पतालों में तैयार किए गए.

पढ़ें- रिपोर्ट कार्डः 2 साल...गहलोत सरकार...कैसे हाल?...कितने वादे पूरे...कितने अधूरे

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की है, जिसमें अब तक 6 लाख से अधिक मरीजों ने अपना इलाज करवाया है. प्रदेश में 1 मई 2021 से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की गई. योजना के सम्बद्ध सरकारी एवं निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की गई. योजना में बीमारियों के निःशुल्क उपचार हेतु कुल 1597 पैकेजज शामिल है। वर्तमान में राज्य के 788 सरकारी तथा 590 निजी अस्पताल योजना से जुड चुके हैं. योजना से 1 करोड 33 लाख के अधिक परिवार जुडे.

निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ा

बीते 3 वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजना निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा भी बढ़ाया गया है. निशुल्क दवा योजना के तहत कैंसर और ह्रदय रोग से जुड़ी महंगी दवाइयों को भी अब शामिल किया गया है जबकि कुछ ऐसी जांचें जिनके लिए मरीजों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता था उसे भी निशुल्क जांच योजना में शामिल किया गया है. वर्तमान में आवश्यक दवा सूची में 711 प्रकार की दवाएं, 181 सर्जिकल एवं 77 सूचर्स कुल 969 दवाईयां सूचीबद्ध है. दवा वितरण करने के लिये 33 जिला मुख्यालयों,40 जिला औषधि भंडार गृह स्थापित. योजना के तहत अब तक 95 करोड़ 75 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है. मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों पर 90, जिला-उपजिला, सैटेलाइट अस्पतालों पर 56, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 37, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 15 प्रकार की जांचे निःशुल्क उपलब्ध. वरिष्ठ नागरिकों एवं बीपीएल परिवारों के लिए सीटी स्कैन एवं एमआरआई की निशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध.

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कोरोना महामारी के दौरान जनवरी वर्ष 2021 से प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की भी शुरुआत हुई और अब तक सात करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. जबकि 85 फ़ीसदी से अधिक प्रदेश में लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, हालांकि बीते कुछ समय से वैक्सीनेशन कार्यक्रम कमजोर पड़ा जिसके बाद सरकार वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने के कदम भी उठा रही है. इसके अलावा बीते 3 साल में प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज निर्माण भी किए गए और मौजूदा समय में 15 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पूरा करके इन्हें शुरू किया जाएगा जिसके बाद सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 230 एमबीबीएस की सीटें बढ़ेगी और मौजूदा समय में सरकारी क्षेत्र में 2830 कुल एमबीबीएस की सीटें मौजूद है.

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