जयपुर. आबकारी विभाग ने मंगलवार से शराब दुकानों की ऑनलाइन नीलामी (Excise Department online auction of liquor shops) शुरू कर दी है. इसी क्रम में 7665 में से 5161 दुकाने ऑनलाइन नीलामी के लिए चिन्हित की गई है. इसके साथ ही 2504 दुकानों का नवीनीकरण हो चुका है. आबकारी विभाग में पहली बार विभाग पुराने ठेकेदारों को ठेके (liquor shop tender in jaipur) देने को तैयार है लेकिन ठेकेदार लेने को तैयार नहीं है. आबकारी विभाग की नई पॉलिसी इतनी सख्त है कि ठेकेदार अब ठेके के नवीकरण के लिए भी आवेदन नहीं कर रहे. शराब ठेकेदारों का कहना है कि जरा भी डिफाल्टर हुए तो घर तक बिक जायेंगे. ठेकेदार अपने ठेकों को सरेंडर कर रहे हैं.
पहले दिन 30 फीसदी दुकानों की नीलामी: ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि आबकारी विभाग ठेकेदारों को ठेके बांट रहा है, लेकिन ठेकेदार लेने को तैयार नहीं हो रहे हैं. बल्कि अपने पुराने ठेके सरेंडर कर रहे हैं. करीब 1300 ठेकेदारों ने अपने ठेके सरेंडर कर दिए हैं और रिन्यूअल नहीं करवाना चाहते. मंगलवार को नीलामी के पहले दिन 30 फीसदी दुकानों की नीलामी रखी गई है. एमएसटीसी के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए नीलामी की जा रही है. पहले चरण में 25 मार्च तक रोजाना सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक नीलामी प्रक्रिया चलेगी.
दूसरे चरण में 29 और 30 मार्च को ऑनलाइन नीलामी होगी. डूंगरपुर जिले के पीठ कस्बे की दुकान सबसे महंगी 11.11 करोड़ की बोली से शुरू होगी. शराब ठेकेदारों की मानें तो सरकार ने शराब की गारंटी तय की है. तय की गई शराब उठाना जरूरी है, चाहे दुकान में इतनी बिक्री हो या नहीं हो. ऐसे में ठेकेदारों के मकान-दुकान तक बिक जाएंगे. कोरोना काल में भी शराब ठेकेदारों का कारोबार बर्बाद हुआ था. कई ठेकेदारों ने तो शराब का काम छोड़कर दूसरा काम पकड़ लिया है.
11 मार्च थी रिन्यूअल की अंतिम तारीख: प्रदेश में करीब 7665 शराब दुकानों के लाइसेंस धारी हैं, इनमें से 3771 पिछले साल गारंटी राशि पूरी कर पाए थे. 2022- 23 के लिए जारी की गई नई आबकारी नीति के तहत गारंटी राशि पूरी करने वाले लाइसेंस धारकों को पात्र माना गया है. जानकारों की मानें तो ठेकेदारों की गारंटी राशि पूरी नहीं हो पा रही है. सबसे ज्यादा जयपुर और अजमेर के ठेकेदारों की हालत खराब है. करीब आधे ठेकेदार अपात्र हैं. बचे हुए यादों में से भी कई ठेकेदार रिन्यूअल नहीं करा रहे हैं. रिन्यूअल के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 11 मार्च की गई थी.