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चुनावी साल में गहलोत सरकार की महिलाओं और यूथ को साधने की तैयारी, इन बिलों पर खामोश

प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए गहलोत सरकार ने सत्ता वापसी का रोडमैप तैयार कर लिया है. चुनावी साल में आधी आबादी और यूथ के जरिये सत्ता में वापसे के प्लान पर बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. इसमे तहत महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन मय इंटरनेट और युवाओं को सरकारी नौकरियों के जरिए साधा जाएगा. हालांकि जवाबदेही जैसे कई कानून लागू नहीं होने से सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल जरूर उठ रहे हैं.

Gehlot government schemes for women and youth, but few bills still pending
गहलोत सरकार की महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन और युवाओं को रोजगार से साधने की तैयारी, पर जवाबदेही पर खामोशी
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Published : Aug 19, 2022, 6:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी लगभग सवा साल से ज्यादा का वक्त है, लेकिन प्रदेश में मौजूदा गहलोत सरकार सत्ता वापसी के लिए चुनावी मोड में अभी से नजर आ रही है. सरकार इस बार महिलाओं और युवाओं पर फोकस कर सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने यूथ और आधी आबादी को साधने का मास्टर प्लान बनाया है. चुनावी साल में हर महिला मुखिया को फ्री स्मार्टफोन व इंटरनेट (Free smartphone to women in Rajasthan) और युवाओं को समर्पित बजट के जरिये साधने की तैयारी है. हालांकि जवाबदेही, राइट टू हेल्थ और ऑनलाइन गेमिंग जैसे कानूनों पर खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है.

आधी आबादी पर सीधी नजर: दिसंबर में गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ है और फरवरी में सरकार का आखिरी बजट पेश होगा. चौथी वर्षगांठ पर सरकार बड़ा जलसा करने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो वर्षगांठ पर बड़े स्तर पर लोकलुभावन घोषणाएं की जाएंगी, जिसका खाका तैयार किया जा रहा है. इस योजना के तहत राज्‍य में 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है. इस परियोजना की कुल लागत 12000 करोड़ रुपए है.

पढ़ें: चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से मरीजों को बड़ी राहत, किडनी ट्रांसप्लांट पैकेज में बढ़ोतरी

सरकार इस योजना के जरिये सीधे आधी आबादी को साधने की कोशिश है. इसके तहत राज्‍य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’ की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिया जाना है. इस योजना के तहत फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी. उम्मीद है कि इस प्रक्रिया को जल्‍द से जल्‍द निपटा लिया जाएगा और योजना के तहत स्मार्टफोन की पहली खेप इस त्योहारी सीजन (दिवाली) से पहले सरकार को मिल सकती (Free smartphone to women by Diwali 2022) है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ की घोषणा की थी.

पढ़ें: गहलोत सरकार की अनूठी पहल, जल जीवन मिशन में ग्रामीण परिवारों की महिला मुखिया के नाम मिलेगा जल कनेक्शन

युवाओं के लिए बजट: महिलाओं के साथ-साथ सरकार युवाओं पर फोकस कर रही है. यही वजह है कि राज्य सरकार की नीतियों के केंद्र में युवा वर्ग है. सरकार का अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित होगा. इसमें युवा केंद्रित योजनाओं, रोजगार की उपलब्धताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. गहलोत ने पिछले दिनों कहा भी था कि राजस्थान में कौशल विकास रणनीति में सुधार संबंधी कार्य कर रहे हैं. सरकार के निजी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या और क्षमता में वृद्धि की गई है. गहलोत लगातार दावा कर रहे हैं कि वर्तमान सरकार ने अभी तक 1.25 लाख नौकरियां दी हैं. एक लाख प्रक्रियाधीन हैं और एक लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई है.

पढ़ें: सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिलेगी निशुल्क यूनिफॉर्म

व्यक्तिगत लाभ वाली योजना पर भी फोकस: सरकार ऐसी घोषणा को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है जिसमें व्यक्तिगत लाभ दिया जा सके. किसानों, छात्रों, महिलाओं और कमजोर तबके के लोगों पर फोकस किया जा रहा है. इन तबकों के लिए चौथी वर्षगांठ से लेकर बजट तक कई घोषणाएं होंगी. फिलहाल सीएम के स्तर पर मंथन का दौर चल रहा है. ब्लॉक लेवल तक की मांगों को भी मंगवा कर उन्हें पूरा करने से होने वाले सियासी फायदे का गणित भी देखा जा रहा है. छोटी-छोटी मांगों को पूरा करने वाली घोषणाओं को भी बजट में शामिल किया जाएगा. तहसील लेवल की सैकड़ों मांगें कई साल से लंबित चल रही हैं. उन्हें चौथी सालगिरह से लेकर अगले बजट तक पूरा किया जा सकता है, ऐसी मांगों को फिल्टर किया जा रहा है.

पढ़ें: दीपावली से पहले CM अशोक गहलोत की सौगात, भूखंड धारकों को पट्टे की दरों में 75 प्रतिशत तक छूट

इस को लेकर उठ रहे सवाल: सरकार ने चुनावी माहौल में महिलाओं और युवाओं पर भले ही फोकस कर योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रही हो, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सरकार की घोषणाओं में जवाबदेही कानून, राइट टू हेल्थ कानून (Right to health bill in Rajasthan) , ऑनलाइन गेमिंग एक्ट सहित करीब आधा दर्जन ऐसे कानून हैं जो अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं उतर सके हैं. जवाबदेही कानून और राइट टू हेल्थ ड्राफ्ट तैयार होने के बावजूद लागू नहीं होने से सामाजिक संगठन सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी लगभग सवा साल से ज्यादा का वक्त है, लेकिन प्रदेश में मौजूदा गहलोत सरकार सत्ता वापसी के लिए चुनावी मोड में अभी से नजर आ रही है. सरकार इस बार महिलाओं और युवाओं पर फोकस कर सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने यूथ और आधी आबादी को साधने का मास्टर प्लान बनाया है. चुनावी साल में हर महिला मुखिया को फ्री स्मार्टफोन व इंटरनेट (Free smartphone to women in Rajasthan) और युवाओं को समर्पित बजट के जरिये साधने की तैयारी है. हालांकि जवाबदेही, राइट टू हेल्थ और ऑनलाइन गेमिंग जैसे कानूनों पर खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है.

आधी आबादी पर सीधी नजर: दिसंबर में गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ है और फरवरी में सरकार का आखिरी बजट पेश होगा. चौथी वर्षगांठ पर सरकार बड़ा जलसा करने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो वर्षगांठ पर बड़े स्तर पर लोकलुभावन घोषणाएं की जाएंगी, जिसका खाका तैयार किया जा रहा है. इस योजना के तहत राज्‍य में 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है. इस परियोजना की कुल लागत 12000 करोड़ रुपए है.

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सरकार इस योजना के जरिये सीधे आधी आबादी को साधने की कोशिश है. इसके तहत राज्‍य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’ की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिया जाना है. इस योजना के तहत फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी. उम्मीद है कि इस प्रक्रिया को जल्‍द से जल्‍द निपटा लिया जाएगा और योजना के तहत स्मार्टफोन की पहली खेप इस त्योहारी सीजन (दिवाली) से पहले सरकार को मिल सकती (Free smartphone to women by Diwali 2022) है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ की घोषणा की थी.

पढ़ें: गहलोत सरकार की अनूठी पहल, जल जीवन मिशन में ग्रामीण परिवारों की महिला मुखिया के नाम मिलेगा जल कनेक्शन

युवाओं के लिए बजट: महिलाओं के साथ-साथ सरकार युवाओं पर फोकस कर रही है. यही वजह है कि राज्य सरकार की नीतियों के केंद्र में युवा वर्ग है. सरकार का अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित होगा. इसमें युवा केंद्रित योजनाओं, रोजगार की उपलब्धताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. गहलोत ने पिछले दिनों कहा भी था कि राजस्थान में कौशल विकास रणनीति में सुधार संबंधी कार्य कर रहे हैं. सरकार के निजी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या और क्षमता में वृद्धि की गई है. गहलोत लगातार दावा कर रहे हैं कि वर्तमान सरकार ने अभी तक 1.25 लाख नौकरियां दी हैं. एक लाख प्रक्रियाधीन हैं और एक लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई है.

पढ़ें: सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को मिलेगी निशुल्क यूनिफॉर्म

व्यक्तिगत लाभ वाली योजना पर भी फोकस: सरकार ऐसी घोषणा को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है जिसमें व्यक्तिगत लाभ दिया जा सके. किसानों, छात्रों, महिलाओं और कमजोर तबके के लोगों पर फोकस किया जा रहा है. इन तबकों के लिए चौथी वर्षगांठ से लेकर बजट तक कई घोषणाएं होंगी. फिलहाल सीएम के स्तर पर मंथन का दौर चल रहा है. ब्लॉक लेवल तक की मांगों को भी मंगवा कर उन्हें पूरा करने से होने वाले सियासी फायदे का गणित भी देखा जा रहा है. छोटी-छोटी मांगों को पूरा करने वाली घोषणाओं को भी बजट में शामिल किया जाएगा. तहसील लेवल की सैकड़ों मांगें कई साल से लंबित चल रही हैं. उन्हें चौथी सालगिरह से लेकर अगले बजट तक पूरा किया जा सकता है, ऐसी मांगों को फिल्टर किया जा रहा है.

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इस को लेकर उठ रहे सवाल: सरकार ने चुनावी माहौल में महिलाओं और युवाओं पर भले ही फोकस कर योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रही हो, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सरकार की घोषणाओं में जवाबदेही कानून, राइट टू हेल्थ कानून (Right to health bill in Rajasthan) , ऑनलाइन गेमिंग एक्ट सहित करीब आधा दर्जन ऐसे कानून हैं जो अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं उतर सके हैं. जवाबदेही कानून और राइट टू हेल्थ ड्राफ्ट तैयार होने के बावजूद लागू नहीं होने से सामाजिक संगठन सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

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