जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा के बयानों को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा की अनुशासन समिति ने यह फैसला लिया.
दरअसल पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने एक बयान जारी कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के गुरुवार को हुए अलवर दौरे पर सवाल उठाए थे. शर्मा ने कहा था कि पूनिया के अलवर दौरे को लेकर जो उम्मीदें थीं वो पूरी नहीं हुईं. ऐसे में अब पार्टी विद डिफरेंस कहलाने वाली भाजपा भगवान के भरोसे है और मुझे काफी चिंता हो रही है.
रोहिताश शर्मा के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने इसे पार्टी विरोधी बयान माना. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा और पूर्व प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने रोहिताश शर्मा के खिलाफ करवाई की मांग केंद्रीय नेतृत्व से की थी. रामलाल शर्मा ने कहा था कि कुछ नेताओं की उत्पत्ति उस वक्त की तात्कालिक परिस्थितियों के कारण हुई है. ऐसे लोग पार्टी की रीति नीति के बारे में नहीं समझते हैं, उन्हें यह नहीं पता है कि भारतीय जनता पार्टी किन आदर्शों और संस्कारों पर चलने वाली पार्टी है. इसलिए ऐसे परिस्थितिवश उत्पन्न नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे नेताओं के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व सख्त कार्रवाई करे.
हालांकि रामलाल शर्मा के बयान पर पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने भी पटलवार किया था. कहा कि रामलाल शर्मा राजनीति में अभी बच्चे हैं, चाटुकारिता करते हैं, रीति-नीति का हमें ज्ञान न दें. बयानबाजी के बीच बीजेपी अनुशासन समिति ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए रोहिताश शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया.
इससे पहले भी रोहिताश शर्मा को पार्टी संगठन की ओर से 24 जून को गलत बयानबाजी मामले में नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा था. इसका जवाब शर्मा ने दे दिया था और प्रदेश संगठन ने इस जवाब को जांच के लिए अनुशासन समिति को भेजा था. अनुशासन समिति इस मामले में जांच कर ही रही थी कि इस बीच लगातार रोहिताश शर्मा के बयान सामाने आने लगे.
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के अलवर दौरे को लेकर जिस प्रकार से रोहिताश शर्मा के बयान सामने आए, उसके बाद प्रदेश भाजपा संगठन ने सख्त कार्रवाई करते हुए रोहिताश शर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.