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राज्यपाल सलाहकार मंडल की पहली बैठक हुई ऑनलाइन - Governor Advisory Board Meeting

राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को राजभवन में राज्यपाल सलाहकार मंडल की पहली बैठक को ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करना होगा ताकि वे पढ़-लिख कर अपने गांवों में ही अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सके.

Governor Kalraj Mishra, Governor Advisory Board Meeting
राज्यपाल सलाहकार मंडल की पहली बैठक
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Published : Aug 22, 2020, 9:58 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को राजभवन में राज्यपाल सलाहकार मंडल की पहली बैठक को ऑनलाइन संबोधित किया. राज्यपाल ने राज्य के समग्र विकास से संबंधित प्रकरणों पर समय-समय पर परामर्श लेने के लिए 23 जुलाई को राज्यपाल सलाहकार मंडल का गठन किया था. जिसके अध्यक्ष राज्यपाल कलराज मिश्र होंगे.

सलाहकार मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के सात विषय विशेषज्ञों को सदस्य बनाया गया है. सदस्यों में रिटायर्ड आईएएस डाॅ. विश्वपति त्रिवेदी, डाॅ. राकेश कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर, पूर्व कुलपति प्रो. ए. के. गहलोत, सामाजिक उद्यमिता विशेषज्ञ विवेक सिंह, अर्थशास्त्री डाॅ. मनोरंजन शर्मा और मानव उत्पादकता क्षेत्र के विशेषज्ञ टी. मुरलीधरन शामिल हैं.

मंडल के सदस्य सचिव राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार होंगे. शनिवार को हुई सलाहकार मंडल की पहली बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान का सतत, समग्र और संतुलित विकास होना चाहिए. इसके लिए प्रदेश में कौशल विकास, जन स्वास्थ्य, अनुसूचित जनजाति कल्याण, विधिक साक्षरता, उच्च शिक्षा, सामाजिक उद्यमिता, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए रणनीति बनानी होगी.

पढ़ें- गरीबों की मदद करने वाले गहलोत के मंत्रियों के दावे निकले खोखले, विवेक अनुदान राशि नहीं की खर्च

उन्होंने कहा कि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करना होगा ताकि वे पढ़-लिख कर अपने गांवों में ही अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सके. राज्यपाल ने बताया कि यह सलाहकार मंडल उन्हें उच्च शिक्षा, विधि, प्रशासन, उद्योग, अर्थशास्त्र, सामाजिक उद्यम, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास, पर्यटन, कला व संस्कृति, महिला सशक्तिकरण, अभाव अभियोग निराकरण, कानून एवं व्यवस्था, रोजगार सृजन, जल संरक्षण, पावर एवं सौर ऊर्जा क्षेत्र और सैनिक कल्याण जैसे विषयों पर परामर्श देगा.

राज्यपाल मिश्र ने बताया कि यह मंडल विशेष रूप से समाजिक सेवाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी बढ़ाने के साधनों के संबध में भी परामर्श देगा. इन विशेषज्ञों और शासन के साथ बैठकर योजनाओं को प्रदेश में धरातल पर लाने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा.

पहली बैठक में सभी सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया. राज्यपाल ने बताया कि इस सलाहकार मंडल की बैठक वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित होगी और सभी सदस्य अवैतनिक रूप से कार्य करेंगे. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन करना होगा. इसके लिए एक रोडमैप तैयार कर कार्य शुरू किया जाएगा, जिससे विकास हो सके.

पढ़ें- CM गहलोत ने आवासन मंडल की 25 परियोजनाओं का किया शुभारंभ और शिलान्यास

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के 33 जिलो में से 8 जिले जनजाति बाहुल्य हैं. इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के लोगों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति बहुत दयनीय है. अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जनजातियों के लोगों के समग्र विकास की राज्यपाल पर सैंवधानिक जिम्मेदारी है. इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास और सुदृढ़ीकरण हेतु कार्यों को गति देने के प्रयास किए जाएंगे.

राज्यपाल ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य में महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता बहुतायात में है. इन संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश का तीव्र आर्थिक विकास हो सके. बैठक में विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों के क्षेत्रों में राज्य में किए जाने वाले कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को राजभवन में राज्यपाल सलाहकार मंडल की पहली बैठक को ऑनलाइन संबोधित किया. राज्यपाल ने राज्य के समग्र विकास से संबंधित प्रकरणों पर समय-समय पर परामर्श लेने के लिए 23 जुलाई को राज्यपाल सलाहकार मंडल का गठन किया था. जिसके अध्यक्ष राज्यपाल कलराज मिश्र होंगे.

सलाहकार मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के सात विषय विशेषज्ञों को सदस्य बनाया गया है. सदस्यों में रिटायर्ड आईएएस डाॅ. विश्वपति त्रिवेदी, डाॅ. राकेश कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर, पूर्व कुलपति प्रो. ए. के. गहलोत, सामाजिक उद्यमिता विशेषज्ञ विवेक सिंह, अर्थशास्त्री डाॅ. मनोरंजन शर्मा और मानव उत्पादकता क्षेत्र के विशेषज्ञ टी. मुरलीधरन शामिल हैं.

मंडल के सदस्य सचिव राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार होंगे. शनिवार को हुई सलाहकार मंडल की पहली बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान का सतत, समग्र और संतुलित विकास होना चाहिए. इसके लिए प्रदेश में कौशल विकास, जन स्वास्थ्य, अनुसूचित जनजाति कल्याण, विधिक साक्षरता, उच्च शिक्षा, सामाजिक उद्यमिता, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए रणनीति बनानी होगी.

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उन्होंने कहा कि युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करना होगा ताकि वे पढ़-लिख कर अपने गांवों में ही अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सके. राज्यपाल ने बताया कि यह सलाहकार मंडल उन्हें उच्च शिक्षा, विधि, प्रशासन, उद्योग, अर्थशास्त्र, सामाजिक उद्यम, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास, पर्यटन, कला व संस्कृति, महिला सशक्तिकरण, अभाव अभियोग निराकरण, कानून एवं व्यवस्था, रोजगार सृजन, जल संरक्षण, पावर एवं सौर ऊर्जा क्षेत्र और सैनिक कल्याण जैसे विषयों पर परामर्श देगा.

राज्यपाल मिश्र ने बताया कि यह मंडल विशेष रूप से समाजिक सेवाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी बढ़ाने के साधनों के संबध में भी परामर्श देगा. इन विशेषज्ञों और शासन के साथ बैठकर योजनाओं को प्रदेश में धरातल पर लाने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा.

पहली बैठक में सभी सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया. राज्यपाल ने बताया कि इस सलाहकार मंडल की बैठक वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित होगी और सभी सदस्य अवैतनिक रूप से कार्य करेंगे. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन करना होगा. इसके लिए एक रोडमैप तैयार कर कार्य शुरू किया जाएगा, जिससे विकास हो सके.

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राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के 33 जिलो में से 8 जिले जनजाति बाहुल्य हैं. इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के लोगों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति बहुत दयनीय है. अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जनजातियों के लोगों के समग्र विकास की राज्यपाल पर सैंवधानिक जिम्मेदारी है. इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास और सुदृढ़ीकरण हेतु कार्यों को गति देने के प्रयास किए जाएंगे.

राज्यपाल ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य में महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता बहुतायात में है. इन संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश का तीव्र आर्थिक विकास हो सके. बैठक में विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने विषयों के क्षेत्रों में राज्य में किए जाने वाले कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया.

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