लुधियाना: पंजाब के कई बड़े शहरों में अब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर ऑनलाइन चालान शुरू होने जा रहा है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है. पहले चरण में लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और मोहाली में ऑनलाइन चालान काटे जाएंगे.
इसके बाद अन्य शहरों में भी इसकी शुरुआत होगी. 26 जनवरी को औपचारिक लॉन्चिंग से पहले ट्रैफिक पुलिस ने ट्रायल भी शुरू कर दिया. प्रमुख शहरों में सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगाए गए थे ताकि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.
चालान जारी होने के बाद इसे संबंधित वाहन के मालिक के घर पहुंचा दिया जाएगा, जिसका भुगतान ऑनलाइन भी किया जा सकेगा. पहले चरण के तहत रेड लाइट जंप करने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके बाद बाकी चालान भी जारी किए जाएंगे.
पुलिस ने कंट्रोल रूम बनाए
इस संबंध में लुधियाना ट्रैफिक के प्रभारी एसीपी जतिन बंसल ने बताया कि इसकी शुरुआत कर दी गई है. बाकायदा कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. लुधियाना के चौराहों पर ये चालान काटे जाएंगे. इससे लोग जागरूक होंगे. लोग चौराहों पर ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे.
छात्रों को भी किया जागरूक
जतिन बंसल ने बताया कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बिना सीट बेल्ट और हेलमेट वालों पर नजर रखी जाएगी. शहर के मुख्य चौराहों पर लगे कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, जहां एक हाईटेक टीम ड्यूटी पर रहेगी.
यह सारी फुटेज उनके पास पहुंचेगी, जिसके बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले की नंबर प्लेट को ट्रैक किया जाएगा और उनके घर चालान भेजा जाएगा. स्कूलों के बारे में जतिन बंसल ने कहा कि हमने कम उम्र के बच्चों को भी जागरूक किया है जो गाड़ी चलाते हैं. केंद्र सरकार ने जागरूकता अभियान चलाया था और हमने विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों को यातायात नियमों की जानकारी दी है.
जतिन बंसल ने कहा कि पिछले 2 महीने से इसका ट्रायल किया जा रहा है. इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. आने वाले दिनों में चालान काटे जाने का इलाका बढ़ाया जाएगा.
ई-रिक्शा के लिए भी नियम
लुधियाना शहर में चलने वाले बैटरी चालित रिक्शों के बारे में जतिन बंसल ने कहा कि इन्हें नियमित किया जा रहा है. शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में शनिवार और रविवार को इन ई-रिक्शा पर रोक रहेगी. उन्होंने कहा कि यह लोगों के रोजगार का जरिया है.
हम किसी का रोजगार नहीं छीन सकते. इसके साथ ही ट्रैफिक की समस्या को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसके अलावा भारी वाहनों के लिए नो-एंट्री नियम हैं, जिसका सख्ती से पालन किया जा रहा है.