जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान और प्रशासन गांवों के संग अभियान की शुरुआत करते हुए सीएम अशोक गहलोत प्रदेश की राजनीति पर खुलकर बोलते दिखे. यहां मंच से उन्होंने कहा कि विपक्ष कहता है कि वो घर में बंद हैं. लेकिन अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान की कृपा से पहले 34 दिन रिसोर्ट में रहे. प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स इस बात से चिंतित रहते हैं कि सरकार रहेगी या नहीं, लेकिन अब उन्हें कुछ नहीं होने वाला. किसी को दुखी होना है तो हो, सरकार 5 साल तक रहेगी और दोबारा सत्ता में भी लौटेगी.
सीएम अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कोरोना काल में विपक्ष को साथ लेकर चले. लेकिन उनकी फितरत में संस्कार ही ऐसे हैं. गोडसे भी उन्हीं की सोच का व्यक्ति था. 60 साल बाद गांधी को तो उन्होंने अपना लिया. लेकिन उसका मकसद सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने का है. बीजेपी गांधी को दिल से अपनाए तो लव जिहाद, हिंदुत्व जैसी समस्या पैदा ही न हों और ये समस्या स्वतः ही खत्म हो जाएगी.
इस दौरान उन्होंने कोरोना की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में सरकार ने आह्वान किया और पब्लिक साथ देती चली गई. आज गांव में लोग हार्टअटैक से मर रहे हैं. लेकिन ये समस्या कोरोना से ही पैदा हुई है. अपने ब्लॉकेज कारण भी उन्होंने कोरोना को ही बताया. साथ ही कहा कि अब उन्हें कुछ नहीं होने वाला, किसी को दुखी होना है तो हो.
इस दौरान उन्होंने मंच से पंजाब के बाद राजस्थान की बारी को लेकर चल रही चर्चा पर कहा कि यहां 5 साल तक सरकार चलेगी और उसके बाद दोबारा कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. उन्होंने प्रशासन शहरों के संग जैसे अभियान को सफल बताते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को अगली बार भी यूडीएच मंत्री बनाए जाने की बात कही.