जयपुर. गहलोत सरकार प्रदेश में निवेश का माहौल तैयार करने के लिए इन्वेस्ट राजस्थान समिट करवाने की तैयारी कर रही है. इस समिट का आयोजन 7 से 8 अक्टूबर को किया जाएगा. इस समिट के आयोजन (Invest Rajasthan Summit will be on 7 october) से राजस्थान सरकार औद्योगिक स्वरूप को बदलना चाह रही है. प्रदेश में अधिक से अधिक इन्वेस्टर आकर निवेश करें इसके लिए भी सरकार कई योजनाएं बना रही है.
नए रोजगार सृजित करने की तैयारी: राजस्थान में निवेश को लेकर सरकार लगातार विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के साथ एमओयू कर रही है. अगर आंकड़ों की बात करें तो अब तक करोड़ों रुपए के एमओयू सरकार की ओर से किए जा चुके हैं. आने वाले इस इन्वेस्ट राजस्थान समिट के माध्यम से सरकार नए रोजगार सृजित करने की भी तैयारी कर रही है. इसके लिए प्रदेश की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत कुछ समय तक विभिन्न संभागों के दौरे पर रहेंगी, साथ ही संभाग के उद्यमियों के साथ चर्चा कर उनके साथ आ रही परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगी.
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10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होने की संभावनाएं: अक्टूबर के महिने में होने वाले इन्वेस्ट राजस्थान समिट में 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश की संभावना है. इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश में 15 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा. इन्वेस्ट समिट कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कुछ समय पहले प्रदेश के विभिन्न मंत्रियों ने रोड शो आयोजित किए थे.
औद्योगिक माहौल तैयार करने में लगी हुई है सरकार: उद्योग मंत्री शकुंतला रावत का कहना है कि, प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशक आएं, इसके लिए सरकार एक औद्योगिक माहौल तैयार करने में लगी हुई है. इसके अलावा देशभर के छोटे बड़े उद्योगों के लिए राज्य सरकार रियायती दर पर बिजली, पानी और जमीन सहित अन्य सुविधाओं को उपलब्ध करवा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तैयार की गई एमएसएमई नीति और राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम के तहत उद्यमियों को काफी सहूलियत दी जा रही है, जिससे प्रदेश में निवेश का माहौल तैयार हो सके. उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही हैंडीक्राफ्ट नीति सौर ऊर्जा नीति सहित कई अन्य प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है.
एमओयू हुए साइन नहीं आया निवेशः भाजपा सरकार ने भी राजस्थान में निवेश को लेकर रिसर्जेंट राजस्थान का 2015 में आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में सरकार ने लगभग 3.37 लाख करोड़ रुपए के 470 एमओयू किए थे. जिसके तहत प्रदेश में पर्यटन, खनन और मेडिकल क्षेत्रों मे निवेश किया जाना था, लेकिन 470 एमओयू में से आधे भी धरातल पर नहीं उतर पाए. बड़ी-बड़ी कंपनियों ने एमओयू साइन किए लेकिन निवेश में रुचि नहीं दिखाई. ऐसे में मौजूदा सरकार की ओर से निवेश को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि कितना निवेश राजस्थान में आता है और कितने निवेशक निवेश को लेकर रुचि दिखाते हैं.