जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के तीन वर्ष (Gehlot Government Third Anniversary) सफलतापूर्वक पूर्ण होने के अवसर पर शनिवार को प्रदेशवासियों को करीब 13 हजार 195 करोड़ रुपए के 2512 विकास कार्यों (2512 development works in Rajasthan) की सौगात दी. आमजन के जीवन को सुगम बनाने के उद्देश्य से उन्होंने 9 विभागों के करीब 9405 करोड़ रुपए की लागत के 2408 कार्यों का शिलान्यास किया और करीब 3790 करोड़ रुपए की लागत के 104 कार्यों का लोकार्पण किया.
पिछले तीन बजट की 87 प्रतिशत घोषणाएं पूरी
गहलोत ने मुख्यमंत्री कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन साल में सुशासन के मूलमंत्र को सफलतापूर्वक साकार किया है. जनघोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज का रूप देकर उसमें किए 70 प्रतिशत वादों को अब तक पूरा किया गया है. कोविड महामारी, राजस्व में बड़ी गिरावट, आर्थिक चुनौतियों सहित तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद पिछले तीन बजट की 87 प्रतिशत घोषणाओं को क्रियान्वित करना हमारी सरकार की शानदार उपलब्धि को दर्शाता है.
सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म को संकल्प मानकर पहुंचाई हर वर्ग को राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म को संकल्प मानकर हमारी सरकार ने पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, किसान, युवा, महिला सहित सभी क्षेत्रों एवं वर्गों के लिए एक से बढ़कर एक कल्याणकारी फैसले लिए और उन्हें तत्परता के साथ लागू भी किया. इन फैसलों से राजस्थान विकास के पथ पर तेजी से बढ़ा है और हर वर्ग को राहत मिली है. आने वाला समय विकास की दृष्टि से और बेहतरीन होगा.
तीन लाख किसानों का विद्युत बिल हुआ जीरो
गहलोत ने कहा कि कोविड के समय राज्य सरकार ने बेहतरीन प्रबंधन कर जीवन रक्षा का फर्ज निभाया. हर वर्ग के सहयोग से ‘कोई भूखा ना सोए’ का संकल्प साकार किया. लोगों के उपचार के लिए चार्टर प्लेन तक से दवा मंगवाई. आमजन को इलाज के भारी भरकम खर्च से चिंतामुक्त करने की दिशा में हमने ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ प्रारंभ की है. ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ लागू की जिससे प्रदेश के लाखों किसानों को बिजली बिल पर 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष तक का अनुदान मिल रहा है. इस योजना से करीब 3 लाख किसानों का विद्युत बिल शून्य हो गया है.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में बड़ी पहल इंग्लिश मीडियम स्कूल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से काम करते हुए राजस्थान आवासन मंडल को पुनर्जीवित किया. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की पहल की. साथ ही, करीब 123 नए महाविद्यालय खोले, जिनमें 33 महिला कॉलेज शामिल हैं . साथ ही, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 12वीं कक्षा में 500 या इससे अधिक बालिकाएं होने पर कॉलेज खोलने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है.