जयपुर. जिला रसद विभाग ने अब गबन करने वाले राशन डीलरों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जांच के बाद ऐसे राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. ऐसे ही एक राशन डीलर के खिलाफ जिला रसद विभाग द्वारा प्रताप नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इस राशन डीलर पर 217 क्विंटल गेहूं के गबन करने का आरोप है. इससे पहले भी जिला रसद विभाग एक राशन डीलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा चुका है, जिसने 292 क्विंटल गेहूं और 57 किलो दाल का गबन किया था.
जयपुर शहर के जिला रसद अधिकारी कनिष्क सैनी ने बताया कि राष्ट्रीय केरोसिन ट्रॉली यूनियन दुकान नंबर-677A का मालिक विश्राम सिंह है. जिसके पास जांच में स्टॉक कम मिला था. कोविड-19 के समय लाभार्थियों को 5-5 किलो गेहूं एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिया जाना था. इस तरह एक लाभार्थी को 10 किलों गेहूं देना था. लेकिन राशन डीलर विश्राम सिंह 10 किलो की जगह 5 किलो ही गेहूं लाभार्थी को दे रहा था. शिकायत आने पर जब उसकी जांच की गयी तो राशन डीलर ने 239 राशन कार्ड से गेहूं का गबन किया.
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सैनी ने कहा कि जांच में शिकायत सही पाई गई. राशन डीलर ने लाभार्थी को 10 किलो की जगह 5 किलो गेहूं ही दिया. दरअसल, कोविड-19 के समय सरकार ने लाभार्थियों को गेहूं देने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम भी बंद कर दिया था. ताकि लोगों में संक्रमण न फैले. बायोमैट्रिक सिस्टम हटाकर सरकार ने ओटीपी सिस्टम चालू किया और उसमें भी छूट दी गई कि यदि किसी लाभार्थी का ओटीपी नहीं आता है तो भी उसे राशन दिया जाए.
इसका भी राशन डीलर ने फायदा उठाया और लाभार्थियों का बाईपास कर खुद ही ट्रांजैक्शन कर गेहूं का गबन कर लिया. ऐसे करीब 228 राशन कार्ड थे, इनमें से रैंडमली भी जांच की गई तो सामने आया कि उसने 48 क्विंटल गेहूं का गबन किया. वहीं, कुल मिलाकर विश्राम सिंह ने 217 क्विंटल गेहूं का गबन किया.
कनिष्क सैनी ने कहा कि ऐसे और भी राशन डीलर है जो हमारे राडार पर है. फिलहाल, उनकी जांच चल रही है. जैसे-जैसे जांच होती जाएगी, वैसे-वैसे एफआईआर दर्ज कराते जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन राशन डीलरों से वसूली की जाएगी. किसी भी तरह से विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राशन वितरण के साथ-साथ इस तरह से आंतरिक जांच जारी रहेगी.