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कोरोना से मौतों का ऑडिट सन्देहास्पद, प्रदेश सरकार कर रही बस खानापूर्ति : कालीचरण सराफ

कोरोना से मौतों के आंकड़ों को लेकर राजस्थान की प्रदेश सरकार पर शुरू से आरोप लग रहे हैं. ऐसे में अब पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना से मौत की ऑडिट संदेहास्पद नजर आ रही है. सरकार इस मामले में भी बस खानापूर्ति कर रही है.

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पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ कोरोना डेथ ऑडिट पर उठाए सवाल
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Published : Jun 6, 2021, 7:59 PM IST

जयपुर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने राज्य सरकार की ओर से की जा रही कोविड के कारण मौतों के ऑडिट के तरीके पर सवाल खड़ा किया है. यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार का मकसद कोरोना से मरे हुए लोगों के परिजनों को राहत देना नहीं बल्कि केवल खानापूर्ति करना है. सराफ ने कहा कि कोरोना से मौत का सबूत परिजनों से मांगना गलत है क्योंकि कोविड अस्पताल में जान गंवाने के बाद भी सैकड़ों लोगों की मौत को सरकार ने रिपोर्ट में कोरोना डेथ नहीं माना है.

पढ़ें: भाजपा सेवा ही संगठन के आंकड़े में वसुंधरा जन रसोई न हो शामिल, लेकिन चल रही रसोई, कटारिया भी पक्ष में

कालीचरण सराफ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना डेथ सर्टिफिकेट के अभाव में परिजनों को क्लेम मिलना तो मुश्किल है ही साथ ही भविष्य में सम्भावित तीसरी लहर के लिए सही डेटा और पुख्ता योजना नहीं बन पाएगी. सराफ ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश में 8599 मौतें बताई गई हैं जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश के कुल 758 सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में से सिर्फ 29 अस्पतालों में ही पिछले 2 माह में 9567 मौतें हुई हैं. इनमें से सरकार ने केवल 4588 मौतों को ही कोरोना से डेथ माना है, शेष 4979 मौतें अन्य कारणों से होना बताया है. ऐसे में हजारों परिजन क्लेम के लाभ पाने से वंचित रह जाएंगे और इससे यह भी साबित होता है कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को राहत देने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है.

सराफ ने बताया कि ऐसा ही एक वाकया मेरी जानकारी में आया जब एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान दौसा निवासी राकेश मोदी की कोरोना से मौत होने पर कोरोना डेथ का प्रमाणपत्र नहीं दिया. परिजनों की मांग पर मैंने एसएमएस प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी से बात की तब उन्होंने मामले की जांच करवाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पढ़ें: राजस्थान में जिन लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई उसके लिए भाजपा जिम्मेदार: प्रताप सिंह खाचरियावास

सराफ ने कहा कि सरकार ने कोरोना से मौत पर परिजनों व आश्रितों को मुआवजा एवं बीमा शर्तों में राहत की अनेक घोषणाएं तो कर दीं लेकिन यदि कोरोना से मौत होने पर भी कोरोना डेथ प्रमाणपत्र नहीं दिया जायेगा तो परिजनों को मुआवजा राशि कैसे मिलेगी? सराफ ने मांग करते हुए कहा कि पोस्ट कोविड, लंग्स इंफेक्शन एवं कोविड अस्पताल में हुई मौतों को कोरोना डेथ ही माना जाए. जिससे कोरोना काल में मरीजों की कोविड से हुई असामान्य मौत के बाद परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सके और ऑडिट के बाद भविष्य के लिए सही डेटा व योजनाएं बन सके.

विजय पथ पर पुलिस की नाकेबंदी और वसूली बंद करवाई

रविवार को सराफ को तिलक नगर व आसपास की कॉलोनियों के निवासियों से शिकायत प्राप्त हुई कि तिलक नगर, विजय पथ पर नाकेबंदी कर पुलिस पिछले कई दिनों से लोगों को परेशान कर रही है और उन्हें डरा धमकाकर अवैध वसूली कर रही है. इस पर विधायक कालीचरण सराफ मौके पर पहुंचे और जानकारी लेने के बाद मौके से ही पुलिस अधीक्षक अजिताभ सिंह से बात कर तुरन्त कार्रवाई करने को कहा. इसके बाद स्थानीय नागरिकों की मांग पर विजय पथ से पुलिस की नाकेबंदी को हटाया गया और अवैध वसूली में लिप्त पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा भी दिया. इस दौरान मौके पर सराफ के साथ भाजपा शहर उपाध्यक्ष ब्रहम कुमार सैनी, क्षेत्रीय पार्षद महेश सैनी, पूर्व पार्षद अनिल बम्ब, वार्ड अध्यक्ष विजय सैनी सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता व स्थानीय नागरिक भी साथ रहे.

जयपुर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने राज्य सरकार की ओर से की जा रही कोविड के कारण मौतों के ऑडिट के तरीके पर सवाल खड़ा किया है. यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार का मकसद कोरोना से मरे हुए लोगों के परिजनों को राहत देना नहीं बल्कि केवल खानापूर्ति करना है. सराफ ने कहा कि कोरोना से मौत का सबूत परिजनों से मांगना गलत है क्योंकि कोविड अस्पताल में जान गंवाने के बाद भी सैकड़ों लोगों की मौत को सरकार ने रिपोर्ट में कोरोना डेथ नहीं माना है.

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कालीचरण सराफ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना डेथ सर्टिफिकेट के अभाव में परिजनों को क्लेम मिलना तो मुश्किल है ही साथ ही भविष्य में सम्भावित तीसरी लहर के लिए सही डेटा और पुख्ता योजना नहीं बन पाएगी. सराफ ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश में 8599 मौतें बताई गई हैं जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश के कुल 758 सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में से सिर्फ 29 अस्पतालों में ही पिछले 2 माह में 9567 मौतें हुई हैं. इनमें से सरकार ने केवल 4588 मौतों को ही कोरोना से डेथ माना है, शेष 4979 मौतें अन्य कारणों से होना बताया है. ऐसे में हजारों परिजन क्लेम के लाभ पाने से वंचित रह जाएंगे और इससे यह भी साबित होता है कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को राहत देने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है.

सराफ ने बताया कि ऐसा ही एक वाकया मेरी जानकारी में आया जब एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान दौसा निवासी राकेश मोदी की कोरोना से मौत होने पर कोरोना डेथ का प्रमाणपत्र नहीं दिया. परिजनों की मांग पर मैंने एसएमएस प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी से बात की तब उन्होंने मामले की जांच करवाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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सराफ ने कहा कि सरकार ने कोरोना से मौत पर परिजनों व आश्रितों को मुआवजा एवं बीमा शर्तों में राहत की अनेक घोषणाएं तो कर दीं लेकिन यदि कोरोना से मौत होने पर भी कोरोना डेथ प्रमाणपत्र नहीं दिया जायेगा तो परिजनों को मुआवजा राशि कैसे मिलेगी? सराफ ने मांग करते हुए कहा कि पोस्ट कोविड, लंग्स इंफेक्शन एवं कोविड अस्पताल में हुई मौतों को कोरोना डेथ ही माना जाए. जिससे कोरोना काल में मरीजों की कोविड से हुई असामान्य मौत के बाद परिजनों को आर्थिक सहायता मिल सके और ऑडिट के बाद भविष्य के लिए सही डेटा व योजनाएं बन सके.

विजय पथ पर पुलिस की नाकेबंदी और वसूली बंद करवाई

रविवार को सराफ को तिलक नगर व आसपास की कॉलोनियों के निवासियों से शिकायत प्राप्त हुई कि तिलक नगर, विजय पथ पर नाकेबंदी कर पुलिस पिछले कई दिनों से लोगों को परेशान कर रही है और उन्हें डरा धमकाकर अवैध वसूली कर रही है. इस पर विधायक कालीचरण सराफ मौके पर पहुंचे और जानकारी लेने के बाद मौके से ही पुलिस अधीक्षक अजिताभ सिंह से बात कर तुरन्त कार्रवाई करने को कहा. इसके बाद स्थानीय नागरिकों की मांग पर विजय पथ से पुलिस की नाकेबंदी को हटाया गया और अवैध वसूली में लिप्त पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा भी दिया. इस दौरान मौके पर सराफ के साथ भाजपा शहर उपाध्यक्ष ब्रहम कुमार सैनी, क्षेत्रीय पार्षद महेश सैनी, पूर्व पार्षद अनिल बम्ब, वार्ड अध्यक्ष विजय सैनी सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता व स्थानीय नागरिक भी साथ रहे.

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