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मनी लॉन्ड्रिंग केस : पूर्व IAS सिंघवी की अग्रिम जमानत खारिज - राजस्थान खान आवंटन घूसकांड

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व IAS अशोक सिंघवी की अग्रिम जमानत को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है, कि उन पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है.

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पूर्व आईएएस सिंघवी की अग्रिम जमानत खारिज
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Published : Feb 15, 2020, 6:17 PM IST

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन को लेकर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व IAS अशोक सिंघवी की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा है, कि आरोपी के विरुद्ध पूर्व में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदलने से कोर्ट पूर्व में इनकार कर चुकी है. उसके बाद भी वे अदालत में पेश नहीं हुए. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

यह भी पढे़ं- CAA,NRC विरोध : देश को बेचने में जुटी है मोदी सरकार- प्रकाश अंबेडकर

जमानत अर्जी में कहा गया, कि 30 नवंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. प्रार्थी ने पूर्व में ईडी के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए थे. जांच के दौरान ईडी ने उसकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं बताई थी. मामले में अब कोई अनुसंधान शेष नहीं है. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए.

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पुनिया ने कहा, कि मामले में कोर्ट ने 21 जनवरी 2019 को आरोपी सिंघवी के विरुद्ध प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था. उसके बाद आरोपी को सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं मिली है. ऐसे में उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

यह है मामला...

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 16 सितंबर 2015 को जयपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा में छापे मारकर खान विभाग के महाघूसकांड का खुलासा किया था. इसमें खान विभाग के प्रमुख सचिव वरिष्ठ आईएएस अशोक सिंघवी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन को लेकर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व IAS अशोक सिंघवी की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा है, कि आरोपी के विरुद्ध पूर्व में गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे. गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदलने से कोर्ट पूर्व में इनकार कर चुकी है. उसके बाद भी वे अदालत में पेश नहीं हुए. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

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जमानत अर्जी में कहा गया, कि 30 नवंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. प्रार्थी ने पूर्व में ईडी के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए थे. जांच के दौरान ईडी ने उसकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं बताई थी. मामले में अब कोई अनुसंधान शेष नहीं है. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए.

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पुनिया ने कहा, कि मामले में कोर्ट ने 21 जनवरी 2019 को आरोपी सिंघवी के विरुद्ध प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था. उसके बाद आरोपी को सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं मिली है. ऐसे में उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

यह है मामला...

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 16 सितंबर 2015 को जयपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा में छापे मारकर खान विभाग के महाघूसकांड का खुलासा किया था. इसमें खान विभाग के प्रमुख सचिव वरिष्ठ आईएएस अशोक सिंघवी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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