जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी के गार्डन में पिछले 37 सालों से खिलने वाली गुलदाउदी लगभग तैयार हो चुकी है और दिसंबर महीने में इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी और विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना काल को देखते हुए ऑनलाइन बिक्री की तैयारी कर रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल गुलदाउदी के अधिक पौधे तैयार किये जा रहे हैं. इस साल करीब 4 हजार गमले गुलदाउदी के विश्वविद्यालय नर्सरी में तैयार हो रहे हैं. गुलाबी नगरी की गुलाबी ठंड में गुलदाउदी की महक इस बार खास होगी.
राजस्थान विश्वविद्यालय में 1986 से हर साल गुलदाउदी की फूलों की प्रदर्शनी लगाई जाती रही है. गुलदाउदी के अलग-अलग किस्म के फूल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं और उन्हें अपनी पसंद के फूल चुनने के अधिक ऑप्शन मिलते हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय की नर्सरी में इस बार 50 से अधिक गुलदाउदी की किस्म के फूल तैयार किये जा रहे है. कुछ नई और विदेशी किस्म में इसमे शामिल है.
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विश्वविद्यालय की नर्सरी में काम करने वाले कर्मचारी धनाराम ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में गुलदाउदी के फूल बिल्कुल तैयार हो जाएंगे. दिसंबर में ही गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. हालांकि प्रदर्शनी पर कोरोना का असर भी देखने को मिलेगा. गुलदाउदी के फूल सर्दी में घर आंगन की शोभा बढ़ाते हैं गुलदाउदी को चाहने वाले लोगों में इसका खासा क्रेज है और हर साल गुलदाउदी के फूलों की प्रदर्शनी राजस्थान विश्वविद्यालय में लगाई जाती है.
दिसंबर के पहले हफ्ते में यह प्रदर्शनी लगाई जाएगी पिछले साल के मुकाबले इस साल गुलदाउदी के प्रदर्शनी की समय सीमा बढ़ाने की विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारी कर रहा है. नर्सरी इंचार्ज रामावतार शर्मा, ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान खरीदारों की भीड़ अधिक नहीं हो इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ऑनलाइन बिक्री की भी व्यवस्था कर रहा है. पौधे की रेट अभी तय नही है। उम्मीद है कि 100 रुपये एक पौधे रेट तय की जाए.