जयपुर. प्रदेश के पूर्व विधायकों को विधायकों की तरह जीरो बैलेंस फास्टैग, रियायती दर पर आवास और पेंशन को 50 हजार रुपए करने सहित कई मांगों को राजस्थान प्रगतिशील मंच ने होली स्नेह मिलन कार्यक्रम में उठाया है. इस दौरान राज्यपाल के अपने संबोधन में राजा का जिक्र आने पर पूर्व विधायक नवरंग सिंह ने आपत्ति (Controversy on Governor using king word in his speech) जताई.
पूर्व विधायक का सम्मान: दरअसल शनिवार को राजस्थान प्रगतिशील मंच यानी पूर्व विधायक संघ का होली मिलन समारोह हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल कालराज मिश्र रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने की. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. इस अवसर पर सुमित्रा सिंह सहित 90 साल से अधिक उम्र के पूर्व विधायकों को सम्मानित किया गया.
पढ़ें: घटिया पेचवर्क पर भड़के नगरपालिका अध्यक्ष, AEN और ठेकेदार को लगाई फटकार
राजा के संबोधन पर बिगड़ी बात : कार्यक्रम में राज्यपाल ने अपने संबोधन में राजा का जिक्र किया, तो भाषण खत्म होने पर पूर्व विधायक नवरंग सिंह ने खड़े होकर राज्यपाल से कहा कि राजाओं से तो बड़ी मुश्किल से छुटकारा मिला है. अब लोकतंत्र में तो राजा और राजतंत्र की बात नहीं करनी चाहिए. नवरंग के ऐसा बोलने से सभागार में एक बार के लिए तो सभी चकित रह गए. इसी बीच स्पीकर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मामले को संभालते हुए कहा कि राज्यपाल पद की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए. नवरंग सिंह को बैठने को कहा गया.
कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में मिलेगा पूर्व विधायकों को दफ्तर : सीपी जोशी ने पूर्व विधायकों को कांस्टीट्यूशन क्लब में दफ्तर के लिए एक कमरा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश होगी की इस बिल्डिंग में पूर्व विधायक संघ को एक कमरा दिया जाए. अगले साल आपका कार्यालय भी होगा और उसका उद्घाटन भी सीएम और राज्यपाल से कराया जाएगा.
आप पूर्व नहीं अभूतपूर्व हो: कटारिया ने कहा कि हम पूर्व भले ही होंगे, लेकिन आज भी जनता के लिए अभूतपूर्व हैं. मै भी कल इस लाइन में आऊंगा, मैं भी पूर्व कहलाऊंगा. उन्होंने सुझाव दिया कि पूर्व विधायक संघ का भी संविधान बने, चाहे वह 10 लाइन का ही हो . हर दो साल में इसके चुनाव होने चाहिए. साथ ही सदस्यता शुल्क भी होना चाहिए, जिससे संघ के पास अपना एक फंड भी बन सके.
पढ़ें: गुलाबी नगरी में सियासी उलटफेर...गुर्जर के एलान पर भड़के धाबाई के समर्थक
ज्यादा समस्या गहलोत सरकार ने सुनी : संस्था के अध्यक्ष हरिमोहन शर्मा ने अपने कहा कि यह एक गैर राजनीतिक संगठन है, जो जनता तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का काम करता है. हमारी कुछ निजी समस्या भी है. महंगाई को देखते हुए पेंशन में संशोधन करे . वसुंधरा राजे सरकार ने भी समस्या सुनी, लेकिन ज्यादा सुनवाई अशोक गहलोत ने सुनी. सरकार के आदेश है फिर भी अधिकारी पूर्व विधायकों को तवज्जों नही देते हैं. इसको सुनिश्चित करवाया जाए. पूर्व विधायक गोपी चंद मीणा ने कहा कि दूसरे राज्यों की तर्ज पर 50 हजार रुपए पेंशन दी जाए.