नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, मध्य प्रदेश की उद्यमी सैली होल्कर, मराठी लेखिका मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास समेत 30 गुमनाम नायकों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
नगालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग और पुडुचेरी के वादक पी दत्चनमूर्ति को भी पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है.
Padma Awards 2025 | Unsung and unique Padma Awardees. Full list to be released shortly.
— ANI (@ANI) January 25, 2025
Dr Neerja Bhatla, a Gynaecologist from Delhi with specialized focus on cervical cancer detection, prevention and management being awarded Padma Shri.
Bhim Singh Bhavesh, social worker from… pic.twitter.com/tIkPS8Pzln
पद्मश्री से सम्मानित हस्तियों की सूची
- मध्यप्रदेश की सामाजिक उद्यमी सैली होलकर
- गोवा की स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई
- पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास
- कुवैत की योग साधिका शेखा एजे अल-सबा
- उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपती ह्यूग और कोलीन गैंटजर
- बिहार की निर्मला देवी (सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी)
- नगालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग
- पुडुचेरी के वादक पी दत्चनमूर्ति
- मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली
- दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला
- भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश
- सिक्किम के 'नेपाली गीतों के गुरु' नरेन गुरुंग
- हरिमन शर्मा (बिलासपुर के सेब किसान)
- जोनास मासेटी (ब्राजील के वेदांत गुरु)
- हरियाणा के कैथल निवासी हरविंदर सिंह (दिव्यांग तीरंदाज)
- निमाड़ी-खरगोन के हिंदी लेखक जगदीश (निमाड़ी गद्य साहित्य की स्थापना की)
- भेरू सिंह चौहान (निर्गुण भक्ति के भेरू)
- नशा मुक्ति की नायिका जुमदे योमगाम गामलिन
- उस्ताद वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर (गोंधली के घुमंतू गुरु)
- महाराष्ट्र के विलास डांगरे (चिकित्सा, होम्योपैथी)
- गोकुल चंद्र दास (पारंपरिक वादक)
- वेलू आसन (पारंपरिक वादन)
- भीमावा डोड्डाबालप्पा (छाया चित्रण)
- परमार लावजीभाई नागजी भाई (बुनकरी)
- विजयलक्ष्मी देशमाने (कैंसर रोग के खिलाफ लड़ाई)
- चेतराम देवचंद पवार (वन रोपण)
- पांदी राम मांडवी (वाद्य यंत्र निर्माता)
- राधा बहन भट्ट (महिला सशक्तीकरण)
- सुरेश सोनी (कुष्ण रोगियों की सेवा)
- राजस्थान की बतूल बेगम (लोकगायिका)
लीबिया लोबो सरदेसाई: सरदेसाई ने गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन 'वोज दा लिबरडाबे (स्वतंत्रता की आवाज)' की सह-स्थापना की थी.
#बिहार के #मुजफ्फरपुर जिले की #निर्मला_देवी को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी भी कहा जाता है।#NirmalaDevi #Bihar#PadmaAwards2025#PeoplesPadma #PadmaShri pic.twitter.com/GBvV3DM6eC
— PIB in Bihar (@PIB_Patna) January 25, 2025
निर्मला देवी: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की निर्मला देवी को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है. उन्हें सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी भी कहा जाता है.
ढाक वादक गोकुल चंद्र डे: पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने पुरुष प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित करके लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा है. डे ने पारंपरिक वाद्य यंत्र से 1.5 किलोग्राम का हल्का ढाक भी बनाया और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसे उस्तादों के साथ भी प्रस्तुति दी.
सैली होल्कर: महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होल्कर ने माहेश्वरी शिल्प कायाकल किया, जो एक समय लुप्त हो रहा था. उन्होंने पारंपरिक बुनाई तकनीकों का प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा विद्यालय की स्थापना की. अमेरिका में जन्मी और रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित होकर सैली ने 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पूरा जीवन लगा दिया.
डॉ. नीरजा भटला: दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. डॉ. नीरजा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के लिए जानी जाती हैं.
Shri Naren Gurung, the 'Nepali Geet ke Guru,' from Sikkim to be conferred with the Padma Shri Award in Art (Vocals - Folk - Nepali)
— PIB in Sikkim (@PIBGangtok) January 25, 2025
A true cultural icon, he has spent 60+ years preserving Sikkimese folk music, mentoring artists, and showcasing tradition globally. #PadmaAwards pic.twitter.com/recZym67yJ
नरेन गुरुंग: सिक्किम के 'नेपाली गीतों के गुरु' नरेन गुरुंग को कला क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने पिछले 60 वर्षों से सिक्किमी लोक संगीत को संरक्षित करने, कलाकारों को सलाह देने और वैश्विक स्तर पर परंपरा को प्रदर्शित करने का काम किया है.
भीम सिंह भावेश: बिहार के भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. वह पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था 'नई आशा' के जरिये समाज के सबसे हाशिए पर पड़े मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए अथक काम कर रहे हैं.
#बिहार के #भोजपुर जिले के #भीम_सिंह_भावेश को सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें मुसहरों का मसीहा भी कहा जाता है।#BhimSinghBhavesh #Bihar#PadmaAwards2025#PeoplesPadma #PadmaShri pic.twitter.com/Zt78F3KnV3
— PIB in Bihar (@PIB_Patna) January 25, 2025
पी. दत्चनमूर्ति: पुडुचेरी के वादक पी. दत्चनमूर्ति को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है. वह दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थाविल में विशेषज्ञता रखने वाले वाद्य वादक हैं. उनके पास 5 दशकों से अधिक का अनुभव है.
एल. हैंगथिंग: पद्मश्री विजेता एल. हैंगथिंग नगालैंड के नोकलाक निवासी एक फल किसान हैं, जिन्हें गैर-देसी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है.
President Droupadi Murmu has approved Gallantry awards to 93 Armed Forces and Central Armed Police Forces personnel, including 11 posthumous, on the eve of 76th Republic Day. These include two Kirti Chakras, including one posthumous; 14 Shaurya Chakras, including three… pic.twitter.com/pbzYJLOsHA
— ANI (@ANI) January 25, 2025
वीरता पुरस्कारों का ऐलान
वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 93 कर्मियों (11 मरणोपरांत सहित) को वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दे दी है. इनमें दो कीर्ति चक्र ( एक मरणोपरांत), 14 शौर्य चक्र (तीन मरणोपरांत), एक सेना पदक बार (वीरता) के लिए, 66 सेना पदक (सात मरणोपरांत); दो नौसेना पदक (वीरता) और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं.
इसके अलावा राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों के लिए 305 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी. इनमें 30 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, 57 अति-विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, एक सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 15 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); चार बार विशिष्ट सेवा पदक और 132 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं.
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