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JLF 2020 का समापन: साहित्य पर कम और राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा की गई चर्चा

राजधानी में आयोजित पांच दिवसीय JLF का सोमवार को समापन हो गया. इस बार का कार्यक्रम में हर बार के कार्यक्रम से काफी अलग नजर आया. क्योंकि इस बार के कार्यक्रम में साहित्य पर कम बल्कि राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा चर्चा की गई.

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JLF 2020 का समापन
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Published : Jan 27, 2020, 10:05 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 12:01 AM IST

जयपुर. राजधानी में आयोजित हो रहे JLF- 2020 का समापन सोमवार को हुआ. इस बार का कार्यक्रम थोड़ा फीका नजर आया. क्योंकि, इस बार के समारोह में साहित्य पर कम और राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा चर्चा हुई है. कहा जा सकता है कि ये एक प्रकार का राजनीतिक अड्डा बन चुका है.

JLF 2020 का समापन

इस दौरान, इसमें जहां लेखक, पत्रकार और साहित्यकारों में जमकर CAA और NRC को लेकर बहसबाजी की गई. वहीं, कुछ छात्रों ने इसका विरोध करते हुए नारेबाजी भी की. हर बार के मुकाबले इस बार के कार्यक्रम में साहित्यप्रेमियों की संख्या भी कम नजर आई. बता दें कि इस पांच दिवसीय JLF में 202 सत्र में 550 से भी ज्यादा साहित्यकारों ने हिस्सा लिया.

पढ़ें- जयपुरः पुलिस ने तीन आरोपियों सहित कार से बरामद की स्मैक

बता दें कि इस कार्यक्रम का समापन सोशल मीडिया पर भी रहा. इसमें में जहां शशि थरूर ने सीएए को जिन्ना की सोच का बताया तो वहीं सचिन पायलट ने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही कई स्पीकर्स ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा की. वहीं, इस बार के आयोजन में युवाओं की काफी भीड़ भी देखने को मिली.

इसी बीच युवाओं ने जमकर सेल्फी भी ली. हालांकि इसके शुरुआत में ही पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इसकी स्पॉन्सरशिप रोक दी थी, लेकिन आयोजकों ने मंत्री को राजी करके इसमें बतौर स्पीकर बुला ही लिया. वहीं, इसके आखरी दिन पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भी पर्यटन को लेकर चर्चा करते नजर आए.

जयपुर. राजधानी में आयोजित हो रहे JLF- 2020 का समापन सोमवार को हुआ. इस बार का कार्यक्रम थोड़ा फीका नजर आया. क्योंकि, इस बार के समारोह में साहित्य पर कम और राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा चर्चा हुई है. कहा जा सकता है कि ये एक प्रकार का राजनीतिक अड्डा बन चुका है.

JLF 2020 का समापन

इस दौरान, इसमें जहां लेखक, पत्रकार और साहित्यकारों में जमकर CAA और NRC को लेकर बहसबाजी की गई. वहीं, कुछ छात्रों ने इसका विरोध करते हुए नारेबाजी भी की. हर बार के मुकाबले इस बार के कार्यक्रम में साहित्यप्रेमियों की संख्या भी कम नजर आई. बता दें कि इस पांच दिवसीय JLF में 202 सत्र में 550 से भी ज्यादा साहित्यकारों ने हिस्सा लिया.

पढ़ें- जयपुरः पुलिस ने तीन आरोपियों सहित कार से बरामद की स्मैक

बता दें कि इस कार्यक्रम का समापन सोशल मीडिया पर भी रहा. इसमें में जहां शशि थरूर ने सीएए को जिन्ना की सोच का बताया तो वहीं सचिन पायलट ने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही कई स्पीकर्स ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा की. वहीं, इस बार के आयोजन में युवाओं की काफी भीड़ भी देखने को मिली.

इसी बीच युवाओं ने जमकर सेल्फी भी ली. हालांकि इसके शुरुआत में ही पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इसकी स्पॉन्सरशिप रोक दी थी, लेकिन आयोजकों ने मंत्री को राजी करके इसमें बतौर स्पीकर बुला ही लिया. वहीं, इसके आखरी दिन पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भी पर्यटन को लेकर चर्चा करते नजर आए.

Intro:जयपुर- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल- 2020 का समापन सोमवार को हुआ। इस बार का जेएलएफ फीका नजर आया। जेएलएफ में साहित्य पर कम और राजनीतिक मुद्दों पर ज्यादा चर्चा हुई। यूं कह दे कि जेएलएफ राजनीतिक अड्डा बन चुका था। जेएलएफ में जहां लेखक, पत्रकार, साहित्यकारों ने जमकर सीएए और एनआरसी को लेकर बहस की तो वही कुछ स्टूडेंट्स ने इसका विरोध भी किया और जमकर नारेबाजी भी की। हर बार के मुकाबले इस बार जेएलएफ में साहित्यप्रेमियों की संख्या भी कम नजर आयी। पांच दिन के जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में 202 सत्र में 550 से भी ज्यादा साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। जेएलएफ का समापन सोशल मीडिया पर रहा। जेएलएफ में जहां शशि थरूर ने सीएए को जिन्ना की सोच का बताया तो वही सचिन पायलट ने राजनीतिक मुद्दो पर चर्चा की। वही कई स्पीकर्स ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा की।


Body:जेएलएफ में युवाओं की भीड़ ज्यादा देखने को मिली। इसी बीच युवाओं ने जेएलएफ में जमकर सेल्फी भी ली। हालांकि जेएलएफ के शुरुवात में ही पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इसकी स्पॉन्सरशिप रोक दी थी लेकिन आयोजकों ने मंत्री को राजी करके जेएलएफ में बतौर स्पीकर बुला ही लिया। जेएलएफ के आखरी दिन पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भी पर्यटन को लेकर चर्चा करते नजर आए।




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Last Updated : Jan 28, 2020, 12:01 AM IST
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