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पूर्व डीआईजी लक्ष्मण सिंह को लेकर सदन में विधायक गिर्राज मलिंगा ने उठाए सवाल, मंत्री ने दिया जवाब - राजस्थान विधानसभा चर्चा

विधायक गिर्राज मलिंगा ने विधानसभा में भरतपुर के पूर्व डीआईजी को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों को क्यों बचाने का प्रयास हो रहा है. अगर कोई जवाब देना ही नहीं है, तो फिर हम लोगों को क्यों बुलाया जाता है. वहीं जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि तफ्तीश में समय लगता है. सरकार वाजिब कार्रवाई करेगी.

Rajasthan assembly discussion, Girraj Malinga statement
पूर्व डीआईजी लक्ष्मण सिंह को लेकर सदन में विधायक गिर्राज मलिंगा ने उठाए सवाल
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Published : Mar 8, 2021, 11:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को गृह विभाग की अनुदान मांगों के दौरान कांग्रेस पार्टी के ही विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने एक बार फिर भरतपुर के पूर्व डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के खिलाफ सदन में जमकर हमला बोला. विधायक ने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार दोहरा रवैया अपना रही है. एक ओर जिन अधिकारियों के दलाल पकड़े गए, उन अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई, लेकिन दूसरी ओर लक्ष्मण गौड़ पर रियायत बरती जा रही है. अगर लक्ष्मण गौड़ के के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी है, तो फिर सरकार बाकी अधिकारियों पर भी यही रवैया अपनाए.

पूर्व डीआईजी लक्ष्मण सिंह को लेकर सदन में विधायक गिर्राज मलिंगा ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि जो छटे हुए चोर आते हैं, उन्हें पोस्टिंग दी जाती है. उन्होंने धारीवाल को कहा कि आज जवाब में यह बताएं कि लक्ष्मण गौड़ को क्यों बचाया गया. आज इस बात का मुझे जवाब चाहिए कि उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. उन्होंने नाराजगी में यह तक कहा कि विधानसभा में बैठते रहो, बोलते रहो कोई फर्क नहीं पड़ता, क्या मतलब हुआ फिर हमारा यहां आने का सुबह से शाम तक सदन में क्यों बैठाया जाता है. जब किसी बात का जवाब नहीं देना चाहते. उसकी गिरफ्तारी होगी या नहीं होगी, अगर वह इमानदार है, तो उसे खुद ही पोस्टिंग दे दें और अगर चोर है तो बाकी अधिकारियों की तरह से उन्हें भी सजा मिले. एक तरफ आप इमानदारी की दुहाई देते हो दूसरी और आप ऐसा कर रहे हैं. यह 2 तरीके के खेल क्यों? काम करना है तो ठीक से करें सरकार को तो नियम बनाकर ऐसे लोगों के खिलाफ नियम बनाना चाहिए. उन्होंने देश लूट लिया और हम इनको बचाते जा रहे हैं.

इतना ही नहीं जब शांति धारीवाल जवाब दे रहे थे, उस समय भी विधायक ने खड़े होकर फिर इस बात को दोहराया तो मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि किसी भी धारा के केस में तफ़्तीश का टाइम मुकर्रर नहीं होता है. फैक्ट आते रहते हैं. मामला एफआर तक आता है, तो नए फैक्ट आ जाते हैं, तो वह मामला फिर खुल जाता है. इसलिए तफ्तीश में समय लगता है. तफ्तीश का वक्त नहीं होता है कोई भी बात हो उसमें हाईकोर्ट से भी कई निर्णय आ जाते हैं. जो वाजिब होगा निश्चित तौर पर गहलोत सरकार वह काम करके रहेगी.

पढ़ें- राजेंद्र गुढ़ा ने खोली विधायक और अधिकारियों की पोल, कहा- पैसे देकर टिकट लेते हैं और पैसे देकर वोट भी

गौरतलब है कि जून 2020 में तत्कालीन भरतपुर डीआईजी के कथित दलाल प्रमोद शर्मा की गिरफ्तारी के बाद डीआईजी लक्ष्मणगढ़ को सरकार ने एपीओ कर दिया था. तत्कालीन भरतपुर रेंज उपमहानिरीक्षक लक्ष्मण गौड़ पर आरोप थे कि उनके सरकारी आवास से उनका दलाल प्रमोद शर्मा भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर में तैनात कई थाना प्रभारियों से रिश्वत मांगता था और उनको डीआईजी की ताकत का रौब दिखाते हुए दम करता था कि यदि रिश्वत नहीं दी तो उनको डीआईजी का संरक्षण प्राप्त नहीं होगा. इस मामले में अभी तक तफ्तीश है और इस मामले के खुलने के ठीक बाद ही गिर्राज मलिंगा ने उस समय भी लक्ष्मण गौड़ पर आरोप लगाए थे और यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत भी पहुंचाई थी. आज एक बार फिर विधायक गिर्राज मलिंगा ने अपने आरोपों को सदन में दोहराया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को गृह विभाग की अनुदान मांगों के दौरान कांग्रेस पार्टी के ही विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने एक बार फिर भरतपुर के पूर्व डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के खिलाफ सदन में जमकर हमला बोला. विधायक ने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी है कि सरकार दोहरा रवैया अपना रही है. एक ओर जिन अधिकारियों के दलाल पकड़े गए, उन अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई, लेकिन दूसरी ओर लक्ष्मण गौड़ पर रियायत बरती जा रही है. अगर लक्ष्मण गौड़ के के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी है, तो फिर सरकार बाकी अधिकारियों पर भी यही रवैया अपनाए.

पूर्व डीआईजी लक्ष्मण सिंह को लेकर सदन में विधायक गिर्राज मलिंगा ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि जो छटे हुए चोर आते हैं, उन्हें पोस्टिंग दी जाती है. उन्होंने धारीवाल को कहा कि आज जवाब में यह बताएं कि लक्ष्मण गौड़ को क्यों बचाया गया. आज इस बात का मुझे जवाब चाहिए कि उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. उन्होंने नाराजगी में यह तक कहा कि विधानसभा में बैठते रहो, बोलते रहो कोई फर्क नहीं पड़ता, क्या मतलब हुआ फिर हमारा यहां आने का सुबह से शाम तक सदन में क्यों बैठाया जाता है. जब किसी बात का जवाब नहीं देना चाहते. उसकी गिरफ्तारी होगी या नहीं होगी, अगर वह इमानदार है, तो उसे खुद ही पोस्टिंग दे दें और अगर चोर है तो बाकी अधिकारियों की तरह से उन्हें भी सजा मिले. एक तरफ आप इमानदारी की दुहाई देते हो दूसरी और आप ऐसा कर रहे हैं. यह 2 तरीके के खेल क्यों? काम करना है तो ठीक से करें सरकार को तो नियम बनाकर ऐसे लोगों के खिलाफ नियम बनाना चाहिए. उन्होंने देश लूट लिया और हम इनको बचाते जा रहे हैं.

इतना ही नहीं जब शांति धारीवाल जवाब दे रहे थे, उस समय भी विधायक ने खड़े होकर फिर इस बात को दोहराया तो मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि किसी भी धारा के केस में तफ़्तीश का टाइम मुकर्रर नहीं होता है. फैक्ट आते रहते हैं. मामला एफआर तक आता है, तो नए फैक्ट आ जाते हैं, तो वह मामला फिर खुल जाता है. इसलिए तफ्तीश में समय लगता है. तफ्तीश का वक्त नहीं होता है कोई भी बात हो उसमें हाईकोर्ट से भी कई निर्णय आ जाते हैं. जो वाजिब होगा निश्चित तौर पर गहलोत सरकार वह काम करके रहेगी.

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गौरतलब है कि जून 2020 में तत्कालीन भरतपुर डीआईजी के कथित दलाल प्रमोद शर्मा की गिरफ्तारी के बाद डीआईजी लक्ष्मणगढ़ को सरकार ने एपीओ कर दिया था. तत्कालीन भरतपुर रेंज उपमहानिरीक्षक लक्ष्मण गौड़ पर आरोप थे कि उनके सरकारी आवास से उनका दलाल प्रमोद शर्मा भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर में तैनात कई थाना प्रभारियों से रिश्वत मांगता था और उनको डीआईजी की ताकत का रौब दिखाते हुए दम करता था कि यदि रिश्वत नहीं दी तो उनको डीआईजी का संरक्षण प्राप्त नहीं होगा. इस मामले में अभी तक तफ्तीश है और इस मामले के खुलने के ठीक बाद ही गिर्राज मलिंगा ने उस समय भी लक्ष्मण गौड़ पर आरोप लगाए थे और यहां तक कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत भी पहुंचाई थी. आज एक बार फिर विधायक गिर्राज मलिंगा ने अपने आरोपों को सदन में दोहराया है.

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