जयपुर. यूक्रेन से जो तस्वीरें निकल कर आ रही हैं वो दिल दहलाने वाली हैं. रूस-यूक्रेन संकट के बीच भारत के ऐसे कई छात्र हैं जो वहां से निकलने की ताक में बैठे हैं. कुछ छात्रावासों में, तो कुछ बंकरों में समय काट रहे हैं. इस बीच यूक्रेन अपना भविष्य संवारने के लिए स्टडी करने गए जयपुर के निवासी हिमांशु त्रिपाठी और उनके रूममेट यूपी के रहने वाले सुधांशु से ईटीवी भारत (Rajasthani Students amid Ukraine crisis) ने बात की.
इस बातचीत में उनकी पीड़ा उभरकर सामने आई. इन छात्रों के पास 1-2 दिन का राशन बचा है, और कोई पैसों की ट्रांस्जेक्शन कर नहीं सकते. सामने न केवल युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकलने की चुनौती है बल्कि इनका भविष्य क्या होगा, ये सवाल भी जेहन में उठ रहा है.
धमाकों की आवाज से खुलती है नींद: यूक्रेन के Ivano-Frankivsk में रह रहे जयपुर के हिमांशु त्रिपाठी ने बताया- दिन पर दिन उनके हालात खराब होते जा रहे हैं. हालत ये है कि अब तो खाने के लिए न राशन है, न ही कोई ट्रांस्जेक्शन कर सकते हैं, सुबह धमाकों की आवाज से नींद खुल जाती है, और पूरे दिन डर सताता रहता है. सायरन की आवाज बंकर में जाने की ओर इशारा करेगी, और कभी भी पानी- इंटरनेट भी बंद हो जाएगा.
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हिमांशु को एक ही फिक्र है कि क्या वो सुरक्षित स्वदेश लौट पाएंगे. हिमांशु इवानो फ्रैंकिवस्क मेडिकल यूनिवर्सिटी में थर्ड ईयर मेडिकल स्टूडेंट हैं. 2019 में एमबीबीएस करने वो यूक्रेन गए. तभी से यूक्रेन के उत्तरी क्षेत्र में रह रहे हैं. हिमांशु ने बताया कि वहां के हालात भी खास अच्छे नहीं हैं बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन की कैपिटल सिटी कीव और खार्किव में रशियन फाइटर प्लेन और टैंक ने गोलीबारी (Ukraine Russia crisis) की. उस क्षेत्र में काफी छात्र फंसे हुए हैं.
एयरबेस तबाह: हिमांशु डरे हैं, सहमे हैं. कहते हैं- कीव के बाद अगला टारगेट इवानो फ्रैंकिवस्क और ल्वीव है. जहां बीते 2 दिन से लगातार गोलीबारी हो रही है. रशियन फाइटर्स ने यहां का एयरबेस तबाह कर दिया है. सुबह तकरीबन 5:30 बजे इस धमाके की आवाज से (dhamakon se dehla Ukraine) नींद खुली. बाद में जानकारी मिली कि रशियन फाइटर्स ने यहां अटैक कर दिया है. लगातार यहां फाइटर प्लेंस उड़ रहे हैं. सिटी मेयर ने फ्लैट्स की लाइट्स बंद रखने की भी गाइडलाइन जारी की है. सायरन बजते ही नजदीकी बंकर्स में जाने के निर्देश हैं क्योंकि यहां कभी भी गोलीबारी हो सकती है.
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1300 भारतीय छात्र यहां फंसे: दिक्कतें काफी हैं. खाने पर भी संकट है. राशन भी एक-दो दिन का बचा है और पैसों की ट्रांजैक्शन भी नहीं हो पा रही. उन जैसे करीब 1300 भारतीय छात्र इवानो फ्रैंकिवस्क रीजन में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ छात्र प्राइवेट टैक्सी कर बॉर्डर जरूर गए. वहां से उन्हें सुरक्षित जगह ले जाया गया है.
हिमांशु के साथ रह रहे लखनऊ उत्तर प्रदेश के सुधांशु मौर्य ने बताया कि वो लगातार फैमिली के टच में हैं. परिजन यहां की परिस्थितियों को लेकर काफी चिंतित हैं. यहां की स्थितियां दिन-ब-दिन बेकार होती जा रही है. सुबह ही एक फैक्ट्री को गोलीबारी कर उसे नेस्तनाबूद कर दिया गया. इससे अब डर लगने लगा है. हिमांशु ने वॉलमार्ट एरिया के वीडियो भी साझा करते हुए बताया कि उनके दोस्त ने उन्हें ये वीडियो भेजा था. जिसमें ब्लास्टिंग होती हुई भी नजर आ रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां यूक्रेन फोर्स तैनात की गई है.
पोलैंड की सीमाओं से लगा उत्तरी यूक्रेन: यूक्रेन का ये हिस्सा पोलैंड के नजदीक है और बेलारूस का बॉर्डर भी जुड़ता है. ऐसे में रशियन आर्मी लगातार इस तरफ बढ़ रही है. जिसके चलते सख्ती बढ़ाते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है. पानी और इंटरनेट कनेक्शन भी कभी भी कट सकता है. राशन भी एक दिन का ही बचा है. यूक्रेन की इस बिगड़ती परिस्थितियों के बीच अब उन्होंने भारत सरकार से यही अपील की, कि जल्द से जल्द सुरक्षित यूक्रेन से निकालकर स्वदेश लाया जाए.
राजस्थान के तकरीबन 900 छात्र फंसे: जानकारी के अनुसार राजस्थान के लगभग 900 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इनके अलावा यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे करीब 2050 लोग भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं. इनमें से 17 छात्र यूक्रेन से लौटे आए हैं. बाकी से राज्य सरकार संपर्क साधने की कोशिश कर रही है. राजस्थान में चिंतित परिजन भी भारत सरकार से यूक्रेन से अपनों को सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगा रहे हैं.