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माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की जबरन वसूली पर लगेगी लगाम, कर्नाटक सरकार बनाएगी कानून - CHIEF MINISTER SIDDARAMAIAH

कर्नाटक सरकार माइक्रो फाइनेंसिंग फर्मों पर लगाम लगाने के लिए कड़ा कानून बनाएगी. कर्ज लेने वालों को परेशान करने की घटनाओं के बाद निर्णय लिया.

Chief Minister Siddaramaiah.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2025, 7:36 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक में माइक्रोफाइनेंसिंग फर्मों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही एक नया सख्त कानून बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को यह घोषणा की. उन्होंने माइक्रोफाइनेंसिंग के कारण पिछले कुछ महीनों में राज्य भर में कई लोगों के जीवन तबाह होने के आरोप लगाये. सिद्धारमैया ने अपने कैबिनेट सहयोगियों, राज्य सरकार और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की.

सिद्धारमैया ने कहा, "कर्जदारों को परेशान करने वाली माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर लगाम लगाने की जरूरत को समझते हुए सरकार ने अध्यादेश के जरिए एक नया कानून बनाने का फैसला किया है. नए कानून में जबरन कर्ज वसूली पर रोक लगाई जाएगी और साथ ही पुलिस को और अधिक शक्तियां दी जाएंगी, जिसमें परेशान करने वाली वित्तीय कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का अधिकार भी शामिल है."

कर्नाटका के मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून में अपंजीकृत साहूकारों को विनियमित करने के लिए भी उचित प्रावधान होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माइक्रोफाइनेंसिंग कंपनियों द्वारा उत्पीड़न और बलपूर्वक कार्रवाई के मामले में मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती. सरकार गरीब कर्जदारों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. उन्होंने कर्जदारों से अपील की कि यदि उन्हें कर्जदारों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तो वे बिना किसी हिचकिचाहट के पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं.

मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे कर्जदारों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन खोलें, ताकि वे स्वयं मामले दर्ज करने के अलावा शिकायत दर्ज करा सकें. उन्होंने कहा, "हमने डीसी और एसपी को इस संबंध में कर्जदारों को कड़ी चेतावनी देने और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने के लिए भी कहा है."

आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कर्जदारों को शाम 5 बजे के बाद कर्जदारों के घर जाने से मना किया गया है. कर्ज वसूली के लिए किसी तीसरे पक्ष की सेवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. सीएम ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्जदार इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें." इससे पहले बैठक में, कर्जदारों को परेशान करने के लिए माइक्रोफाइनेंसिंग फर्मों के प्रतिनिधियों को सीएम और मंत्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

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बेंगलुरु: कर्नाटक में माइक्रोफाइनेंसिंग फर्मों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही एक नया सख्त कानून बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को यह घोषणा की. उन्होंने माइक्रोफाइनेंसिंग के कारण पिछले कुछ महीनों में राज्य भर में कई लोगों के जीवन तबाह होने के आरोप लगाये. सिद्धारमैया ने अपने कैबिनेट सहयोगियों, राज्य सरकार और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की.

सिद्धारमैया ने कहा, "कर्जदारों को परेशान करने वाली माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर लगाम लगाने की जरूरत को समझते हुए सरकार ने अध्यादेश के जरिए एक नया कानून बनाने का फैसला किया है. नए कानून में जबरन कर्ज वसूली पर रोक लगाई जाएगी और साथ ही पुलिस को और अधिक शक्तियां दी जाएंगी, जिसमें परेशान करने वाली वित्तीय कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का अधिकार भी शामिल है."

कर्नाटका के मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून में अपंजीकृत साहूकारों को विनियमित करने के लिए भी उचित प्रावधान होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माइक्रोफाइनेंसिंग कंपनियों द्वारा उत्पीड़न और बलपूर्वक कार्रवाई के मामले में मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती. सरकार गरीब कर्जदारों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. उन्होंने कर्जदारों से अपील की कि यदि उन्हें कर्जदारों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तो वे बिना किसी हिचकिचाहट के पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं.

मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे कर्जदारों द्वारा उत्पीड़न का सामना कर रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन खोलें, ताकि वे स्वयं मामले दर्ज करने के अलावा शिकायत दर्ज करा सकें. उन्होंने कहा, "हमने डीसी और एसपी को इस संबंध में कर्जदारों को कड़ी चेतावनी देने और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने के लिए भी कहा है."

आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कर्जदारों को शाम 5 बजे के बाद कर्जदारों के घर जाने से मना किया गया है. कर्ज वसूली के लिए किसी तीसरे पक्ष की सेवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. सीएम ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्जदार इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें." इससे पहले बैठक में, कर्जदारों को परेशान करने के लिए माइक्रोफाइनेंसिंग फर्मों के प्रतिनिधियों को सीएम और मंत्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

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