जयपुर. प्रदेश में 1 महीने से ज्यादा समय तक चले सियासी उठापटक के बाद यह पहली बार होने कैबिनेट की बैठक बुधवार से गुरुवार तक 4 बार री-शिड्यूल होने के बाद स्थगित कर दी गई. बैठक में कोरोना से जुड़े राहत कार्यों और अन्य कार्यों के लिए सीएम से लेकर मंत्रियों और सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के 1 दिन की वेतन काटने का निर्णय होना था.
कर्मचारियों की वेतन कटौती का प्रस्ताव पिछले दिनों मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य के साथ कर्मचारी नेताओं की हुई बैठक में पारित करवा लिया गया था. इसके अलावा कैबिनेट में उद्योगों को राहत देने के लिए भी फैसले लिए जा सकते हैं. इसमें पर्यटन उद्योग की लंबित मांगों पर विचार संभव था. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा असर इसी सेक्टर आया था. इसके अलावा सेवा नियम संशोधन में फैसले भी बैठक में लिए जा सकते थे.
दरअसल, 1 महीने से अधिक चले सियासी घटनाक्रम के दौरान भी कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी. लेकिन उस बैठक में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय इसलिए नहीं हो पाए थे. क्योंकि उस समय प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज थी. ऐसे में 1 महीने से ज्यादा चले उठापटक के बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पहले बुधवार को 12 बजे बैठक बुलाई गई थी. इसके बाद फिर री-शिड्यूल करते हुए गुरुवार 12 बजे बुलाई गई. लेकिन फिर समय मे संशोधन करते हुए शाम 5 बजे किया गया था. जिसके बाद बैठक से ठीक 1 घंटे पहले इसे स्थगित कर दिया गया.