जयपुर. ईटीवी भारत की टीम ने जयपुर शहर के चार प्रमुख चौराहों पर जाकर ट्रैफिक व्यवस्थाओं के हालात जाने. नीचे वीडियो में जो चार अलग-अलग तस्वीरें आप देख रहे हैं ये जयपुर के चार प्रमुख चौराहों की हैं. हमने रियलिटी चेक करने के लिए जेडीए चौराहा, रामबाग चौराहा, चौमू हाउस सर्किल और ओटीएस सर्किल पर कैमरे फिक्स कर दिए....
जेडीए चौराहा -
सबसे पहला नजारा जयपुर के जेडीए चौराहे पर हमने कैद किया. बीते दिनों यहां बड़े हादसे हुए थे. जिसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिसके चलते यहां अतिरिक्त यातायात पुलिकर्मी तैनात किए गए हैं. लेकिन लोग पिछले हादसों से बेपरवाह ही दिखे. ज्यादातर वाहन चालक जेब्रा क्रॉसिंग और लाल बत्ती का उल्लंघन करते नजर आए. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने भी माना कि लोग नियमों की अनदेखी करते हैं.
रामबाग चौराहा -
इस चौराहे के चारों कोनों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात मिले. जेब्रा क्रॉसिंग करने पर एक वाहन चालक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उलझता हुआ नजर आया. पुलिसकर्मियों ने वाहन चालक को यातायात नियमों की जानकारी देकर चालान किया और आगे से नियमों की पालना करने की अपील की.
चौमू हाउस चौराहा -
यहां ज्यादातर बिना हेलमेट और जेबरा क्रॉसिंग के मामले ज्यादा मिले. चौपहिया वाहन चालक भी बिना सीट बेल्ट लगे दिखे. वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के बताया कि इस चौराहे पर जेबरा क्रॉसिंग और बिना हेलमेट चलने वालों की संख्या ज्यादा है.
ओटीएस चौराहा -
इस चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के मुताबिक यहां जेब्रा क्रॉसिंग और लाल बत्ती के उल्लंघन के चालान ज्यादा होते हैं. ओवरस्पीड वालों की संख्या भी कम नहीं है. जिसके चलते यहां कई बड़े हादसे भी होते रहते हैं.
जयपुर के डेथ पॉइन्ट -
अब बात करते हैं राजधानी के डेथ पॉइंट की. डीसीपी ट्रैफिक राहुल प्रकाश ने बताया कि जयपुर शहर में करीब 223 चौराहे हैं. जिनमे करीब 40 चौराहे अधिक सड़क दुर्घटना संभावित यानी ब्लैक स्पोर्ट्स हैं. इनमें जेडीए चौराहा, चौमू हाउस सर्किल, ओटीएस सर्किल, बी टू बाइपास चौराहा, बंबाला पुलिया, ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा प्रमुख हैं. इन डेथ पॉइन्ट पर सबसे अधिक हादसे होते हैं.
इतनों के कटे चालान-
पिछले तीन सालों में चालान काटने के आंकड़ों की बात करें तो 2018 में जनवरी से अगस्त के बीच बिना हेलमेट 59604, बिना सीट बेल्ट 10895, ओवर स्पीड के 51345 और ड्रिंक विद ड्राइव के 14984 चालान काटे गए. इसी प्रकार 2019 में बिना हेलमेट वालों के 63222, बिना सीट बेल्ट के 12396, ओवर स्पीड के 52008 और ड्रिंक विद ड्राइव के 9104 चालान अगस्त तक काटे जा चुके हैं.
इतने हुए हादसे, इतनों की हुई मौत-
वहीं जयपुर में होने वाले हादसों की बात करें तो 2018 में जनवरी से अगस्त के बीच 1209 हादसे दर्ज किए गए जिनमें 990 लोग घायल हुए और 218 लोगों की मौत हुई. साल 2019 में जनवरी से अगस्त के बीच 1264 सड़क दुर्घटनाएं सामनें आईं, जिनमें 1072 लोग घायल हुए और 244 लोगों की मौत हुई.
डीसीपी साहब क्या कहते हैं-
डीसीपी ट्रेफिक राहुल प्रकाश ने बताया कि लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देकर उनकी पालना करवाने की कोशिश की जाती है जिसके लिए लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है. यातायात नियमों को तोड़ने पर वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस अभियान का असर भी देखने को मिला है जहां पर पिछले माह की तुलना में इस माह दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है. ट्रैफिक पुलिस के इस अभियान का असर वाहन चालकों पर दिखने लगा है. जहां पर पिछले दिनों की तुलना में अब लोग यातायात नियमों की पालना करने लगे हैं.