जयपुर. प्रदेश के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि एक तरफ तो केंद्र सरकार नदियों को जोड़ने की बात करती है. दूसरी ओर जनता से जुड़े हुए प्रोजेक्ट पर निर्णय नहीं ले पा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ईस्टर्न कैनाल परियोजना की डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है, लेकिन जानें क्यूं केंद्र सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है.
'37,200 करोड़ रुपए की परियोजना'
जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि यह ईस्टर्न कैनाल परियोजना 37,200 करोड़ रुपए की है और इससे 13 जिलों को पानी उपलब्ध हो सकेगा. यह परियोजना पेयजल सप्लाई का राजस्थान का जीवनदायिनी प्रोजेक्ट है और केंद्र सरकार को इस पर जल्द से जल्द निर्णय करना चाहिए. इस प्रोजेक्ट के जरिए केंद्र सरकार के हर घर तक जल पहुंचाने के जल जीवन मिशन को भी पूरा करने में सहयोग मिलेगा.
मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि भैंसरोड गढ़ के पास ब्राह्मणी नदी को बीसलपुर से जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके कारण टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर, दौसा और अजमेर जिले को पानी मिल सकेगा. साथ ही इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से व्यर्थ बहने वाले बाढ़ के पानी को गांव तक पहुंचाया जाएगा.
यह भी पढ़ें : हाय रे बेबसी ! लॉकडाउन में परिवार दाने-दाने को मोहताज...जमीन भी रखनी पड़ी गिरवी
बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है और पिछली बार की तरह इस बार भी बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. बीडी कल्ला ने कहा कि बीसलपुर बांध के और ओवर फ्लो पानी को सिंचाई, कुंओं आदि के लिए छोड़ दिया जाता है. इस पानी को रोकने के लिए ईसरदा बांध बनाया जा रहा है. ईसरदा बांध दो-तीन साल में पूरा हो जाएगा. उसके बाद बीसलपुर के पानी को रोका जा सकेगा और उससे पांच से सात जिलों को पानी सप्लाई किया जाएगा.
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में चल रहे मनमुटाव को लेकर बीडी कल्ला ने कहा कि यह मनमुटाव नहीं है. यह हकीकत है कि 2013 से पहले केंद्र की सरकार राजस्थान की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 90 फीसदी अनुदान देती थी, लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार आई है. यह अनुदान 90 फीसदी नहीं दिया जा रहा.
'राज्य सरकार पर बढ़ सकता है भार'
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं और यदि राजस्थान सरकार को 10 फीसदी राशि खर्च करनी होगी, तो उसे 4 साल में मात्र 15 हजार करोड़ रुपये ही खर्च करने होंगे. अगर 50 फीसदी का आकलन किया जाए तो राज्य सरकार को 75 हजार करोड़ खर्च करने होंगे. वर्तमान में राज्य सरकार 75 हजार करोड़ खर्च करने की स्थिति में नहीं है.
मंत्री बीडी कला ने कहा कि प्रदेश की विशेष परिस्थितियों, आधारभूत ढांचे और दूरियों को देखते हुए केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दे. प्रदेश के तीन बांधों माही, जवाई और गुढा बांध में जलदाय विभाग ने स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन सिस्टम) सिस्टम शुरू किया जाएगा. बीसलपुर बांध में यह सिस्टम शुरू हो चुका है.
यह भी पढ़ें : सांसद देवजी पटेल ने प्रवासियों के साथ किया वर्चुअल माध्यम से संवाद, प्रवासियों का जताया आभार
बीडी कल्ला ने बताया कि इस पूरे सिस्टम के जरिए बांध में कितना पानी आया, कितना निकास हुआ इसकी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. साथ ही कितना पानी सप्लाई किया इसकी भी जानकारी कोई भी व्यक्ति घर बैठे ले सकता है. बीडी कल्ला ने कहा कि स्काडा सिस्टम के जरिए बांध के गेट अपने आप बंद हो जाएंगे, अपने आप ही खुल जाएंगे. व्यक्ति घर बैठकर इन बांधो का जलस्तर घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे.