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जयपुर में 20 जगहों पर इंदिरा रसोई की शुरुआत, लोगों ने कहा- घर जैसा है खाने का स्वाद

प्रदेश में 200 से ज्यादा नगर निकायों में करीब 358 इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. राजधानी जयपुर में भी 20 स्थानों पर इंदिरा रसोई शुरू की गई है. ईटीवी भारत ने इंदिरा रसोई का रियलिटी चेक किया तो लोगों ने कहा कि यहां उन्हें घर जैसा खाने का स्वाद मिल रहा है.

ETV bharat Reality Check,  Indira Rasoi launched in Rajasthan
जयपुर में 20 जगहों पर इंदिरा रसोई की शुरुआत
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Published : Aug 20, 2020, 9:22 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर प्रदेश भर में इंदिरा रसोई की शुरुआत की है. जयपुर में भी 20 स्थानों पर इंदिरा रसोई शुरू की गई है. ईटीवी भारत ने इंदिरा रसोई का रियलिटी चेक किया तो लोगों ने कहा कि इंदिरा रसोई शुरू होने पर उन्हें फायदा होगा और उन्हें घर जैसा खाने का स्वाद मिल रहा है.

जयपुर में 20 जगहों पर इंदिरा रसोई की शुरुआत

इंदिरा रसोई में जरूरतमंद लोगों को 8 रुपए में पौष्टिक खाना मिलेगा. इस खाने में लोगों को 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 6 चपाती और अचार दिया जा रहा है. सिंधी कैंप बस स्टैंड पर भी इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. यहां जब ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि खाने की गुणवत्ता बहुत अच्छी है और उन्हें खाने में घर जैसा स्वाद मिल रहा है.

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इंदिरा रसोई में खाना खाते लोग

पढ़ें- प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोए, इसके लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई: वन मंत्री सुखराम बिश्नोई

सिंधी कैंप आने वाले यात्रियों, आस-पास रहने वाले मजदूरों, ड्राइवरों, बस कंडक्टरों आदि को इस इंदिरा रसोई से फायदा होगा. कम पैसे में उन्हें यहां घर जैसा खाना मिलेगा. कंडक्टर और ड्राइवरों ने कहा कि वे दूरदराज से बस लेकर एक जिले से दूसरे जिले में आते-जाते हैं और कभी-कभी घर से खाना भी नहीं लाते. इसलिए अब उन्हें इंदिरा रसोई में घर जैसा खाना मिल सकेगा. यहां खाना खाने आए मजदूरों और अन्य लोगों ने कहा कि अब वे भविष्य में यहीं पर सुबह-शाम खाना खाने आएंगे.

CCTV से होगी निगरानी

इंदिरा रसोई में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो, इसलिए यहां मोबाइल एप और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी. सिंधी कैंप इंदिरा रसोई के इंचार्ज सतवीर ने बताया कि यहां आने वाले जरूरतमंदों को पहले 8 रुपए का टोकन कटवाना होगा. उसके बाद उसकी फोटो खींची जाएगी और उसका नाम भी लिखा जाएगा. साथ ही उसकी सारी जानकारी नगर निगम को भेजी जाएगी.

वहीं, टोकन के बाद उसे रसोई में टोकन देना होगा और वहां से खाना लेना होगा. खाना लेने के लिए जरूरतमंदों के लिए सेल्फ सर्विस रखी गई है. इंदिरा रसोई में जरूरतमंद लोगों के लिए बैठने की भी व्यवस्था की गई है ताकि वह आराम से बैठकर खाना खा सकें.

खाने पर 12 रुपए का अनुदान

बता दें कि खाने की कीमत सरकार को 20 रुपए पड़ेगी, लेकिन सरकार इस खाने पर 12 रुपए का अनुदान दे रही है. इसलिए जरूरतमंद लोगों को यह खाना 8 रुपए में ही मिलेगा. कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसी उद्देश्य के साथ गहलोत सरकार ने इंदिरा रसोई की शुरुआत की है.

भाजपा ने साधा निशाना

प्रदेश में 200 से ज्यादा नगर निकायों में करीब 358 इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई करने को लेकर भाजपा ने नाराजगी जताई है. भाजपा का कहना है कि एक परिवार विशेष को खुश करने के लिए अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदल दिया गया है.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर प्रदेश भर में इंदिरा रसोई की शुरुआत की है. जयपुर में भी 20 स्थानों पर इंदिरा रसोई शुरू की गई है. ईटीवी भारत ने इंदिरा रसोई का रियलिटी चेक किया तो लोगों ने कहा कि इंदिरा रसोई शुरू होने पर उन्हें फायदा होगा और उन्हें घर जैसा खाने का स्वाद मिल रहा है.

जयपुर में 20 जगहों पर इंदिरा रसोई की शुरुआत

इंदिरा रसोई में जरूरतमंद लोगों को 8 रुपए में पौष्टिक खाना मिलेगा. इस खाने में लोगों को 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 6 चपाती और अचार दिया जा रहा है. सिंधी कैंप बस स्टैंड पर भी इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. यहां जब ईटीवी भारत ने लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि खाने की गुणवत्ता बहुत अच्छी है और उन्हें खाने में घर जैसा स्वाद मिल रहा है.

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इंदिरा रसोई में खाना खाते लोग

पढ़ें- प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोए, इसके लिए शुरू की गई इंदिरा रसोई: वन मंत्री सुखराम बिश्नोई

सिंधी कैंप आने वाले यात्रियों, आस-पास रहने वाले मजदूरों, ड्राइवरों, बस कंडक्टरों आदि को इस इंदिरा रसोई से फायदा होगा. कम पैसे में उन्हें यहां घर जैसा खाना मिलेगा. कंडक्टर और ड्राइवरों ने कहा कि वे दूरदराज से बस लेकर एक जिले से दूसरे जिले में आते-जाते हैं और कभी-कभी घर से खाना भी नहीं लाते. इसलिए अब उन्हें इंदिरा रसोई में घर जैसा खाना मिल सकेगा. यहां खाना खाने आए मजदूरों और अन्य लोगों ने कहा कि अब वे भविष्य में यहीं पर सुबह-शाम खाना खाने आएंगे.

CCTV से होगी निगरानी

इंदिरा रसोई में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो, इसलिए यहां मोबाइल एप और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी. सिंधी कैंप इंदिरा रसोई के इंचार्ज सतवीर ने बताया कि यहां आने वाले जरूरतमंदों को पहले 8 रुपए का टोकन कटवाना होगा. उसके बाद उसकी फोटो खींची जाएगी और उसका नाम भी लिखा जाएगा. साथ ही उसकी सारी जानकारी नगर निगम को भेजी जाएगी.

वहीं, टोकन के बाद उसे रसोई में टोकन देना होगा और वहां से खाना लेना होगा. खाना लेने के लिए जरूरतमंदों के लिए सेल्फ सर्विस रखी गई है. इंदिरा रसोई में जरूरतमंद लोगों के लिए बैठने की भी व्यवस्था की गई है ताकि वह आराम से बैठकर खाना खा सकें.

खाने पर 12 रुपए का अनुदान

बता दें कि खाने की कीमत सरकार को 20 रुपए पड़ेगी, लेकिन सरकार इस खाने पर 12 रुपए का अनुदान दे रही है. इसलिए जरूरतमंद लोगों को यह खाना 8 रुपए में ही मिलेगा. कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसी उद्देश्य के साथ गहलोत सरकार ने इंदिरा रसोई की शुरुआत की है.

भाजपा ने साधा निशाना

प्रदेश में 200 से ज्यादा नगर निकायों में करीब 358 इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई है. अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई करने को लेकर भाजपा ने नाराजगी जताई है. भाजपा का कहना है कि एक परिवार विशेष को खुश करने के लिए अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदल दिया गया है.

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