जयपुर. राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध ट्रैफिक के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में फास्टैग शुरू किया गया है. सुबह 8 बजे से सभी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य हो गया है. जानकारी के अनुसार अब भी प्रदेश में केवल 46 फीसदी वाहनों पर ही फास्टैग लग पाया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के नेशनल हाईवेज पर 7 दिन की शिथिलता दी है. अगले 7 दिन तक इन हाईवे पर एक ही जगह दो से तीन मैनुअल लाइन चलती रहेगी और खास बात ये भी है, कि फास्टैग यूजर को वाहन निकालने में समय की बचत के साथ 2.5 प्रतिशत कैशबैक भी मिलेगा. जो प्रत्येक ट्रांजैक्शन के बाद फास्टैग से लिंक अकाउंट में जमा हो जाएगा.
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बता दें, कि टोल प्लाजा के अलावा अब बैंक शाखा से वाहन चालक फास्टैग कार्ड बनवा सकते हैं. महज 400 रुपये के खर्च में लाइफटाइम वैलिडिटी भी मिलेगी. फिर भविष्य में मोबाइल की तरह ही रिचार्ज कर इस कार्ड को इस्तेमाल कर सकते हैं. फास्टैग नहीं लेने वाले वाहन चालक को कैश वसूली लाइन में लगना होगा. जिससे उसका समय भी काफी बर्बाद होगा, फिर चाहे कितनी भी लंबी लाइन क्यों ना हो, ऐसे में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए फास्टैग जरूरी है.
वहीं फास्टैग लगी गाड़ियों को टोल प्लाजा पर पर्ची लेने के लिए रुकने की जरूरत नहीं होती. जिससे फ्यूल और टाइम दोनों की बचत होती है. वहीं यदि नॉन फास्टैग गाड़ी गलती से भी फास्ट लेन से निकले तो उस वाहन चालक पर डबल जुर्माना भी होगा.
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फास्टैग रेडियो, फ्रीक्वेंसी, आईडी, फिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है. ये गाड़ी की विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है. जैसे ही गाड़ी टोल प्लाजा पर पहुंचती है. तो वहां लगी डिवाइस गाड़ी की विंड स्क्रीन पर लगे बार कोड को स्कैन करती है और तुरंत टोल कट जाता है. अबतक की व्यवस्था में कार्ड रीड होते ही बैरियर खुद-ब-खुद उठ जाता है.
NHAI के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया, कि कार मालिकों की सुविधा के लिए शहर के सभी पेट्रोल पंप पर फास्टैग उपलब्ध कराया गया है. जिससे पेट्रोल भरवाने के लिए आने वाले लोगों के साथ अन्य लोगों को फास्टैग आसानी से मिल जाएगा. पेट्रोलियम कंपनियां भी अपने ग्राहकों को आसानी से फास्टैग उपलब्ध करवाने के लिए शहर और बाहरी पेट्रोल पंपों पर फास्टैग देने की व्यवस्था कर रहीं हैं.
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उन्होंने बताया, कि प्रदेश के लगभग सभी 72 टोल प्लाजा में फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी एडिफिकेशन टेक्नॉलॉजी को लगा दिया गया है. यूजर के फास्टैग अकाउंट से होने वाली सभी ट्रांजैक्शंस की जानकारी उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी आएगी. फास्टैग कार्ड लगवाने के लिए टोल प्लाजा के काउंटर के अलावा एनएचएआई के द्वारा एसबीआई, आईसीआईसीआई, आईडीएफसी, एचडीएफसी और आईएचएमसीएल को अधिकृत किया गया है. इसके साथ ही ऑनलाइन ऐप में पेटीएम, माय फास्टैग और अमेजॉन पर भी आवेदन कर सकते हैं. फास्टैग के लिए गाड़ी की आरसी, गाड़ी मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो, आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की कॉपी देनी होगी.
इसके साथ ही नेशनल हाईवे पर अब तक टोल से छूट वाले वाहनों पर भी रविवार से जीरो बैलेंस फास्टैग लगवाना जरूरी हो गया है. केंद्र सरकार ने ऐसे सभी लोगों और विभागों को जीरो बैलेंस पर फास्टैग लेने के लिए कह दिया था. फास्टैग न होने पर ऐसे वाहन चालकों को टोल फ्री व्हीकल होने का प्रमाण पत्र देना होगा. ऐसे वाहनों को टोल पर बनी सिंगल कैश लेन से भी गुजरना पड़ेगा. जिससे इमरजेंसी वाहनों को भी काफी परेशानी आएगी.
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फास्टैग कार्ड में कम से कम 100 और अधिकतम कितने भी पैसे डलवा सकते हैं. कार्ड खराब होने पर 100 रुपए में नया कार्ड भी खरीदा जा सकता है. अपने घर से रोज अप डाउन करने वाले स्थानीय लोगों के निजी वाहनों का मासिक पास पहले की तरह केवल 235 रुपए में ही बनेगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है, कि फास्टैग योजना से समय की बचत होने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात सुगम और सुरक्षित हो जाएगा. अब देखने वाली बात ये होगी, कि राज्य सरकार स्टेट हाईवे पर फास्टैग योजना कब शुरू करेगी.