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'उपमुख्यमंत्री रहते मुझ पर राजद्रोह का चार्ज लगाना, SOG का नोटिस देना सही नहीं था'

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि मुझे पदों की चिंता नहीं है. साढ़े 6 साल पहले जिन लोगों ने मेरा साथ दिया और खून पसीना बहाया, उनकी मान सम्मान की रक्षा के लिए मैं लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. राजस्थान की जनता के साथ मेरा अटूट संबंध है. यह मेरी कर्म भूमि है और जीवन की आखिरी सांस तक मैं इन लोगों की सेवा करता रहूंगा, चाहे पद रहे या ना रहे.

etv bharat exclusive interview with pilot,  Rajasthan Congress News
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट
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Published : Aug 11, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 11:59 AM IST

जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक और आलाकमान से आश्वासन मिलने के बाद मंगलवार को करीब 1 महीने बाद उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जयपुर स्थित अपने सरकारी निवास पर पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर कहा कि किसी पर भी आरोप लगा देना, उंगली उठा देना, कीचड़ फेंक देना आसान होता है, लेकिन वास्तविकता और हकीकत क्या है यह जनता भी जानती है.

मैं भी इंसान हूं, मेरे अंदर भी भावना है- पायलट

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि हमलोगों ने जो मुद्दे उठाए थे, वह गवर्नेंस से जुड़े इश्यू थे, लीडरशिप के इश्यू थे, पब्लिक डिलीवरी के मुद्दे थे, नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी के इश्यू थे और उनके मान सम्मान के इश्यू थे. पार्टी ने उन सब मुद्दों को सुना है और उसका समाधान करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. यह कमेटी जल्द ही बैठक करके इन समस्याओं का निराकरण करेगी.

'कुछ नहीं बोलने के बाद भी एक्शन लिया गया, यह अनवांटेड था'

वहीं, खुद के और उनके साथ गए मंत्रियों-विधायकों को पदों से बर्खास्त करने पर उन्होंने कहा की मेरी जिम्मेदारी सब के प्रति है. जो विधायक जैसलमेर में है, जयपुर में है या कहीं और हैं मेरे अध्यक्ष रहते उन्हें टिकट मिली. उन्हें हमने चुनाव जितवाया है, लेकिन जो विधायक मेरे साथ गए थे किसी भी विधायक ने पार्टी के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है. इसके बावजूद भी उनके खिलाफ एक्शन लिया गया यह अनवांटेड था.

पढ़ें- मेरे मन में सब के लिए मान-सम्मान है जिसने जो कहा वो अपनी जाने मैं ईगो नहीं रखता: सचिन पायलट

सीएम अशोक गहलोत के नकारा और निकम्मा के बयान पर पायलट ने कहा कि मुझे मालूम है, मैंने देखा था मुझे नकारा-निकम्मा कहा, लेकिन मैंने रिस्पांस नहीं दिया. मुझे लगा कि यह स्वस्थ परंपरा नहीं है. राजनीति में आप का विरोध हो सकता है, नापसंद हो सकता है, असहमति हो सकती है, वैचारिक मतभेद हो सकता है और दुश्मनी भी हो सकती है, लेकिन शब्दों का चयन दुनिया देखती है. इसलिए मैंने बहुत कुछ सुनकर भी कोई रिस्पांस नहीं किया.

'मैं नहीं चाहता कि कोई गलत उदाहरण नौजवानों के सामने पेश हो'

पायलट ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि हम कोई गलत उदाहरण नौजवानों के सामने पेश करें. राजनेता क्या करते हैं और क्या कहते हैं, यह सब देखते हैं इसलिए मैंने सुनकर भी इसको पी लिया और कोई रिस्पांस नहीं किया. उन्होंने कहा कि आज भी सीएम गहलोत मुझसे उम्र में बड़े हैं, मेरा उनके प्रति केवल आदर और मान-सम्मान है. मेरा व्यक्तिगत उनसे कोई कुछ नहीं है.

'मैं भी इंसान हूं, मेरे अंदर भी भावना है'

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि सीएम ने कह दिया बात खत्म हो गई, लेकिन फिर भी इतना जरूर कहूंगा कि ऐसा नहीं है कि मुझे बुरा नहीं लगा. मैं भी इंसान हूं और मेरे अंदर की भावना है. उन्होंने कहा कि मैनें अपनी इच्छाशक्ति का इस्तेमाल कर अपने आपको रोका है.

'मुझे पदों की चिंता नहीं है'

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद पर नहीं रहने पर आगे की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे पदों की चिंता नहीं है. मैं जब राजस्थान आया था खाली हाथ आया था और पार्टी को जिंदा करने के लिए आया था. साढ़े 6 साल पहले जिन लोगों ने मेरा साथ दिया और खून पसीना बहाया, उनकी मान सम्मान की रक्षा के लिए मैं लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. राजस्थान की जनता के साथ मेरा अटूट संबंध है. यह मेरी कर्म भूमि है और जीवन की आखिरी सांस तक मैं इन लोगों की सेवा करता रहूंगा, चाहे पद रहे या ना रहे.

पढ़ें- पायलट की 'घर वापसी' के बाद BJP पर बरसे गहलोत, कहा- हमारे साथियों ने धज्जियां उड़ा दी...

इससे पहले मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि मुझ पर राजद्रोह के चार्ज लगाए गए, एसओजी का नोटिस मिला, उप मुख्यमंत्री रहते हुए यह सब कुछ हुआ यह न्याय उचित नहीं था. आपसी मनमुटाव को लेकर उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था तो मेरी जिम्मेदारी थी कि अपने कार्यकर्ता का मनमुटाव दूर करूं, इसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी एक मुखिया होने के नाते जिम्मेदारी है कि वह अगर कोई गतिरोध है तो उसे दूर करते हैं.

जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक और आलाकमान से आश्वासन मिलने के बाद मंगलवार को करीब 1 महीने बाद उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जयपुर स्थित अपने सरकारी निवास पर पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर कहा कि किसी पर भी आरोप लगा देना, उंगली उठा देना, कीचड़ फेंक देना आसान होता है, लेकिन वास्तविकता और हकीकत क्या है यह जनता भी जानती है.

मैं भी इंसान हूं, मेरे अंदर भी भावना है- पायलट

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि हमलोगों ने जो मुद्दे उठाए थे, वह गवर्नेंस से जुड़े इश्यू थे, लीडरशिप के इश्यू थे, पब्लिक डिलीवरी के मुद्दे थे, नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी के इश्यू थे और उनके मान सम्मान के इश्यू थे. पार्टी ने उन सब मुद्दों को सुना है और उसका समाधान करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. यह कमेटी जल्द ही बैठक करके इन समस्याओं का निराकरण करेगी.

'कुछ नहीं बोलने के बाद भी एक्शन लिया गया, यह अनवांटेड था'

वहीं, खुद के और उनके साथ गए मंत्रियों-विधायकों को पदों से बर्खास्त करने पर उन्होंने कहा की मेरी जिम्मेदारी सब के प्रति है. जो विधायक जैसलमेर में है, जयपुर में है या कहीं और हैं मेरे अध्यक्ष रहते उन्हें टिकट मिली. उन्हें हमने चुनाव जितवाया है, लेकिन जो विधायक मेरे साथ गए थे किसी भी विधायक ने पार्टी के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है. इसके बावजूद भी उनके खिलाफ एक्शन लिया गया यह अनवांटेड था.

पढ़ें- मेरे मन में सब के लिए मान-सम्मान है जिसने जो कहा वो अपनी जाने मैं ईगो नहीं रखता: सचिन पायलट

सीएम अशोक गहलोत के नकारा और निकम्मा के बयान पर पायलट ने कहा कि मुझे मालूम है, मैंने देखा था मुझे नकारा-निकम्मा कहा, लेकिन मैंने रिस्पांस नहीं दिया. मुझे लगा कि यह स्वस्थ परंपरा नहीं है. राजनीति में आप का विरोध हो सकता है, नापसंद हो सकता है, असहमति हो सकती है, वैचारिक मतभेद हो सकता है और दुश्मनी भी हो सकती है, लेकिन शब्दों का चयन दुनिया देखती है. इसलिए मैंने बहुत कुछ सुनकर भी कोई रिस्पांस नहीं किया.

'मैं नहीं चाहता कि कोई गलत उदाहरण नौजवानों के सामने पेश हो'

पायलट ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि हम कोई गलत उदाहरण नौजवानों के सामने पेश करें. राजनेता क्या करते हैं और क्या कहते हैं, यह सब देखते हैं इसलिए मैंने सुनकर भी इसको पी लिया और कोई रिस्पांस नहीं किया. उन्होंने कहा कि आज भी सीएम गहलोत मुझसे उम्र में बड़े हैं, मेरा उनके प्रति केवल आदर और मान-सम्मान है. मेरा व्यक्तिगत उनसे कोई कुछ नहीं है.

'मैं भी इंसान हूं, मेरे अंदर भी भावना है'

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि सीएम ने कह दिया बात खत्म हो गई, लेकिन फिर भी इतना जरूर कहूंगा कि ऐसा नहीं है कि मुझे बुरा नहीं लगा. मैं भी इंसान हूं और मेरे अंदर की भावना है. उन्होंने कहा कि मैनें अपनी इच्छाशक्ति का इस्तेमाल कर अपने आपको रोका है.

'मुझे पदों की चिंता नहीं है'

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद पर नहीं रहने पर आगे की रणनीति को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे पदों की चिंता नहीं है. मैं जब राजस्थान आया था खाली हाथ आया था और पार्टी को जिंदा करने के लिए आया था. साढ़े 6 साल पहले जिन लोगों ने मेरा साथ दिया और खून पसीना बहाया, उनकी मान सम्मान की रक्षा के लिए मैं लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. राजस्थान की जनता के साथ मेरा अटूट संबंध है. यह मेरी कर्म भूमि है और जीवन की आखिरी सांस तक मैं इन लोगों की सेवा करता रहूंगा, चाहे पद रहे या ना रहे.

पढ़ें- पायलट की 'घर वापसी' के बाद BJP पर बरसे गहलोत, कहा- हमारे साथियों ने धज्जियां उड़ा दी...

इससे पहले मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि मुझ पर राजद्रोह के चार्ज लगाए गए, एसओजी का नोटिस मिला, उप मुख्यमंत्री रहते हुए यह सब कुछ हुआ यह न्याय उचित नहीं था. आपसी मनमुटाव को लेकर उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था तो मेरी जिम्मेदारी थी कि अपने कार्यकर्ता का मनमुटाव दूर करूं, इसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी एक मुखिया होने के नाते जिम्मेदारी है कि वह अगर कोई गतिरोध है तो उसे दूर करते हैं.

Last Updated : Aug 12, 2020, 11:59 AM IST
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