जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रही गुटबाजी के बीच बीजेपी विधायकों के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लिखे लेटर बम पर सियासत और भड़क गई है. पत्र के जरिए भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर पक्षपात का जो आरोप लगाया था, उसे खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सिरे से खारिज कर दिया. कटारिया ने इसके पीछे सीधे तौर पर षड्यंत्र की बात तो नहीं कही, लेकिन यह जरूर कहा कि बिन मौसम हो रही इस तरह की सियासी बरसात के पीछे कुछ तो बड़ा कारण है. भाजपा में चल रहे सियासी संग्राम के मामले में ईटीवी भारत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से खास बातचीत की.
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आरोप बेबुनियाद, कैलाश मेघवाल मुझे भी देते पत्र तो ठीक रहता
ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने करीब 20 विधायकों की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लिखे पत्र में लगाए आरोपों को सिरे से नकारा है. कटारिया ने यह भी कहा कि इस प्रकार का पत्र मुझे नहीं मिला है. कैलाश मेघवाल को मुझे भी पत्र देना चाहिए था ताकि मुझको पता तो चलता की आखिर हमसे कहां चूक हुई.
कटारिया ने कहा कि मुझे भी यह आरोप अखबारों के जरिए ही पता लगा, लेकिन मैं अब उन लोगों से पुछूंगा जिन्होंने यह पत्र लिखा है. आखिर ऐसे कौन से मुद्दे थे जो उन्होंने मुझे बताएं हो और मैंने वो प्रस्तावना लगाकर कोई दूसरा प्रस्ताव स्थगन पर लगा दिया हो.
लिखित में नहीं विधायक दल की बैठक में पूछेंगे कारण
गुलाबचंद कटारिया के अनुसार इस मामले में जिन विधायकों का रेफरेंस सामने आ रहा है, उनसे 24 फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक में जानकारी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से भी मैं विधायकों से मुलाकात कर इस बारे में पूछूंगा कि ऐसे कौन से सवाल उन्होंने उठाए जो उन्होंने मुझे स्थगन के रूप में लगाने के लिए दिए थे और मैंने नहीं लगाए.
कटारिया के अनुसार इस बारे में लिखित जवाब नहीं लिया जाएगा क्योंकि इससे विवाद और बढ़ता है. गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि जब व्यक्तिगत मुलाकात कर कारण जान लूंगा तो कोई कमी है तो उसमें सुधार किया जाएगा.
बेमौसम सियासी बरसात का कुछ तो कारण है
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से जब पूछा गया कि एकाएक प्रदेश भाजपा में गुटबाजी और इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं क्या उसके पीछे किसी नेता का कोई षड्यंत्र है. इस पर कटारिया ने कहा कि मैं इसे षड्यंत्र नहीं कहूंगा, लेकिन एकाएक बेमौसम सियासी बरसात क्यों हुई इसके पीछे कारण जरूर है. उन्होंने कहा कि इसे हमें भी समझना होगा और पत्र लिखने वालों को भी.
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कटारिया से पूछा गया कि बेमौसम बरसात से नुकसान तो बीजेपी की फसल को ही होगा तो कटारिया ने कहा कि कहीं बाहर बेमौसम की बरसात से फसल को ज्यादा फायदा होता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस प्रकार की घटना से हमें समय पर संभलने का मौका मिल गया हो.
ना बिखरे हुए थे और ना हैं
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से जब पूछा गया कि आप सदन के भीतर सरकार को घेरने की बात कहते हैं, लेकिन सदन के भीतर ही भाजपा के विधायक अलग-अलग धरों में नजर आने लगे हैं और अब तो पत्र के जरिए आरोप भी लगाने लगे हैं. इसपर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ना हम बिखरे हुए थे और ना हैं. हमने तो सदन में जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है.
कटारिया ने कहा यह बात तो मीडिया भी जानती है और सदन के रिकॉर्ड में भी दर्ज है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्यपाल के अभिभाषण में बीजेपी के 71 विधायकों में से 42 विधायकों को बोलने का मौका मिला और हमने लगभग हर विधायक को बोलने का मौका भी दिया है.
स्पीकर ने की थी इस बार नई व्यवस्था
ईटीवी भारत के खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस बार स्थगन प्रस्ताव को लेकर स्पीकर सीपी जोशी ने नई व्यवस्था की थी क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष इस बार पर्ची सिस्टम को बंद करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने विपक्ष की ओर से जो 4 प्रस्ताव प्रतिदिन लगते थे उसकी संख्या बढ़ाकर 8 कर दी. साथ ही यह भी तय कर दिया कि आप ही बता दें कि कौन से विधायक के स्थगन को सदन में रखना है. कटारिया ने कहा कि खुद स्पीकर यदि अच्छे कंटेंट वाले स्थगन प्रस्ताव हो तो वह स्वयं ही उसे प्रमोट भी करते हैं.
पार्टी किसी एक नेता ने खड़ी नहीं की
प्रदेश भाजपा में इन दिनों अगले मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे को प्रोजेक्ट करने से जुड़े बयान लगातार उनके समर्थक नेता दे रहे हैं. इससे जुड़ा सवाल जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी तो यही नहीं पता कि चुनाव कब होंगे तो फिर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई सवाल उठना ही नहीं चाहिए.
कटारिया ने यह भी कहा कि चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और कौन मुख्यमंत्री का अगला चेहरा होगा, यह तय करने का काम पार्लियामेंट्री बोर्ड का है. उन्होंने कहा कि उचित समय आएगा तो पार्टी आलाकमान और पार्लियामेंट्री बोर्ड इस पर निर्णय भी देगा. लेकिन, अभी तो बच्चा भी पैदा नहीं हुआ, भ्रूण भी नहीं बना और ये सवाल सामने आ रहे हैं जिसका अभी कोई औचित्य भी नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष से वसुंधरा राजे समर्थक के बयानों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अपने आप ही चुप हो जाएंगे. कटारिया ने यह भी कहा कि बीजेपी किसी एक नेता की बनाई हुई पार्टी नहीं है. यह पार्टी लाखों कार्यकर्ताओं के खून और पसीने से बनी हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है.