जयपुर. राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर होने वाले इस कार्यक्रम में सबसे महत्वपूर्ण काम अगर होने जा रहा है तो वह है कांग्रेस विधायकों का अपनी विधानसभा के लिए दो-दो एंबुलेंस अपने विधायक कोष से देना. कांग्रेस के हर विधायक की ओर से दो-दो एंबुलेंस विधानसभा क्षेत्र में देने की घोषणा भले ही हो गई हो, लेकिन विधायक चाह कर भी 21 मई को तो यह घोषणा पूरी नहीं कर सकते हैं.
इसके पीछे कारण है राजस्थान कांग्रेस के 106 विधायकों का अपनी विधानसभा के लिए 212 एंबुलेंस देना. इतनी बड़ी तादाद में एंबुलेंस की खरीद 1 दिन में संभव नहीं है. ऐसे में 21 मई को तो सांकेतिक तौर पर कुछ एंबुलेंस दे दी जाएगी, बाकी एंबुलेंस कुछ दिनों बाद ही मिल पाएगी. हालांकि, खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कंपनियों से बात की है, लेकिन अभी कंपनियों ने एक साथ इतनी एंबुलेंस देने में असमर्थता जता दी है.
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दरअसल, एंबुलेंस को असेंबल करने में ही 10 से 12 दिन का समय लगता है. ऐसे में 212 एंबुलेंस तैयार करने में कंपनी को समय लगेगा. एंबुलेंस की संख्या ज्यादा है, ऐसे में किसी तरीके का कोई आरोप नहीं लगे, इसके लिए एंबुलेंस खरीद टेंडर प्रक्रिया के जरिए पारदर्शी तरीके से की जाएगी. इसके लिए कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस या मुख्यमंत्री के स्तर पर यह टेंडर प्रक्रिया निकाली जाएगी.
आपको बता दें कि राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर होने वाले कार्यक्रम की समीक्षा के लिए बुधवार 19 मई को प्रदेश कांग्रेस की बैठक होनी है. जिसमें कांग्रेस पार्टी की ओर से बनाई गई कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन गुलाम नबी आजाद भी भाग लेंगे.