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2 से ज्यादा बच्चों वाले नेताओं को भी मिल सकता है चुनाव लड़ने का तोहफा

प्रदेश सरकार 17 दिसंबर को दो से ज्यादा बच्चे वाले जनप्रतिनिधियों को भी चुनाव लड़ने का फिर से अधिकार दे सकती है. वहीं पंचायत के जनप्रतिनिधि के लिए शिक्षा की बाध्यता का कानून भी प्रदेश सरकार हटा दी है.

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गहलोत सरकार एक साल पूरे होने पर बड़ा फैसला...
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Published : Dec 10, 2019, 12:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार पंचायत निकाय चुनाव में गत भाजपा सरकार की शिक्षा में बाध्यता के नियम को हटा दी है. साथ ही राज्य सरकार अपने एक साल के कार्यकाल पूरा होने पर एक और तोहफा पंचायत राज के चुनाव लड़ने वाले नेताओं को दे सकती है. जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने पर भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे.

बता दें कि पिछली भाजपा सरकार ने शिक्षा की बाध्यता के साथ ही 2 से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव नहीं लड़ने का कानून बनाया था, जिसे लगातार कांग्रेस ने यह कहते हुए विरोध किया था कि जब सांसदों और विधायकों के लिए कानून लागू नहीं है, तो फिर पंचायतों के चुनाव लड़ने वाले के लिए इस कानून को क्यों लागू किया गया है.

गहलोत सरकार एक साल पूरे होने पर बड़ा फैसला...

ऐसे में कहा जा रहा है कि इस बार गहलोत सरकार अपने एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में यह घोषणा भी कर सकती है, जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने की स्थिति में भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे. वहीं चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों के सामने एक और समस्या आ रही है, कि पिछली बार जब चुनाव हुए थे, तो जनप्रतिनिधियों के लिए शिक्षा की अनिवार्यता प्रदेश में लागू कर दिया गया था. जिसके चलते चुनाव लड़े कई जनप्रतिनिधियों पर फर्जी मार्कशीट के मुकदमें चल रहे हैं.

यह भी पढ़ें- तापमान में 2 डिग्री की उछाल, इन जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी

जानकारी के अनुसार सरकार के सामने यह प्रस्ताव आ लगातार रहा है कि जब प्रदेश में शिक्षा की बाध्यता चुनाव में बची ही नहीं है, तो फिर ऐसे में इन मुकदमों को वापस लिया जाए. वहीं बताया ये भी जा रहा है कि मामला कोर्ट से जुड़ा है, तो ऐसे में सरकार फैसला लेने में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी और कानूनी राय लेने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार पंचायत निकाय चुनाव में गत भाजपा सरकार की शिक्षा में बाध्यता के नियम को हटा दी है. साथ ही राज्य सरकार अपने एक साल के कार्यकाल पूरा होने पर एक और तोहफा पंचायत राज के चुनाव लड़ने वाले नेताओं को दे सकती है. जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने पर भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे.

बता दें कि पिछली भाजपा सरकार ने शिक्षा की बाध्यता के साथ ही 2 से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव नहीं लड़ने का कानून बनाया था, जिसे लगातार कांग्रेस ने यह कहते हुए विरोध किया था कि जब सांसदों और विधायकों के लिए कानून लागू नहीं है, तो फिर पंचायतों के चुनाव लड़ने वाले के लिए इस कानून को क्यों लागू किया गया है.

गहलोत सरकार एक साल पूरे होने पर बड़ा फैसला...

ऐसे में कहा जा रहा है कि इस बार गहलोत सरकार अपने एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में यह घोषणा भी कर सकती है, जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने की स्थिति में भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे. वहीं चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों के सामने एक और समस्या आ रही है, कि पिछली बार जब चुनाव हुए थे, तो जनप्रतिनिधियों के लिए शिक्षा की अनिवार्यता प्रदेश में लागू कर दिया गया था. जिसके चलते चुनाव लड़े कई जनप्रतिनिधियों पर फर्जी मार्कशीट के मुकदमें चल रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार सरकार के सामने यह प्रस्ताव आ लगातार रहा है कि जब प्रदेश में शिक्षा की बाध्यता चुनाव में बची ही नहीं है, तो फिर ऐसे में इन मुकदमों को वापस लिया जाए. वहीं बताया ये भी जा रहा है कि मामला कोर्ट से जुड़ा है, तो ऐसे में सरकार फैसला लेने में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी और कानूनी राय लेने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी.

Intro:प्रदेश सरकार दे सकती है 17 दिसंबर को दो से ज्यादा बच्चे वाले जनप्रतिनिधियों को भी चुनाव लड़ने का फिर से अधिकार तो वही जो पंचायतों के जनप्रतिनिधि शिक्षा की बाध्यता के चलते फांसी मुकदमों में अब शिक्षा का कानून हटने के बाद इस पर भी ले रही है सरकार कानूनी राय


Body:राजस्थान में कांग्रेस सरकार पंचायतों निकाय चुनाव में गत भाजपा सरकार की शिक्षा में बादिता के नियम को हटा चुकी है अब राज्य सरकार अपने 1 साल के कार्यकाल पूरा होने पर एक और तोहफा पंचायत राज के चुनाव लड़ने वाले नेताओं को दे सकती है जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने पर भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे दरअसल गत भाजपा सरकार ने शिक्षा की बाध्यता के साथ ही 2 से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते का कानून बनाया था जिसे लगातार कांग्रेस ने यह कहते हुए विरोध किया था कि जब सांसदों और विधायकों के लिए कानून लागू नहीं है तो फिर पंचायतों के चुनाव लड़ने के लिए इस कानून को क्यों लागू किया गया है ऐसे में कहा जा रहा है कि इस बार गहलोत सरकार अपने 1 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में यह घोषणा भी कर सकती है जिसके तहत 2 से ज्यादा बच्चे होने की स्थिति में भी यह नेता चुनाव लड़ सकेंगे वहीं एक और दिक्कत चुनाव लड़े जनप्रतिनिधियों के सामने आ रही है कि पिछली बार जब चुनाव हुए थे तो शिक्षा का प्रदेश में लागू कर दिया गया था जिसके चलते चुनाव लड़े कई जनप्रतिनिधियों पर फर्जी मार्कशीट के मुकदमें लग गए थे अब लगातार सरकार के सामने यह प्रस्ताव की ओर से आ रहे हैं कि अब जब प्रदेश में शिक्षा की बाध्यता चुनाव में बची ही नहीं है तो फिर ऐसे में इन मुकदमों को वापस लिया जाए क्योंकि मामला कोर्ट से जुड़ा है ऐसे में सरकार में फैसला देने में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी और कानूनी राय करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी
बाइट सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस


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