जयपुर. प्रक्रियाधीन भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा और फीस में छूट का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मुख्यसचिव ने सभी विभागों को 15 अप्रैल तक नियमों में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा और फीस में छूट देने के राज्य सरकार के निर्णय को उन प्रक्रियाधीन भर्तियों में भी लागू किया जाएगा, जिनकी अभी तक परीक्षाएं नहीं हुई हैं. जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा और शुल्क में रियायत का लाभ मिल सके. कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमंत गेरा ने सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को परिपत्र जारी किया, जिसमें 15 अप्रैल तक सभी विभागों को अनके अधीन आने वाले आयोग, बोर्ड, निगम, अन्य स्वायत निकायों को अनिवार्य रूप से सेवा नियमों में संशोधन करने के आदेश दिए गए गए हैं.
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परिपत्र के साथ अधिसूचना का प्रारूप भी जारी किया गया है, जिसमें विभिन्न सेवाओं की जानकारी भी दे दी गई है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा और फीस में छूट देने का निर्णय लिया गया था. कैबिनेट बैठक में हुए निर्णय के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे अभ्यर्थी जो राजकीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं, उन्हें भी अन्य आरक्षित वर्गाें के अभ्यर्थियों की भांति आयु में शिथिलता का लाभ मिल सकेगा. साथ ही बढ़ाई गयी आयु सीमा तक राजकीय सेवा में नियुक्ति के अवसर मिल सकेंगे. इस निर्णय से ईडब्ल्यूएस वर्ग के पुरूष अभ्यर्थियों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष तथा महिला अभ्यर्थियों को 10 वर्ष की छूट मिल सकेगी. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत देने के उद्देश्य से राज्य बजट 2021-22 में इसकी घोषणा की थी