जयपुर. राज्य में विद्युत यंत्रों से छेड़छाड़ के बाद लाइन ट्रिपिंग और ट्रांसफार्मर जलने की घटनाओं के खिलाफ डिस्कॉम प्रशासन सख्त दिखाई दे रहा है. अब यदि कोई भी उपभोक्ता विद्युत तंत्र से किसी भी तरह की छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराएगा. जयपुर डिस्कॉम के एमडी एके गुप्ता ने इसके लिए गुरुवार को निर्देश जारी किया है.
डिस्कॉम को लगातार इस तरह की सूचनाएं मिल रही है कि उपभोक्ता सिंगल फेज सप्लाई के दौरान थ्री फेज ट्रांसफार्मर के इनकमिंग जंपर से छेड़छाड़ कर एलटी साइड पर एक फेज सप्लाई चालू करते हैं. ऐसी स्थिति में उपभोक्ता या तो सिंगल फेज मोटर चला कर विद्युत का उपभोग करते हैं या डबल कैपिसीटर लगाकर सिंगल फेज सप्लाई को थ्री फेज सप्लाई बनाकर थ्री फेज मोटर चलाते हैं और विद्युत का उपभोग करते हैं.
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इसके कारण एक फेज पर अत्यधिक करंट प्रभावित होता है और लोड असंतुलन की वजह से वितरण ट्रांसफार्मर जल रहे हैं. 11 केवी लाइन के तार पर अधिक लोड के कारण तार टूटते हैं और लाइन ट्रिपिंग की घटनाएं भी दिनों दिन बढ़ रही है.
जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने बताया कि कैपिसीटर लगाकर सिंगल फेज सप्लाई को थ्री फेज बनाकर काम में लिया जाना विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के अंतर्गत विद्युत दुरुपयोग की श्रेणी में आता है और धारा 138 के अंतर्गत निगम के विद्युत यंत्र से छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है.
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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निगम के विद्युत तंत्र से छेड़छाड़ कर विद्युत का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 व 138 में विजिलेंस चेकिंग रिपोर्ट बनाकर नियमानुसार कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की जाए. छेड़छाड़ के मामलों में सख्त कार्रवाई होने से ट्रांसफार्मर में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की निर्बाध बिजली उपलब्ध हो सकेगी.